जिले में अतिवृष्टि से हुए नुकसान हेतु 38 करोड मंजूर

दीपावली से पहले किसानों के खाते में जमा होगी रकम, प्रशासन लगा काम पर

अमरावती /दि.19 – जिले में सितंबर माह के दौरान हुई अतिवृष्टि के चलते 7 तहसीलों के 36 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में खेती-किसानी व फल बागानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ था. जिसके चलते सरकार द्वारा पंचनामे की कार्रवाई के बाद 38 करोड रुपए की सहायता राशि को विगत शुक्रवार की देर शाम मंजूर दी गई. यह निधि दीपावली से पहले नुकसानग्रस्त किसानों के बैंक खातों में जमा करने का सरकार द्वारा निर्देश भी जारी किया गया है. प्रचलित मानकों के आधार पर निधि उपलब्ध होने के बावजूद वृद्धिंगत सहायता के लिए किसानों को थोडी प्रतीक्षा करनी होगी.
बता दें कि, जिले में जून से अगस्त माह के दौरान आपदा प्रभावित 1 लाख 68 हजार 533 किसानों को 1 लाख 23 हजार 736 हेक्टेअर क्षेत्र में हुए नुकसान के लिए सरकार द्वारा 108 करोड रुपयों की सहायता निधि उपलब्ध कराई गई है और फिलहाल उस निधि का वितरण किया जा रहा है. जिसके तहत ई-केवाईसी कर चुके प्रभावित किसानों के बैंक खातों में निधि जमा कराई जा रही है. इस समय तक 75 फीसद निधि वितरित हो जाने की जानकारी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है. वहीं इसके बाद सितंबर माह में 48 हजार 71 किसानों का 45 हजार 882 हेक्टेअर क्षेत्र में फसलों का 33 फीसद से अधिक नुकसान हुआ. जिसके लिए सरकार ने 38 करोड रुपए की निधि उपलब्ध कराई है. जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित किसानों के नामों की सूची पहले ही तैयार कर ली है.

* कृषि व राजस्व विभाग अलर्ट
कल शनिवार को अवकाश वाला दिन रहने के बावजूद जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी राहुल खर्चान अपने कामकाज का जायजा ले रहे थे. जो शनिवार की सुबह ही पुणे से एक बैठक में शामिल होकर अमरावती पहुंचे थे. जिसके तुरंत बाद उन्होंने अमरावती स्थित अपने कार्यालय में पहुंचकर आपदा प्रभावितों को दी जानेवाली सहायता राशि के वितरण का जायजा लेना शुरु किया. इसके अलावा निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर भी अपने कार्यालय में कल पूरा दिन हाजिर थे और प्राकृतिक आपदा विभाग के कर्मचारी भी अपने कामकाज में व्यस्त दिखाई दिए, यानि दीपावली से पहले किसानों के खाते में सहायता राशि जमा कराने हेतु प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर दिखाई दिया.

* एनडीआरएफ की निधि उपलब्ध
सितंबर माह के दौरान जिरायती क्षेत्र में हुए नुकसान हेतु वृद्धिंगत मानकों के अनुसार 42.06 करोड रुपए, बहुवार्षिक फसलों हेतु 25.83 लाख रुपए व फल बागानों हेतु 17 करोड रुपए ऐसे कुल 59.33 करोड रुपए की मांग सरकार से की गई थी. जिसमें से प्रचलित मानकानुसार मिलनेवाली एनडीआरएफ की 38 करोड रुपए की सरकारी निधि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है. वहीं वृद्धिंगत सहायता के लिए किसानों को प्रतीक्षा करनी पडेगी.

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