‘क्रीम पोस्टिंग’ में अल्प अनुभव बन रहा बाधा
पुलिस निरीक्षकों की नजर तबादलों पर

-
सभी की मुख्य प्रवाह में आने की इच्छा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.10 – राज्य के आयपीएस अधिकारियों सहित पुलिस विभाग के डीसीपी, एसीपी, पीआई, एपीआई व पीएसआई स्तर के अधिकारियों के तबादले 15 अगस्त से पहले होना प्रस्तावित है. जिसकी सूची 12 अगस्त को जारी होने की संभावना है. जिसके बाद शहर पुलिस आयुक्त व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में तबादलों के साथ ही अंतर्गत बदलाव किये जा सकते है. ऐसे में तबादलों का सत्र शुरू होने से पहले ही शहर पुलिस आयुक्तालय व ग्रामीण पुलिस महकमे में कई अधिकारियों की जान हलत में आकर अटक गई है. इस समय क्रीम पोस्टिंग को लेकर सर्वाधिक चर्चा चल रही है. अनेक अधिकारी क्रीम पोस्टिंग का प्रसाद पाने के इच्छूक है, किंतु यह प्रसाद प्राप्त करने के लिए अनुभव को पहली प्राथमिकता दी जाती है. ऐसे में अब सभी की निगाहे इस बात की ओर है कि, इस बार तबादलों और क्रीम पोस्टिंग को लेकर किन मानकों का आधार लिया जाता है. हालांकि यह तय है कि, क्रीम पोस्टिंग के मामले में अल्प अनुभव हमेशा ही खतरनाक साबित होता रहा है.
ज्ञात रहे कि, शहर पुलिस आयुक्तालय में अपराध शाखा के साथ-साथ यातायात, राजापेठ, गाडगेनगर, बडनेरा व सिटी कोतवाली पुलिस थानों को क्रीम पोस्टिंग वाले थाने माना जाता है. साथ ही अब इसमें आर्थिक अपराध शाखा का भी नाम जुड गया है. ऐसे में इन शाखाओें के प्रति ‘विशेष लगाव’ रखनेवाले कई अधिकारी है, वहीं भातकुली व वलगांव थाने का काम ‘हम भले, हमारा काम भला’ की तरह है. साथ ही साईबर, मोटर वाहन शाखा, विशेष शाखा, महिला सेल, पत्रव्यवहार शाखा, बीडीडीएस, एंटी टेरेरिस्ट सेल व नियंत्रण कक्ष को साईड ब्रांच माना जाता है. जहां पर सभी पुलिस निरीक्षकों को थोडा-बहुत समय निकालना पडता है, लेकिन कुछ लोग इसमें भी अपवाद साबित होते है. इसके अलावा जिन पुलिस निरीक्षकों द्वारा साईडब्रांच में एक-दो वर्ष का समय निकाल लिया जाता है, वे भी स्वतंत्र तौर पर थानेदार बनना चाहते है और इसमें से कई लोग अपनी यह इच्छा बोलकर भी बताते है.
बॉक्स फोटो एसपी बालाजी व सीपी डॉ. आरती सिंह
-
सीपी व एसपी ही सबकुछ
यद्यपि जिला बदली व नियुक्ति राज्यस्तर पर होती है, किंतु जिलांतर्गत व शहर आयुक्तालय अंतर्गत तबादलों का अधिकार एसपी व सीपी के पास होता है. लेकिन अंतर्गत स्तर पर अधिकारियों को इधर से उधर करते समय और थानेदारी देते समय वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों को ही अवसर दिया जाता है तथा नये पुलिस निरीक्षक व साईड ब्रांच में रहनेवाले पुलिस निरीक्षक अनुभव के मामले में पीछे रह जाते है. ऐसे में हमेशा ही पीछे रह जानेवाले कुछ चुनिंदा पुलिस निरीक्षकों का कहना है कि, यदि उन्हें अवसर ही नहीं दिया जायेगा, तो उनके पास अनुभव कहा से आयेगा.
-
हमें भी भेजो थाने में
व्यापक कार्यक्षेत्र रहनेवाले गाडगेनगर व फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में थानेदार के सहयोग हेतु अन्य पुलिस निरीक्षक नियुक्त है. साथ ही कुछ अन्य पुलिस थानों में भी कम-अधिक प्रमाण में दुय्यम थानेदार नियुक्त किये जाते है. ऐसे में साईड ब्रांच में रहनेवाले पुलिस निरीक्षकों की इच्छा है कि, उनका भी ऐसे पदों के लिए थानों में नंबर लगाया जाये, ताकि वे भी थानों में काम करने का अनुभव ले सके.





