राज्य में 49 हजार बोग जन्म प्रमाणपत्र, 27 मामले दर्ज

सवा 2 लाख से अधिक ने किए थे आवेदन, सवा लाख जन्म प्रमाणपत्र बने

मुंबई /दि.17 – राज्य में इस समय फर्जी व बोगस जन्म प्रमाणपत्रों को लेकर अच्छा-खासा हंगामा मचा हुआ है तथा भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया द्वारा फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने को लेकर तमाम सबूतों के साथ जमकर आरोप भी लगाए जा रहे है. जिसके चलते ऐसे मामलों की सघन जांच-पडताल करनी शुरु की गई है और ऐसी जांच में खुलासा हुआ है कि, वर्ष 2024 में राज्य में करीब 2 लाख 24 हजार लोगों ने जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था. जिसमें से 1 लाख 24 हजार प्रमाणपत्र जारी हुए थे और जब सरकार ने इन 1 लाख 24 हजार जन्म प्रमाणपत्रों की सघन जांच-पडताल की तो पता चला कि, इसमें से 49 हजार जन्म प्रमाणपत्र फर्जी है. जिसके चलते सरकार ने तुरंत निरस्त कर दिया है.
बता दें कि, भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने पिछले काफी समय से महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम छेड रखी है. सोमैया की मांग पर ही सरकार इस मामले में टास्क फोर्स बना चुकी है. जो राज्य में अवैध रूप से रह रहे है. बाग्लादेशी नागरिकों के जन्मप्रमाणपत्र की जांच कर रही है. वहीं कुछ दिनों पहले राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य में अवैध रूप से फर्जी जन्मप्रमाणपत्र बनाकर रह रहे लोगों की खोजबीन करने टास्क फोर्स के गठन का ऐलान किया था. बावनकुले ने कहा था कि राज्य के कई जिलों में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का गोरखधंधा चल रहा है. सरकार पूरी तत्परता के साथ इसमें कार्रवाई कर रही है. राजस्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2024 में महाराष्ट्र में करीब 2 लाख 24 हजार लोगों ने जन्म प्रमाणपत्र पर जारी आवेदन किया था. राज्य के अलग-अलग जिलों में संबंधित विभागों ने 1 लाख 24 हजार लोगों को जन्म प्रमाणपत्र कर दिया. जब भाजपा नेता किरीट सोमैया ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम शुरू की तो जांच में पाया गया कि स्थानीय प्रशासन ने जिन 1 लाख 24 हजार लोगों को जन्म प्रमाणपत्र दिया था. उनमें से 49 हजार लोगों ने ये जन्म प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से बनाए थे. इनमें ज्यादातर बांग्लादेश के रहनेवाले लोग है.
* सोमैया के है ये आरोप?
किरीट सोमैया ने बताया कि राज्य में अभी तक पिछले एक वर्ष में सैंकडों लोगों के खिलाफ कुल 27 एफआईआर दर्ज की गई है. सोमैया ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अवैध कागजात का सहारा लेनेवाले लोगों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई है, इसमें 43 वकील और 94 एजेंट के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. सोमैया ने कहा कि 28 सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के साथ-साथ चार पत्रकारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में कुल 50 लोगों ेको गिरफ्तार भी किया जा चुका है. सोमैया ने कहा की अकोला अमरावती और मालेगांव में अवैध तरीके से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने के मामले सबसे ज्यादा सामने आए है.अभी तक सरकार ने जितने भी जन्म प्रमाणपत्र को रद्द किया है उनमें 95 फीसदी लोग मुस्लिम समुदाय से है.

* चार साल में 515 बांग्लादेशी वापस भेजे गए
राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में 515 लोगों को उनके देश वापस भेजा है. साल 2021 में राज्य में अवैध रूप से रह रहे 109 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर वापस बांग्लादेश भेजा गया है. साल 2022 में 77, साल 2023 में 127 और साल 2024 में 202 बांग्लादेशियों को उनके देश डिपोर्ट किया जा चुका है. शेष गिरफ्तार लोगों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है.

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