वायरस को नहीं, केवल धुलकणों को रोकता है मास्क
बीमारी से बचने रूमाल या मास्क के प्रयोग का नहीं कोई फायदा

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया दावा
अमरावती/दि.3– दक्षिण अफ्रिका में पाये गये कोविड वायरस के ओमिक्रोन नामक नये स्वरूप की वजह से और सरकार द्वारा विशेष सतर्कता बरतते हुए कई नियमों का कडाई से पालन करने को लेकर निर्देश जारी किये गये है. साथ ही प्रशासन द्वारा भी चेतावनी दी गई है कि, प्रत्येक व्यक्ति अपने चेहरे पर मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकले और मास्क की बजाय रूमाल का प्रयोग करनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, रूमाल ही नहीं, बल्कि बाजार में मिलनेवाले कपडे से बने मास्क भी केवल धुल के कणों को रोक सकते है और इनसे वायरस के संक्रमण को नहीं रोका जा सकता.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों अमरावती सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में कोविड संक्रमितों की संख्या काफी हद तक नियंत्रण में है और अब संभावित खतरे को टालने हेतु प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. जिसके तहत जिला प्रशासन द्वारा एक बार फिर अधिसूचना जारी करते हुए नागरिकों को कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का स्मरण कराया गया है. ज्ञात रहे कि, कोविड संक्रमणकाल के शुरूआती दौर में कहा जाता था कि, घर से बाहर निकलते समय चेहरे को रूमाल अथवा कपडे से बने सादे मास्क से भी ढांके रखना काफी उपयोगी साबित हो सकता है और इस जरिये कोविड वायरस के प्रभाव में आने से बचा जा सकता है. किंतु अब विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अशोक अरबट ने कहा कि, कपडे से बने मास्क की बजाय सर्जिकल मास्क या एन-95 मास्क ही कोविड वायरस के संक्रमण से बचाये रखने में सहायक साबित होता है और तीन स्तरीय सुरक्षा देनेवाले एन-95 मास्क का ही प्रयोग किया जाना चाहिए.
- दिखावे के लिए न पहने मास्क
पहले जहां हर कोई बीमारी से बचे रहने के लिए मास्क का प्रयोग कर रहा था, वहीं अब मास्क अच्छा दिखे, साथ ही शरीर पर पहने जानेवाले कपडों के साथ मैचिंग हो, इसकी ओर ध्यान देने का चलन काफी हद तक बढ गया है. इस संदर्भ में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, मास्क यह कोई सौंदर्य प्रसाधन की वस्तु नहीं है, बल्कि इसे स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाया जाना चाहिए. साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि, एक सर्जिकल मास्क का केवल एक ही दिन प्रयोग किया जाना चाहिए. साथ ही एन-95 मास्क का हफ्ते में अधिकतम दो बार प्रयोग किया जाना चाहिए. कई लोग एक ही मास्क का कई-कई दिनों तक लगातार प्रयोग करते है. ऐसा करना भी स्वास्थ्य के लिहाज से काफी हद तक खतरनाक साबित हो सकता है.





