जिले में सात महीनों में मिले 226 नए कुष्ठ रोगी

कुष्ठ रोग की पुष्टि होते ही मरीज का पंजीकरण करना अनिवार्य

अमरावती/दि.4 – सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने कुष्ठ रोग को सूचित करने योग्य बीमारी घोषित किया है. इसके तहत कुष्ठ रोग की पुष्टि होते ही संबंधित सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य संस्थानों को मरीज का पंजीकरण दो सप्ताह के भीतर जिला स्वास्थ्य कार्यालय, सहायक संचालक (स्वास्थ्य सेवा कुष्ठ रोग) तथा स्थानीय नागरी स्वास्थ्य अधिकारियोंं के पास करवाना अनिवार्य होगा. उल्लेखनीय हैं कि अमरावती जिले में अप्रैल से अक्तूबर के सात महिनोंं की अवधि में कुल 226 नए कुष्ठ रोगियों का पंजीकरण किया गया हैं. कुष्ठ रोग मायकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से होता हैं. यह एक संक्रामक रोग हैं जो मुख्यत: त्वचा, नसों, आंखों और अन्य अंगो को प्रभावित करता हैं. इस बीमारी को लेकर समाज में अब भी डर, गलतफहमी और भेदभाव जैसी मानसिकता देखी जाती हैं. ऐसा स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया हैं कि यदि रोग का प्रारंभिक चरण में पता न चले और उपचार में विलंब हो, तो मरीज के शरीर में विकृति उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए समय पर रोग की पहचान और संपूर्ण औषधीय उपचार ही कुष्ठ रोग नियंत्रण के प्रमुख उपाय हैं विभाग ने वर्ष 2027 तक शुन्य कुष्ठ रोग प्रसार का लक्ष्य निर्धारित किया हैं. इसमें संक्रमण की श्रृंखला को पूर्णत: तोंडना, प्रसार को शून्य करना, बच्चो में विकृति के मामलों को समाप्त करना और कृष्ठ रोगियों के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव को खत्म करना शामिल हैं.
17 नवंबर से चलेगा कृष्ठ रोग खोज अभियान : अमरावती जिले में 17 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच कुष्ठ रोगी खोज अभियान पखवाडा आयोजित किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य वर्ष 2027 तक शून्य कुष्ठ रोग प्रसार का लक्ष्य हासिल करना हैं.
381 मरीज हुए कृष्ठ रोग से मुक्त, 331 उपचाराधीन
जिले में अप्रैल से अक्तूबर 2025 की अवधि में कुल 226 नए कुष्ठ रोगी सामने आए हैं. वर्तमान में जिले में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 331 हैं. वही, अप्रैल 2023 से अक्तूबर 2025 के बीच 381 मरीजों के पूरी तरह रोगमुक्त होने की जानकारी कुष्ठ रोग विभाग ने दी हैं
* नागरिकों को डरने की आवश्यकता नहीं : नागरिकोें को कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं हैं. यदि लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें, क्योंकि यह रोग पुरी तरह से ठीक हो सकता हैं. बस समय पर रोग की पहचान और उपचार जरूरी हैं. वर्तमान में जिले में 331 मरीज उपचाररधीन हैं.
डाँ. पूनम मोहोकार,
सहायक संचालक, स्वास्थ्य सेवा (कुष्ठ रोग), अमरावती

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