काचीगुडा -अजमेर रेलमार्ग को मेलघाट से झपटने के संकेत

अमरावती जिले के रेल यात्रियों पर अन्याय

  • आकोट – धुलघाट मार्ग यथावत रखने भाजपा की सर्व सहमति पहल

परतवाड़ा/मेलघाट – स्थानीय अचलपुर तहसील के आवाम से उनके हक़ की अचलपुर-मूर्तिजापुर-यवतमाल शकुंतला एक्सप्रेस छीन लेने के बाद अब शिवसेना पक्ष से चुने गए जनप्रतिनिधि आकोट से धुलघाट-डाबका , वान-तूकईथड-खंडवा रेल मार्ग को भी आदिवासियों से झपटने को आतुर है . यहां झपटना इस शब्द पर गौर फरमाया जा सकता है. यह स्पष्ट तौर पर झपटमारी का ही उदारहण है. ताजा स्थिति में जो संकेत मिल रहे उससे पता चलता है कि एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत आकोट से खंडवा जाते रेलमार्ग को वन्यप्राणी संवर्धन और पर्यावरण की सुरक्षा के नाम पर एक पूरे विधानसभा क्षेत्र मेलघाट से ही वंचित कर दिया जा रहा है.
आकोट-धुलघाट-खंडवा मार्ग को तीव्र विरोध कर रहे मान्यवरों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी गठबंधन की महाविकास आघाडी सरकार, बुलढाणा के सांसद प्रतापराव जाधव, पूर्व विधायक हर्षवर्धन सपकाल, बुलढाणा जिले के कथित सामाजिक व कानूनी कार्यकर्ता व पदाधिकारिओ का समावेश है.
भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रमुख दिनेश सूर्यवंशी ने प्रस्तावित आकोट-संग्रामपुर, जामोद इस नये रेलमार्ग को अन्यायकारक बताया है. वही भाजपा की ग्रामीण अध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने भी इस प्राचीन मार्ग को यथावत रखने की मांग केंद्र सरकार के मंत्रियों से की है. निवेदिता चौधरी का कहना है कि कुछ लोगो द्वारा मुख्यमंत्री ठाकरे को गलत जानकारी देकर आकोट-धुलघाट ट्रैक का काम रुकाया गया है. यह साफ-साफ दमनकारी नीति ही कही जा सकती.
बीजेपी नेता दिनेश सूर्यवंशी कल मंगलवार 11 अगस्त को इस रेलमार्ग के धुलघाट स्टेशन का दौरा करेंगे. सूर्यवंशी ने ‘ अमरावती मंडल ‘ से चर्चा करते हुए कहा कि मेलघाट के आदिवासियों के पास यह रेलमार्ग एकमात्र विकल्प है जिससे वो पूरे देश से जुड़े रहंगे. अंग्रेजो के जमाने के इस मार्ग को परिवर्तित कर बुलढाणा को सौप देने के पीछे कोई ठोस कारण या तर्क दिखाई नही देता है. सूर्यवँशी धुलघाट रेलमार्ग को एज इट इज रखने के लिए सर्वदलीय सर्व सहमति के पक्षधर है. भाजपा नेताओं के अनुसार यह क्षेत्रीय आधार पर भेदभाव करने का अत्यंत ही निंदनीय प्रयास कहा जायेगा. संपूर्ण देश मे कुपोषण त्रासदी के लिए चर्चित हो चुके मेलघाट से उसकी पुश्तैनी अधिकार की रेल झपटकर अन्य दूसरे जिले को उपहार में दे दी जा रही. यह क्रूरतम शोषण का ही उदारहण कहा जायेगा. भाजपा नेता व कार्यकर्ता अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रेल मंत्री पीयूष गोयल आदि सभी से मिलकर इस अन्याय की ग्राउंड जीरो की शिकायत करेंगे.
राज्य मंत्री बच्चू कडू ने अभी तक इस विषय पर अपने पत्ते नही खोले है. लेकिन उन्ही की पार्टी के मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल भी वीसी के माध्यम से आकोट-खंडवा मार्ग व्हाया धुलघाट रखने का आग्रह मुख्यमंत्री से कर चुके है.
धुलघाट से होकर यदि रेल जा रही है तो मुंबई में बैठे सीएम को इसने आपत्ति क्यो है. सीएम के विरोध का कोई पुख्ता कारण नजर नही आ रहा है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की तर्ज पर इसे भी सिर्फ सियासी विरोध ही बताया जा रहा है. धुलघाट रेलवे का वो अजूबा स्टेशन है जहां से जाते वक्त मीटरगेज रेल हिंदी के ४ का आंकड़ा तैयार कर फिर तुकइथड के लिए बढ़ती है. इस हैरिटेज ४के आकंड़े को देखने रोजाना असंख्य पर्यटक धुलघाट पहुंचते रहे. अब शिवसेना इस हैरिटेज के साथ -साथ ही आदिवासियों की रेल को भी दफन करने की तैयारी में है.

  • 30 वर्षों से अचलपुर में रेल नही

अमरावती जिले में मतदाताओं ने शिवसेना को सर आंखों पर बिठाया है. लगातार 30 वर्षों तक शिवसेना के सांसद ही यहां से लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे. इस बीच जब भी अचलपुर-मूर्तिजापुर शकुंतला एक्सप्रेस का प्रश्न जनता की ओर से उठाया गया तो पूर्व सांसद अनंत गुढे कहते थे कि हमने संसदीय समिति के सामने केस फ़ाइल कर दी और जल्द ही शकुंतला ब्रॉडगेज हो जाएंगी. गुढे के बाद में अमरावती की कमान संभाली आनंदराव अडसुल ने. मतदाताओं के साथ अडसुल भी फेकफाक करते रहे. शकुंतला के संदर्भ में अडसुल का रटा-रटाया जवाब रहता था कि 400 करोड़ रुपये शकुंतला के उत्थान हेतु सैकंशन करा लिए है. अडसुल तो अमरावती से बैक टू पेविलयन हो गए किंतु 400 करोड़ अभी तक नही आये

  • मेलघाट और अचलपुर से सियासी प्रतिशोध-

पिछले लोकसभा चुनाव में शिवसेना के परंपरागत मेलघाट और अचलपुर ने सेना और उसके प्रत्याशी आनंदराव को कुछ भी प्रतिसाद नही दिया. शिवसेना के आनंदराव की निष्क्रियता से आदिवासियों ने एक तरफ नवनीत के पाना का बटन दबाया था. राजनीति के जानकार कहते है कि लोकसभा चुनाव में अडसुल की करारी पराजय का प्रतिशोध आदिम समुदाय , अचलपुर, चांदूर बाजार , अंजनगावं के मतदाताओं से निकाला जा रहा है. चुनाव की पराजय की भड़ास मतदाताओ से उनके अधिकार की आकोट, खंडवा रेल और शकुंतला एक्सप्रेस छीनकर निकाली जा रही है. इसके अलावा ऐसी कोई उचित वजह नहीं दिखाई दे रही जिसके लिए मुख्यमंत्री ठाकरे और बुलढाणा सांसद आकोट-खंडवा मार्ग को ही बदलने इतने आतुर हुए जा रहे है.

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  • अधिकृत जनप्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा

आकोट से हिवरखेड़, वान, आमला खुर्द, धुलघाट, तूकईथड प्राचीन रेलमार्ग को गैरवाजिब ढंग से परिवर्तित कर संग्रामपुर से जोड़ने की उठापटक जारी है. किसी भी शासकीय कार्य अथवा समारोह को करते समय स्थानीय स्वायत्त संस्था के पदाधिकारी, विधायक और सांसद आदि सभी को विश्वास में लिया जाता है. यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है सो इसका पालन किया जाना भी अपेक्षित है. लेकिन इस मामले में सीएम ठाकरे ने अमरावती सांसद नवनीत राणा, आकोला से केंद्रीय राज्य मंत्री संजय धोत्रे , आकोले -आकोट के विधायक, मेलघाट, अचलपुर के विधायक, अंजनगाव के विधायक व अन्य किसी भी जनप्रतिनिधि से ना कोई चर्चा करना जरूरी समझा और ना ही किसी को विश्वास में लिया गया है. सीएम ठाकरे, राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे और बुलढाणा के शिवसेना एमपी प्रतापराव जाधव प्रायवेट लिमिटेड कंपनी ने एक फतवा जारी कर आकोट-धुलघाट मार्ग तब्दील करने को कह दिया है.

  • अचानक वन्यप्राणियो से प्रेम

पुरानी धुलघाट मीटर गेज लाइन यह महाराष्ट्र राज्य निर्माण के पूर्व की ट्रैक है. तत्कालीन सीपी एंड बेरार प्रान्त की ओर से यह व्यवस्था की गई थी. इस ट्रैक पर आज तक किसी वन्यप्राणी के रेल से शिकार हो जाने की एक भी घटना का वनविभाग के पास रिकार्ड नही है. वर्तमान मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री ने प्रत्यक्ष रूप से आज तक कभी भी धुलघाट का दौरा नही किया और ना ही मेलघाट की समस्याओं को जानने ये मान्यवर कभी क्षेत्र में पधारे है. यदि मेलघाट में वन्यप्राणी है तो बुलढाणा में भी अम्बाबरवा अभ्यारण्य भी है. हजारों किमी दूर बैठकर सीएम का इस तरह मेलघाट के वन्यप्राणियो के प्रति आत्मीयता दर्शाने का समर्थन नहीं किया जा सकता है.

  • पुरानी आकोट तूकईथड मीटरगेज शुरू की जाए

अब स्थानीय परतवाड़ा, अचलपुर, चांदूर बाजार, अंजनगावं, आकोट, दर्यापुर क्षेत्र के रेलयात्री इस मान-अपमान और प्रतिष्ठा की लड़ाई से तंग आ चुके है. यह भी बताया जा रहा है कि उक्त मामले को समाधान के लिए उच्चन्यायालय में ले जाया गया है. अदालत का निर्णय और सियासी जय-पराजय का रिजल्ट लगने बरसो लग सकते है. इसलिए अब रेलयात्रीओ की मांग है कि ब्रोडगेज का फैसला होंगा जब होंगा तब तक जो पुरानी मीटरगेज रेल लाइन है उसे आकोट से तूकईथड रोजाना शुरू रखा जाए.

  • महू-सनावद हैरिटेज -टूरिस्ट ट्रेन है शुरू

इसी ट्रैक को लेकर इंदौर -बुरहानपुर के भाजपा सांसदों और विधायकों ने जो कार्य कर दिखाया वो तारीफ के काबिल है. महू से खंडवा के बीच भी इसी प्रकार वन क्षेत्र की बाधा उतपन्न हो रही है. वहा के जनप्रतिनिधियों ने महुँ -सनावद के बीच मीटरगेज शुरू ही रखने की मांग की थी और उसमें उन्हें सफलता भी मिली. महुँ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने रेल मंत्रालय से स्पष्ट कह दिया कि ब्रॉडगेज का निर्माण होने तक इसी मीटरगेज को शुरू रख यात्रियों को सेवा दी जाए. आज वहां मीटरगेज शुरू है. मेलघाट के धुलघाट में यही रेल बंद हो चुकी. अब आकोट -मेलघाट में रूट को लेकर विवाद चल रहा. तब ऐसी स्थिति में पुरानी मीटरगेज शुरू करने में क्या दिक्कत है. इस प्राचीन मीटरगेज से सीएम और आदित्य ठाकरे को भी कोई आपत्ति नही होनी चाहिए. ब्रॉडगेज का विधिवत फैसला होने तक आकोट -धुलघाट , तूकईथड मीटरगेज को शुरू रखने की मांग की जा रही है.

  • भाजपा की टीम कल धुलघाट में

ग्राउंड जीरो से जमीनी हकीकत मालूम करने, स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विचारों को समझने और मेलघाट के हक़ की रेल को कैसे सचारु किया जाए आदि की टोह लेने कल दिनेश सूर्यवंशी, गजानन कोल्हे और उनके सभी पदाधिकारी-कार्यकर्ता धारणी-धुलघाट में आ रहे है ।

  • सीएम का अभिवादन -मेलघाट को झापड़

इसी बीच खबर मिली है कि आकोट-खंडवा रेलमार्ग को मेलघाट आदिवासियों के हलक से छीने जाने पर राज्य वन्य जीव मंडल की सालाना बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे के अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया है. तीन दिन पूर्व 7 अगस्त को नागपुर में सम्पन्न हुई 15 वी बैठक में मुख्यमंत्री ठाकरे के इस अभिनव कार्य के लिए उनका आत्मीय अभिवादन किया गया. यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई थी. बैठक में वन मंत्री संजय राठौड़, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, राज्यमंत्री दतात्रय भरने , विधायक धीरज देशमुख के साथ ही वन्य जीव मंडल के सदस्य व आला अफसर उपस्थित थे. सभा मुख्यमंत्री ठाकरे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. सभा मे रेलमार्ग से मेलघाट आदिन अंचल को बेदखल करने पर सीएम का अभिवादन किया गया. इस प्रस्ताव को लेकर अचलपुर -मेलघाट , दर्यापुर परिसर के रेलयात्रियों में तीव्र नाराजी व्याप्त है.

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