3 दिनो में 80 हजार पर्यटको ने किए चिखलदरा की खूबसूरती के दीदार

लगातार बारिश से पर्यटन नगरी फिर हुई गुलजार

* नगर परिषद को 3 लाख रूपए की आय
चिखलदरा/दि.7 मानसून की लगातार बारिश के चलते पर्यटन नगरी चिखलदरा फिर एक बार गुलजार हुई है. हरियाली, झरनो की गूंज से ठंडी फिजाओं में भीगने का रोमांच पर्यटकों को यहां खिच लाया है. बीते 3 दिनों में करीब 80 हजार पर्यटको ने चिखलदरा की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया शुक्रवार, शनिवार, रविवार के दौरान बडी संख्या मेंं पर्यटक अमरावती, अकोला और नागपुर तथा अन्य जिलो से यहां पहुंचे
पर्यटको ने रेन डांन्स, झरनो की सैर और प्रकृति के सानिध्य मे अपने परिवार केे साथ आनंद उठाया नगर परिषद को पार्किंग, टिकट और अन्य शुल्को के माध्यम से 3 लाख रूपण की आय हुई यह आय आने वाले दिनो में पर्यटन विकास कार्यो के लिए उपयोगी साबित हो सकती है. होटल, लॉज, ढाबे और दुकान संचालको की भी आमदनी बढी है स्थानीय व्यवसायियों ने बताया की मानसून सिजन की यह शुरूआत उम्मीद से बेहतर रही है. पर्यटको ने साफ-सफाई के साथ और भी सविधाए बढाने की मांग की

भीमकुंड, पंचपोल पर लगा जाम
रविवार को भीमकुंड, पंचपोल, देवी प्वॉइंट, नप शुल्क नाके पर गाडीयो की लंम्बी कतारे लगी घंटो तक यहां जाम लगा रहा इस दौरान चिखलदरा पुलिस थाने के पीआई प्रशांत मसराम और एपीआई प्रवीण पाटिल तथा पुलिस कर्मीयों ने टैफिक को क्लीयर करवाया

कोहरे से ढका विदर्भ का नंदवन
निरंतर और धिमी गती से होनेवाली बारिश के चलते चिखलदरा के जलाशयो का जल स्तर बढने लगा है. इसके चलते झरने व जल कुंड में बहते पानी की कल-कल करती आवाजे सुनकर सैलानी ठिटक जाते है. कोहरे से ढका दर्शनीय स्थल भीमकुंड, पंचपोल,तथा जत्राडोह जैसे झरानो को देखने के लिए पर्यटको की भीड उमंड रही है.

होटल व्यवसायियों के खीले चेहरे
चिखलदरा में बढती पर्यटकों की संख्या को देखकर होटल व्यवासयियों और होम स्टे संचालको के चेहरे खिल गए है. यहां 250 अधिक छोटे-बडे होटल और होम स्टे है. चिखलदरा मे ेंआनेवाले पर्यटको में मध्य प्रदेश तथा छत्तिसगढ के समीपस्थ स्थलो व इंदौर खंडवा, बृहानपुर, बैतुल के पर्यटको का समावेश रहा.

रोजगार बढा
चिखलदरा में सैलानीयो की बढती भीड के चलते स्थानीय स्तर पर रोजगार बढा है. बेरोजगारो को रोजगार मिल रहा है. बारिश के मौसम में जगह-जगह पर छोले -भटुरे, भुट्टे, मुंगफली, पाव-भाजी, ब्रेड पकोडा, आमलेट, पानीपुरी, रबडी, खवा, कलाकंद, चाय कॉफी के स्टाल लगाए गए है जिसकी वजह स्थानीय लोागों को रोजगार मिला है.

 

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