राज्य में 48 लाख किसान लाभार्थियों को योजना के अनुदान का इंतजार

शीत सत्र में विधायक सुलभा खोडके ने कराया ध्यानाकर्षण

* कृषि योजना के अनुदान का तुरंत वितरण करने की मांग
अमरावती/दि.13 -राज्य में किसानों ने पिछले चार सालों से खेती की मशीनरी और औजारों पर मिलने वाला अनुदान, सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत अनुदान, मुख्यमंत्री कृषि अन्न प्रक्रिया का अनुदान, फलोत्पादन योजना अनुदान, खेत तालाब के लिए अनुदान आदि के लिए करीब 48 लाख आवेदन दिए थे, जो सरकार के पास बिना किसी कार्रवाई के लंबित पडे हैं. इस वजह से किसान विविध कृषि योजनाओं के अनुदान का इंतजार कर रहे है. सरकार ने इस बारे में क्या कार्रवाई की है? और किसानों को अनुदान कब मिलेगा? यह सवाल अमरावती की विधायक सुलभा खोडके ने नागपुर शीत सत्र दौरान उठाया.
विधायक सुलभा खोडके ने अधिवेशन के माध्यम से सरकार को बताया कि किसानों को खेती से जुडे काम और साथ में पूरक व्यवसाय करने के लिए सरकार कई तरह की कृषि योजनाएं चला रही है. मुख्य रूप से, केंद्र पुरस्कृत कृषि यांत्रिकीकरण उपअभियान, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मुख्यमंत्री शाश्वत कृषि सिंचाई योजना, भाऊसाहेब फुंडकर फलबागान लागत योजना, मुख्यमंत्री शाश्वत सिंचाई योजना के तहत व्यक्तिगत खेततालाब योजना, मुख्यमंत्री कृषी व अन्न प्रक्रिया योजना, एकात्मिक फलोत्पादन विकास अभियान योजना आदि योजनाओं के लाभ के लिए किसानों को अनुदान दिया जाता है. किसानों ने कृषि योजनाओं के अनुदान की मांग के लिए सरकार के पास 48 लाख आवेदन दिए हैं. लेकिन ये आवेदन पिछले चार साल से लंबित होने की वजह से किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड रहा है.
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुदान बांटने के लिए कितने फंड की जरूरत है? केंद्र और राज्य सरकारों से कितना फंड मिल सकता है, इसका अंदाजा लगाए बिना ही कृषि विभाग ने किसानों से आवेदन मंगाए. इस वजह से सरकार को करीब 48 हजार किसानों से आवेदन मिले हैं और किसानों में नाराजगी हैं क्योंकि अभी तक अनुदान नहीं दिया गया. तो इसकी क्या वजहें हैं? साथ ही, अनुदान देने के लिए सरकार ने क्या कार्रवाई की है या कर रही है? कृषि मंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए, ऐसा नागपुर शीत सत्र में विधायक सुलभा खोडके ने कहा.
इस पर अपने लिखित जवाब में राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा है कि, अभी, विविध योजना के तहत पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 46,58,320 लाभार्थी चुने गए हैं. अगर कृषि विभाग के तहत विविध योजना के तहत संपृक्तता मोड पर उपलब्ध कराने हैं, तो इसके लिए बडी रकम की जरूरत है. इसके लिए कृषि समृद्धि योजना से फंड देने का फैसला किया गया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए, कृषि विभाग अंतर्गत विविध योजनाओं के लिए बजट फंड, प्रशासकीय मान्यता और वितरित निधि पर काम चल रहा है. साथ ही, भाऊसाहेब फुंडकर फलबागान योजना के लिए शीत सत्र में 127.71 करोड रुपये निधि की पूरक मांग पेश की गई है. केंद्र पुरस्कृत योजना के तहत फंड की दूसरी किश्त की मांग का प्रस्ताव कृषि आयुक्तालय के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया है. तथा कृषि समृद्धि योजना के लिए वर्ष 2025-26 से अगले 5 सालों के लिए हर साल 5,000 करोड रुपये, यानी कुल 25,000 करोड रुपये के प्रावधान को 29 अप्रैल 2025 की मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई है, यह बात कृषि मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कही है.

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