रंगरोगन के खर्च में 20 से 25 फीसद की वृध्दि
अधिकांश लोगों ने इस बार रंगाई-पुताई टाली

कपडे व किराणा पर खर्च को दी जा रही पहली प्राथमिकता
अमरावती दि.21– अमूमन लोगबाग हरसाल दीपावली के पर्व पर अपने घरों की रंगाई-पुताई करते है, ताकि घर साफ-सूथरा और लक-दक दिखाई दे. लेकिन इस वर्ष रंगाई-पुताई पर होनेवाला खर्च 20 से 25 फीसद बढ गया है. जिसके चलते कई लोगों ने इस बार दीपावली के समय कपडे व किराणा पर होनेवाले खर्च को पहली प्राथमिकता देते हुए रंगाई-पुताई करना टाल दिया और घर की केवल साफ-सफाई करते हुए दीपावली मनाने का निर्णय लिया.
उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष सभी पेन्ट कंपनियों ने दीपावली से पहले तीन बार रंगों व पेन्ट के दाम में वृध्दि की है. जिसके चलते रंगाई-पुताई पर होनेवाला खर्च अचानक ही बढ गया है. विगत दो वर्षों के दौरान दीपावली के समय लोगबाग अपेक्षित खर्च नहीं कर पाये. साथ ही प्रतिबंधात्मक नियम जारी रहने के चलते रंगाई-पुताई भी नहीं करवा पाये. वहीं इस वर्ष बढती महंगाई के चलते रंगाई-पुताई करना मुश्किल नजर आ रहा है. विगत दो वर्षों के दौरान कोविड संक्रमण की वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही काफी डावाडौल रही. वहीं इस बार बाढ व बारिश की वजह से खेती-किसानी में हुए नुकसान का असर भी लोगों की आर्थिक स्थिति पर पडा. जिसके चलते इस बार दीपावली पर लोगों का हाथ पहले से ही काफी तंग है. जिसके चलते लोगबाग किसी भी काम पर खर्च करने से पहले अनेकोें बार सोच रहे है. इसी मानसिकता के तहत कई लोगों ने इस बार अपने घरों की रंगाई-पुताई करने को टाल दिया है. अन्यथा उन्हें कपडे व किराणा जैसी वस्तुओं की खरीदी पर होनेवाले खर्च में कटौती करनी पडी.
* गत वर्ष दीपावली के बाद हुई थी दरवृध्दि
इस समय दिनोंदिन नागरिकोें का रूझान बडे शहरोें की ओर बढ रहा है. जिसके चलते शहरी क्षेत्र में नये-नये निर्माण कार्य हो रहे है और बहुमंजिला इमारतें तैयार हो रही है. ऐसे में पूरे सालभर नई इमारतों व घरों में रंगाई-पुताई का काम चलता ही रहता है. जिसके चलते पेन्ट की मांग पूरे सालभर बनी रहती है. यहीं वजह है कि, विगत वर्ष मांग में उछाल आने की वजह से दीपावली के बाद पेन्ट के दामों में वृध्दि हुई और तब से लेकर अब तक करीब तीन बार पेन्ट के दाम बढ चुके है.
* पेन्ट के साथ ही थिनर के दाम भी बढे
गाढे रहनेवाले पेन्ट को पतला करने में थिनर का प्रयोग किया जाता है. लेकिन इस वर्ष थिनर के दाम पेट्रोल से भी काफी अधिक महंगे है. जिसके चलते रंगाई-पुताई करना महंगा हो गया है. साथ ही रंगाई-पुताई में लगनेवाले अन्य साहित्यों के भी दाम बढ गये है.
* 25 फीसद से बढा कुल खर्च
देश में महंगाई ने अच्छा-खासा कहर ढा रखा है. इसमें भी विगत आठ-नौ माह से चल रहे रशिया-ुयुक्रेन युध्द ने रही-सही कसर भी पूरी कर ली. पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों का आयात घट जाने की वजह से पेन्ट के दामों में उछाल आया है. इसके अलावा अन्य साजो-सामान के भी दाम बढे हुए है. जिसके चलते रंगाई-पुताई पर होनेवाला खर्च करीब 25 फीसद से बढ गया है.





