21 माह की नन्हीं बालिका ने इतिहास रचा

जलतरण स्पर्धा में राष्ट्रीय स्तर पर किया नाम रोषण

* इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम हुआ शामिल
रत्नागिरी/दि.4- कोकण के रत्नागिरी की वेदा सरफरे नामक नन्हीं बालिका ने जलतरण स्पर्धा में राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोषण किया है. सबसे आच्छर्यजनक बात यानी केवल 9 माह की रहते उसने तैरने का अभ्यास शुरू किया. वेदा देश की सबसे छोटी जलतरण खिलाडी साबित हुई है. 1 वर्ष 9 माह की रहते उसने 100 मीटर की दूरी 10 मिनट 8 सेकंड में पूर्ण कर इंडियन बुक ऑफ रेकॉर्ड में स्थान प्राप्त किया.
बच्चोंं केे पैर हमेशा पानी में दिखाई देते है, ऐसा कहा जाता है. लेकिन इस बच्ची के पैर केवल 9 माह में ही पानी में तैरते दिखाई दिए. 9 माह की रहते वेदा ने रत्नागिरी के शासकीय जलतरण तालाब में तैरने की शुरूआत की. वेदा परेश सरफरे का सफर केवल एक साल 9 माह का रहते इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड तक पहुंच गया है. 100 मीटर की दूरी 10 मिनट और 8 सेकंड में पूर्ण कर वेदा भारत की सबसे छोटी जलतरण खिलाडी बनी है. 9 माह की बच्ची जो रोना छोडकर तैरना सिख रही थी. वेदा का बडा भाई शासकीय जलतरण तालाब में हर दिन अभ्यास करता है वह भी राज्यस्तरीय स्पर्धा में शामिल हुआ है. रूद्र को लेकर उसकी मां पायल सरफरे, शासकीय जलतरण तालाब पर आती थी. उस समय उसकी कमर पर बैठकर वेदा जलतरण तालाब की तैराकी देखता था. एक दिन प्रशिक्षक महेश मिलके ने वेदा को पानी में छोडा तब वह न रोई और न भयभीत हुई. उसने पानी में हाथ-पैर मारकर पानी से जैसे दोस्ती कर ली. धीरे-धीरे वह तैरने लगी. जलतरण तालाब के तट पर पानी में नजर दौडाते समय उसका आत्मविश्वास दिखाई देता है. जिद्द, आत्मविश्वास, आत्मशक्ति के बल का मेल उचित रूप से हुआ तो कोई भी कठिन काम सफल हो सकता है. यही बात इससे साबित होती है. रत्नागिरी की इस बालिका ने जलतरण खिलाडी के रूप में शुरू किया यह सफल सभी को आश्चर्यचकित करनेवाला साबित हो रहा है.

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