शहर में 34 लोगों को मीसा बंदी पेंशन

अब मिलेगी दोगुनी राशि

* स्पाउस का भी बढाया मानधन
* कैबिनेट के निर्णय से लाभार्थी खुश
अमरावती/ दि. 17- 1975 की 25 जून को देश में आपातकाल की घोषणा हुई थी. उसे अब 50 बरस पूर्ण होनेवाले हैं. ऐसे में आपातकाल दौरान मीसा और डीआईआर के तहत बंदी बनाए गये लोगों को कुछ वर्षो से दिया जा रहा मानधन दोगुना करने का निर्णय राज्य शासन ने मंगलवार की कैबिनेट बैठक में किया. अमरावती में अभी भी 34 लोगों को यह मानधन प्राप्त हो रहा है. स्वाभाविक है कि कैबिनेट के निर्णय से यह लोग प्रसन्न हो गये हैं. कुल लाभार्थियों की संख्या 84 हैं. मीसा बंदी के जीवन साथी को भी आधा मानधन दिया जा रहा है. मंगलवार के कैबिनेट फैसले में यह मानधन भी दोगुना किया गया. इससे उनके जीवनयापन में थोडा सहारा बढ जाने की जानकारी अमरावती मंडल को मधुसूदन उमेकर और श्रीकृष्ण जोगलेकर ने दी.
अमरावती में इमरजेंसी मानधन धारकों में श्रीमती कांतिबेन जोशी, शिवकिसन ऐदानजी व्यास, सुदाम शंकर कावरे, धनराज माणिकराव आमले, श्रीकांत देशपांडे, श्रीकृष्ण पोकले, गोपाल पचारे, विठ्ठल पोकले, सुधाकर चिरडे, लक्ष्मीकांत टावरी, संजय रेवतकर, वीरेंद्र धोपाले,मधुसूदन उमेकर, राजेंद्र बाकरे, श्रीकांत कुटुंबे, सुनील सरोदे, सुरेश मापारी, अशोक सांगोले, चंद्रशेखर देशपांडे, अरूण जोशी, जयंत जोगलेकर, संजय देशपांडे, विवेक आंबेकर, पदमाकर चुने, गंगाधर मारूडकर, वसंत पाठक, पुरूषोत्तम वाघनालकर, देवेन्द्र लक्ष्मण गुप्ता, श्रीकृष्ण जोगलेकर, सुधाकर ढोके, संजय पाठक, विजय काले, साहेबराव कडूकार, रमेश बिंड आदि का समावेश हैं. उसी प्रकार अनेक मीसाबंदियों की अर्धांगिनी को भी मानधन दिया जा रहा हैं. जिससे कुल लाभार्थियाेंं की संख्या 84 हो गई है. उल्लेखनीय है कि इन लोगों ने आपातकाल का कडा विरोध करते हुए दो -दो साल जेल काटी. उस समय की इंदिरा गांधी सरकार ने शासन का विरोध करनेवाले लोगों को जेलों में ठूंस दिया था.

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