गोंदिया के आयकर छापे में 200 करोड का घपला उजागर
नागपुर की कई सीए फर्म और संस्थाएं रडार पर

* एक साथ 150 जगहों पर हुई है आयटी रेड
गोंदिया/नागपुर/दि.16-आयकर विभाग द्वारा मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर, मुंबई, नाशिक, नागपुर और गोंदिया में एक साथ 150 जगहों पर मारे गए छापे के बाद सर्वत्र हलचल मची है, खासकर गोंदिया में पडे आयकर छापे में 200 करोड का रिफंड घोटाला उजागर होने का दावा किया जा रहा है. यह भी बताया गया कि, आयकर की इस कार्रवाई पश्चात नागपुर की चार्टर्ड अकाउंटंट कंपनियों और अनेक सामाजिक संस्था, ट्रस्ट आयकर विभाग के रडार पर आ गए हैंं.
सूत्रों ने बताया कि, गोंदिया की आयकर विभाग की कार्रवाई में कर वंचकों ने न केवल टैक्स की चोरी का अंदेशा है, बल्कि उन्होंने आयकर छूट और विभिन्न कर रियायतों का गलत उपयोग किया है. मकान किराया भत्ता, राजनीतिक दलों को डोनेशन, शिक्षा लोन पर ब्याज, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, होमलोन के ब्याज, इलेक्टिक वाहनों की छूट और चैरिटेबल तथा शोध संस्थाओं को कैंसर के इलाज के लिए दी गई रियायतों का दुरुपयोग किए जाने का दावा आयकर सूत्र कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि, अनेक प्रकरणों में झूठे रिफंड दावे करने के साथही बोगस टैक्स रियायत ली गई. अत: आयकर विभाग ने पूरे प्रदेश में व्यापक अभियान छेडकर छापामार कार्रवाई शुरु की है.
प्राथमिक जांच में यह भी उजागर हुआ है कि, कर कानूनों की खामियों का दुरुपयोग किया गया है. करोडों रुपए के रिफंड अवैध रुप से प्राप्त किए गए हैं. आयकर विभाग ने अब एक-एक कागज और जानकारी की बारीकी से जांच शुरु कर दी है, जिससे पूरे घपले-घोटाले की राशि का पक्का आंकडा सामने आ सके. अधिकारियों ने कहा कि, जांच पूर्ण होने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरु की जाएगी.
इन धाराओं का किया गया दुरुपयोग
अधिकारियों ने प्राथमिक विश्लेषण पश्चात पाया कि, आयकर कानून की विभिन्न धाराओं का भयंकर दुरुपयोग इन लोगों ने किया है. जिसमें धारा 10 (13 ए) 80 जीजीसी, 80 ई, 80 डी, 80 ईई, 80 ईईबी, 80 जी, 80 जीजीए और 80 डीजीबी जैसी धाराओं का समावेश रहने की जानकारी अधिकारियों ने ही दी. उन्होंने बताया कि, बगैर न्यायिक खुलासे के उपरोक्त धाराओं में रिफंड क्लेम किए गए बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सार्वजनिक उद्यम, सरकारी संस्थाएं, शैक्षणिक संस्थाओं के कर्मचारियों और उद्यमियों को लपेटा गया है. एकसाथ थोक में ऑनलाइन विवरणी दाखिल करते हुए आयकर रिटर्न इस अंदाज में बनाए गए की जल्द पकड में न आ सकें.





