सामाजिक कार्यो में समर्पित व्यक्तिमत्व प्रविण वासनिक
आज 2 सितंबर जन्मदिन पर विशेष

प्रविण भीमराव वासनिक का आज जन्मदिन है. प्रविण वासनिक यह नाम शहर के लिए सुपरिचित है. मूर्ति लहान पण किर्ती महान ऐसी कहावत कहने में हरकत नहीं है. उनके नाम में ही प्र है. प्र-यानि प्रकाश, प्रेम, प्रज्ञा, शील, पारदर्शक , वैचारिक स्तर वी-यानि विनयशील, विनम्र, विचारक, ण-यानि न पटने वाले व्यवहारों को न करने वाला प्रविण यह समाजसेवा में समर्पित व्यक्तिमत्व है. राष्ट्रव्यापी गाजर घास निर्मूलन का अभियान चलाया जाए इसके लिए 3 दशकों से उन्होंने संकल्प लिया है. सरकार किसी की भी हो उन्होंने संबंधित कृषिमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रशासन के उच्च अधिकारी, जेष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को भी प्रविण वासनिक ने अभ्यासपूर्ण निवेदन सर्वांगीण ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्था मांजरी म्हासला तहसील नांदगांव खंडेश्वर के माध्यम से सौपने का कार्य किया है. वासनिक जिला प्रशासन अमरावती यहां ग्रामविकास अधिकारी पद पर कार्यरत रहते हुए अपनी नौकरी में पूर्ण समय देते हुए छूट्टी के दिन वे गांजर घास निर्मूलन यह राष्ट्रव्यापी अभियान बने इसके लिए सदा प्रयासरत रहते है. गाजर घास से मानव के स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम होता है. उनके पास इस विषय में अभ्यासपूर्ण जानकारी व सबूत भी है. इतना ही नहीं इन सब की कैसेट व सिडी, विशेषज्ञों की मुलाकात आदी भी उनके पास उपलब्ध है. गाजर घास के दुष्परिणामों को देखते हुए राष्ट्रव्यापी आंदोलन की उन्हें आशा है. 1 जनवरी 1848 को पुणे के बुधवारा पेठ स्थित भिडे वाडे में राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतीबा फुले व क्रांति ज्योती सावित्री फुले ने देश की पहली कन्याशाला शुरु कर बडी क्रांति की शुरुआत की थी. किंतु देश की पहली कन्याशाला की दुर्दशा को देखकर प्रविण वासनिक का मन खिन्न हुआ और उन्होंने यह बात अपने समविचारी कार्यकर्ताओं से कही. जिसमें स्व. माणिकराव मोरे काका जेष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रविण वासनिक और मैं हम सब ने पुणे महानगरपालिका को इस शाला को राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए इसको लेकर निवेदन सौंपा. महात्मा फुले के जीवन पर आधारित फोटो प्रदर्शनी तैयार कर महाराष्ट्र की जनता का ध्यान इस ओर आकर्षित करवाया. इस तरह से अनेको सामाजिक कार्य में सदा प्रविण वासनिक अग्रसर रहते है. उनके माता-पिता के संस्कारों की वजह से वे हर कार्य में सफल होते है. उनके साथ उनकी मां, भाई, बहन और उनकी पत्नी कविता छाया बनकर खडे है. घर की सभी जिम्मेदारियों का वहन कर प्रविण सामाजिक कार्य में भी प्रविण हो चुके है. उनका बेटा ब्रिजेश भी आदर्श है. आज प्रविण के जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं ईश्वर उनका हर क्षण आनंद के साथ व्यतीत करें यह ईश्वर के चरणो में प्रार्थना.
– प्रतिभा आवारे, पूर्व सभापति
महिला बाल कल्याण समिति मनपा अमरावती