शक्तिपीठ महामार्ग के भूसंपादन हेतु 20 हजार करोड

कैबिनेट की बैठक में फैसला, 8 बडे निर्णय लिए गए

मुंबई /दि.24- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता के तहत आज हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में महाराष्ट्र के 18 तीर्थक्षेत्रों को जोडनेवाले शक्तिपीठ महामार्ग के लिए भूसंपादन हेतु 20 हजार करोड रुपयों के प्रावधान को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मान्यता दी गई. साथ ही साथ कैबिनेट की बैठक में 8 बडे निर्णय भी लिए गए.
बता दें कि, वर्धा जिले के पवनार से सिंधुदुर्ग जिले के पत्रादेवी तक महाराष्ट्र व गोवा की सीमाओं को जोडनेवाले शिघ्र संचार द्रुतगति महामार्ग के तौर पर महाराष्ट्र शक्तिपीठ महामार्ग का निर्माण किया जा रहा है. जो राज्य के साढे तीन शक्तिपीठों सहित दो ज्योतिर्लिंगों तथा पंढरपुर व अंबेजोगाई के साथ-साथ 18 तीर्थक्षेत्रों को जोडेगा. जिसे प्रकल्प महामंडल द्वारा पूरा किया जाएगा. इस प्रकल्प की रुपरेखा तय करने के साथ ही प्रकल्प हेतु भूसंपादन के लिए 20 हजार करोड रुपए के प्रावधान को राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है.
इसके अलावा आदिवासी सरकारी छात्रावासों में रहनेवाले विद्यार्थियों के निर्वाह भत्ता, शैक्षणिक सहित्य खरीदी भत्ता व आहार भत्ता में वृद्धि की गई है. जिसके तहत प्रति माह मिलनेवाले निर्वाह व आहार भत्ते में दोगुनी वृद्धि करने के साथ ही वार्षिक शैक्षणिक साहित्य खरीदी भत्ते में भी वृद्धि को मंजूरी दी गई है. वहीं कोयना बांध के पायथा विद्युत गृह प्रकल्प को संशोधित प्रशासकीय मान्यता दी गई है और महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर अधिनियम 2017 में सुधार कर आगामी अधिवेशन में महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर विधेयक लाए जाने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम कंपनियों के लिए महाराष्ट्र कर, ब्याज, शास्ती व विलंब शुल्क के बकाए का समायोजन करने हेतु संशोधन विधेयक लाने को भी मंजूरी दी गई. इसके अलावा बांद्रा पूर्व में उच्च न्यायालय हेतु आरक्षित भूखंड पर विस्थापितों को दिए जानेवाले 31 करोड 75 लाख रुपए का शुल्क माफ करने के साथ ही यहां से विस्थापितों के अनिवासी व निवासी निर्माण सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग को निशुल्क हस्तांतरित करने का भी निर्णय लिया गया. वहीं पिंपरी चिंचवड मनपा क्षेत्र अंतर्गत मौजे चिखली स्थित दफन भूमि के 1 हेक्टेअर 75 आर क्षेत्रफल में से 40 फीसद यानि 7 हजार चौरस मीटर क्षेत्रफल वाली जगह महिला शुद्धीकरण केंद्र यानि एसटीपी के प्रयोग हेतु उपयोग में लाए जाने को मंजूरी दी गई. साथ ही साथ महाराष्ट्र नागरी मूलभूत सुविधा विकास कर्ज योजना अंतर्गत हुडको संस्था द्वारा लिए जानेवाले 2 हजार करोड रुपए के कर्ज को सरकारी गैरंटी देने तथा गैरंटी शुल्क को माफ करने का निर्णय भी लिया गया. जिसमें छत्रपति संभाजी नगर महानगर पालिका के जलापूर्ति प्रकल्प के हिस्से वाले 822 करोड 22 लाख रुपए, नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण के 4 मलनिस्सारण प्रकल्प के हिस्से वाले 268 करोड 84 लाख रुपए तथा मीरा भाईंदर महानगर पालिका के जलापूर्ति प्रकल्प के हिस्से वाले 116 करोड 28 लाख रुपए की मांगों का समावेश है.

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