मेलघाट में 15 बाघ, 16 तेंदुए दिखाई दिए

बुध्द पूर्णिमा की प्राणी गणना

* मचानों पर चढे थे विविध राज्यों के पर्यटक
* जंगल महकमे ने उपलब्ध करवाई सुविधाएं
अमरावती / दि. 16 बुध्द पूर्णिमा की रात तेज चंद्र प्रकाश में प्राणी गणना की परंपरा गत सोमवार निभाई गई और देखा गया कि मेलघाट के जंगल में 15 बाघ और 16 तेंदुए रात में पोखर और जलस्त्रोत पर पानी पीने आए. इसके अलावा लगभग 59 रीछ, 272 नीलगाय, 400 से अधिक सांभर व अन्य पशु देखे गये. वन विभाग ने पर्यटकों के लिए 197 मचान बनाए थे. जहां सुरक्षा गार्ड और व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई गई. इन सुविधाओं का सैकडों की संख्या में पर्यटकों ने लाभ लिया. जिनमें अन्य प्रांतों से आए वन्यजीव प्रेमी शामिल थे. वनाधिकारियों ने बताया कि मुुंबई, गोवा, गुजरात के भी पर्यटक आवेदन कर इस प्राणी गणना में सहभागी हुए थे.
मेलघाट बाघ प्रकल्प में गूगामल, अकोट और अकोल उपविभाग शामिल है. 5 अभयारण्यों में सैकडों की संख्या में वन्यजीव देखे गये. जिसमें मेलघाट के तीन वन्यजीव भागों में 9 बाघ, 8 तेंदुए और अन्य पशु देखे गये. पांढरकवडा क्षेत्र में 6 बाघ और 18 भालू के अलावा नीलगाय व अन्य प्राणियों के दर्शन हुए. अकोट वन्यजीव विभाग में भी 8 तेंदुए, 4 तडस, 19 रीछ, 43 नीलगाय वन्य जीवों का दर्शन हुआ. बुध्द पूर्णिमा को फुल मून रहने से इसी रात वन्यजीव देखे जाते है. उनकी गिनती का प्रयत्न होता है.
मेलघाट के वनक्षेत्र संचालक एम आदर्श रेड्डी, उपवन संरक्षक जय कुमारन, सुमंत सोलंके, विभागीय वन अधिकारी यशवंत बहाले, उत्तम फड, मनोज खैरनार, निमजे,स्वप्निल बांगडे, अतुल तीखे, आनंद विपट आदि की देखरेख में प्राणी गणना होने की जानकारी दी गई.
नैचर एक्सपीरियंस ने मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर, परभणी, नांदेड, बुलढाणा और मध्यप्रदेश तथा गुजरात के प्रकृति प्रेमियों ने अदभूत अनुभव लिया.बाघ देख पर्यटक रोमांचित नजर आए. वही लकडबग्घा को देख उसे श्वान समझ लिया गया था.

 

Back to top button