85 वर्षीय द्बारकाबाई आखिरकार पहुंची अपने घर
मनपा के आधार केंद्र ने दिया ‘एक सहायता का हाथ’

अमरावती/दि.20 – मनपा द्बारा बडनेरा परिसर में निवारा व बेघरों के लिए आवास योजना शुरू की है. जहां इन बेघरों की रहने , खाने की व्यवस्था की जाती हैं. मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा, उपायुक्त योगेश पिठे व सहायक आयुक्त धनंजय शिंदे के मार्गदर्शन में शुरू किये गये इस आधार केंद्र में दो माह पूर्व पुलिस के सहयोग से 85 वर्षीय द्बारकाबाई को लाया गया था. मानसिक रूप से बीमार इस बुजूर्ग महिला ने आखिरकार अपना मुंह खोलते हुए पंंडा-पुंडा गांव का नाम लिया और केंद्र की खोजबीन शुरू हुई. अकोला के बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकाराी वामनराव सरकटे की मदद के आधार केंद्र के अधिकारी व कर्मचारियों ने द्बारकाबाई को दो माह की प्रतिक्षा के बाद उनके घर पहुंचाया.
उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व द्बारकाबाई वानखडे अपने बेटे के साथ अकोला से यात्रा कर रही थी. इस दौरान एक रेलवे स्टेशन पर उनका बेटा नाश्ता लेने के लिए प्लैटफॉर्म पर उतरा. लेकिन इस बीच ट्रेन चल पडी. और वह बिना बेटे को आवाज लगाए अकेली ही अमरावती की ओर निकल पडी. द्बारकाबाई अकोला से अमरावती पहुंची. पश्चात इस बुजुर्ग महिला को खोलापुरी गेट के रेस्क्यू दल ने रात 11.30 बजे के दौरान पकडकर उसे मनपा के आधार केंद्र में लाकर छोडा. उस समय बुजुर्ग महिला भयभीत थी वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. इस कारण उसके घर का पता लगाना पुलिस और केंद्र के कर्मचारियों को मुश्किल था. दो माह तक महिला की देखरेख करने के बाद वह दो दिन पहले अचानक बोलने लगी. उसके घर का पता पूछा तो वह केवल पंडा-पुंडा ऐसा ही कह रही थी. जब गुगल पर इस गांव को खोजा तो वह अकोला जिले के अकोट तहसील के पास नजर आया. केंद्र के कर्मचारियों का बहुजन समाज पार्टी, अकोला के पदाधिकारी वामनराव सरकटे से परिचय था. उन्होंने सरकटे को फोन लगाकर गांव के बारे में जानकारी पूछी. उन्होंने बताया कि पुंडा गांव उनके गांव के पास ही है. तब केंद्र के कर्मचारियों ने उस बुजुर्ग महिला का उन्हे फोटो भेजा तब उस महिला के घर का पता चला. उसका बेटा वासुदेव और बहु बेबीताई पुंडा गांव में रहते थे. पिछले 2 माह से इन दोनों ने उसे अकोला, नागपुर, बुलढाणा, दिग्रस, मानोरा, माहुर, मोर्शी, परतवाडा, शेगांव, दर्यापुर में खोजने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिली. जिसके कारण दोनों ही हताश हो गए थे. मां सही सलामत है यह जब उन्हें फोन पर पता चला तब दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वे दोनो अगले ही दिन सुबह 9 बजे बडनेरा के आधार केंद्र पहुंचे. साथ ही उन्हें बुजुर्ग महिला की कस्टडी दी गई. मां- बेटे को मिलाने के लिए वासुदेव व बेबीताई ने आधार केंद्र के व्यवस्थापक भूषण बाले, संस्था चालक राजीव बसवनाथे, व्यवस्थापिका ज्योति राठोड, विलास थोरात, रोहित घोंगडे, किशोर मरकाम व मनपा का आभार माना.





