अतिवृष्टिग्रस्तों हेतु 31,628 करोड का पैेकेज घोषित

आपदा प्रभावितों के लिए राज्य सरकार ने खोली तिजोरी

* बर्बाद खेती-किसानी के लिए मिलेंगे प्रति हेक्टेअर 3.50 लाख रुपए
* नुकसानग्रस्त गोठे व दुकानों के लिए 50 हजार रुपए, प्रति मुर्गी 100 रुपए का मुआवजा
* बाढ प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ, सीएम फडणवीस ने की बडी घोषणा
मुंबई /दि.7- राज्य के अतिवृष्टिग्रस्त किसानों को आर्थिक सहायता देने हेतु राज्य सरकार ने आज हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी तिजोरी का मुंह खोल देने का निर्णय लिया है. जिसके तहत अतिवृष्टि प्रभावितों के लिए 31 हजार 628 करोड रुपयों का पैकेज घोषित किया गया है. जिसके बारे में जानकारी देते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि, जिन किसानों की जमीन अतिवृष्टि व बाढ के पानी में बह गई है, उन्हें राज्य सरकार की ओर से प्रति हेक्टेअर 3.47 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. इसके साथ ही आज हुई कैबिनेट बैठक में आपदा प्रभावितों को सहायता देने हेतु 10 बडे निर्णय लिए गए है. जिसके तहत आपदा प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्णय भी शामिल है.
बता दें कि, विगत सप्ताह राज्य में चहुंओर मूसलाधार बारिश होने के चलते आम जनजीवन अस्तव्यस्त होने के साथ-साथ खेती-किसानी का जबरदस्त नुकसान हुआ था. जिसमें से मराठवाडा क्षेत्र में अतिवृष्टि की वजह से नुकसान का प्रमाण काफी अधिक रहा. ऐसे में अतिवृष्टि व बाढ प्रभावित किसानों द्वारा सरकार से मदद मिलने की प्रतीक्षा की जा रही थी और सभी की निगाहें आज होनेवाली मंत्रिमंडल की बैठकी ओर लगी हुई थी. क्योंकि इस बैठक से पहले ही सीएम फडणवीस ने कहा था कि, सभी प्रभावित किसानों के खाते में दीपावली से पहले सहायता राशि जमा हो जाएगी. वहीं अब दीपावली पर्व में कुछ ही दिन का समय शेष रहने पर राज्य सरकार ने अतिवृष्टि प्रभावितों हेतु सहायता का पैकेज घोषित कर दिया है. जिसे किसानों हेतु घोषित किया गया अब तक का सबसे बडा पैकेज माना जा रहा है.
इस पैकेज के संदर्भ में जानकारी देते हुए सीएम फडणवीस ने बताया कि, किसी किसान द्वारा रबी की फसल ली जा रही है अथवा नहीं, इसका विचार किए बिना हम प्रत्येक किसान को 10 हजार रुपए की मदद करनेवाले है. साथ ही किसानों को तुरंत पैसा वितरित करना शुरु किया जाएगा. इसमें किसी भी तरह की कमी अथवा वृद्धि करने के बारे में विधान मंडल के शितकालिन सत्र में निर्णय लिया जाएगा. सीएम फडणवीस ने बताया कि, राज्य में अतिवृष्टि के चलते 68 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है और 29 जिलो में नुकसान का प्रमाण थोडा अधिक रहा. लेकिन सरकार ने 253 तहसीलों को अपने पैकेज में शामिल किया है. जिसमें 2059 राजस्व मंडलों का समावेश है. इसके लिए 65 मिमी बारिश की शर्त नहीं रखी गई, बल्कि सीधे तौर पर मदद करने का निर्णय लिया गया. साथ ही सीएम फडणवीस ने यह भी बताया कि, अतिवृष्टि ग्रस्त जिलों के किसानों को अधिक से अधिक रकम दीपावली से पहले देने का पूरा प्रयास रहेगा. वर्षाजनिक हादसों में मृत हुए लोगों के परिजनों को पहले ही आर्थिक सहायता दी जा चुकी है और जो बाते रह गई है, उन्हें दिवाली से पहले पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. इसके तहत करीब 18 हजार करोड रुपयों से अधिक रकम क्रॉफ्ट कंपनसेशन के जरिए सरकार द्वारा देने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए सरकार द्वारा अपनी जेब से पैसा खर्च करने के साथ ही मुख्यमंत्री सहायता निधि से रकम ली जाएगी. साथ ही साथ सरकार को कुछ कंपनियों ने अपना सीएसआर फंड देना भी स्वीकार किया है. जिसके जरिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई को अबाधित रखने का प्रयास किया जाएगा.
* सहायता पैकेज की प्रमुख बातें
– दुधारु जानवरों हेतु 37 हजार रुपए.
– गाद भरे कुओं हेतु 30 हजार रुपए.
– कुक्कुटपालन हेतु 100 रुपए प्रति मुर्गी.
– बारिश में नष्ट व नुकसानग्रस्त घरों के निर्माण हेतु मदद.
– पहाडी क्षेत्र के घरों हेतु 10 हजार रुपए.
– गोठा व दुकानों हेतु 50 हजार रुपए.
– विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ.
– फसल नुकसान हेतु प्रति हेक्टेअर 10 हजार रुपए.
– मौसमी बागायती खेत नुकसान हेतु प्रति हेक्टेअर 27 हजार रुपए.
– बागायती खेत नुकसान हेतु प्रति हेक्टेअर 32 हजार रुपए.
– बीमा व्यतिरिक्त किसानों हेतु प्रति हेक्टेअर 17 हजार रुपए.
– असिंचित किसानों हेतु 50 हजार रुपए.
– बीमा रहनेवाली बागायती खेती हेतु 50 हजार रुपए.

* अगर कुछ छूट गया है, तो उसका भी समावेश करेंगे
इसके साथ ही इस पैकेज के बारे में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार ने कहा कि, दो हेक्टेअर तक एनडीआरएफ व केंद्र सरकार के मानक होते है और उससे उपर का भार राज्य सरकार द्वारा उठाया जा रहा है. इस बारे में बेहद बारिकी से विचार करते हुए किसी भी घटक के वंचित नहीं रहने का खयाल रखा गया. परंतु अलग-अलग क्षेत्रों की भौगोलिग स्थिति भी अलग-अलग रहती है. ऐसे में यदि किसी क्षेत्र को लेकर कोई बात छूट गई है, तो हम उसे भी राहत पैकेज में शामिल करने की तैयारी में है.

* यह अंतिम मदद नहीं, कोई गलत कदम न उठाएं किसान
इसके साथ ही राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, राज्य सरकार की ओर से घोषित यह अंतिम सहायता नहीं है, बल्कि आगे भी किसानों को अधिक से अधिक सहायता करने के बारे में विचार किया जा रहा है. अत: किसानों ने कोई भी गलत अथवा आत्मघाती कदम नहीं उठाना चाहिए. साथ ही डेप्युटी सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, तमिलनाडू व पंजाब की सरकारों की तुलना में महाराष्ट्र सरकार ने ज्यादा बडा पैकेज घोषित किया है तथा किसानों की जरुरतों का सरकार की ओर से पूरा आकलन किया जा रहा है, ताकि किसानों को सहायता देने में किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए.

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