छत्तीसगढ में 12 नक्सलियों की मौत
मुठभेड में डीआरजी के तीन जवान शहीद

* बीजापुर- दंतेवाडा जिले के सीमा क्षेत्र की घटना
गढचिरोली/दि.4- छत्तीसगढ के बीजापुर- दंतेवाडा जिले की सीमा पर बुधवार 3 दिसंबर को सुरक्षा बल के साथ हुई मुठभेड में 12 नक्सलियों की मृत्यु हो गई तथा जिला आरक्षित बल के तीन जवान शहीद हो गए. इस कारण केवल छत्तीसगढ में इस वर्ष में हुई विविध मुठभेड में मृत नक्सलियों की संख्या 275 हो गई हैं. इसमें से 246 नक्सलवादी मस्टर विभाग में मौत के घाट उतारे गए है.
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक बीजापुर- दंतेवाडा की सीमा पर बडी संख्या में नक्सलवादी किसी बडी घटना को अंजाम देने के मकसद से एकत्रित होने की गोपनीय जानकारी यंत्रणा को मिली थी. इस आधार पर डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा सुरक्षा बल के विशेष कमांडो के संयुक्त दल ने बुधवार को सुबह 9 बजे से परिसर में खोज अभियान शुरू किया. इस अभियान के दौरान छीपे बैठे नक्सलियों ने पुलिस की दिशा में गोलीबारी शुरू की. लेकिन इसका मुंहतोड जवाब देते हुए जवानों ने भी जमकर गोलीबारी की. इसमें तीन जवार शहीद हो गए. मुठभेड के बाद जवानों ने परिसर में खोज अभियान चलाया तब अब तक 12 नक्सलियों के शव बरामद हुए. लेकिन अब तक उनकी शिनाख्त नही हो पायी है. घटनास्थल से एसएलआर और 303 बंदूक समेत भारी मात्रा में शस्त्र जब्त किए गए हैं.
* घायलों को सुरक्षित स्थल ले जाया गया
शहीद हुए तीन जवानों में मुख्य हेड कांस्टेबल मोनू वडाडी, दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोधी का समावेश है. इसके अलावा जवान सोनदेव यादव समेत दो घायल हुए है. उन्हें प्राथमित उपचार के बाद सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. सोमदेव यादव की हालत स्थिर बताई गई है.
* हिंसक घटनाओं में कमी
देश को नक्सलमुक्त करने के लिए केंद्र सरकार द्बारा अमल में लायी गई नीति के कारण हिंसाचार में काफी कमी आयी है. 2014 से 2024 के दशक में हिंसक घटनाओं की संख्या कम होकर 7744 तक पहुंच गई है. जो पिछले दशक से करीबन 53 प्रतिशत कम हैं. 2010 में सर्वाधिक हिंसक घटना की संख्या (1936) से कम होकर 2024 में 374 तक पहुंच गई है जो 81 प्रतिशत कम हैं. नक्सलियों के प्रभाववाले जिले भे 126 से घटकर 2015 में 11 तक पहुंच गए हैं. वर्तमान स्थिति में नक्सल संगठन के पॉलिट ब्यूरो और केंद्रीय समिति के केवल 6 सदस्य शेष है. सक्रिय सदस्यों की संख्या भी बडी संख्या में कम हुई हैं. छत्तीसगढ के सुकमा, बिजापुर और नारायणपुर यह केवल तीन जिले अतिनक्सल प्रभावित है. 15 अक्तूबर के बाद महाराष्ट्र का गढचिरोली जिला भी इसमें छोड दिया गया हैं. छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडीशा, तेलंगना और आंध्र प्रदेश के सीमा क्षेत्र में अभी भी कुछ मात्रा में नक्सलवादियों की गतिविधियां हैं.





