डॉ. जयश्री पाटणकर की पुस्तक का कुलगुरु के हाथों विमोचन

अमरावती/दि.2- एच.पी.टी.महाविद्यालय, नाशिक की पूर्व मराठी विभाग प्रमुख डॉ. जयश्री पाटणकर द्वारा लिखित अभ्यासक्रमाचे उपयोजन.. काय, कसे आणि किती? इस शीर्षक वाली पुस्तक का विमोचन कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे के हाथों कुलुगरु के कार्यालय में किया गया. इस समय संपादक विलास मराठे, हव्याप्र अभियंत्रिकी व तकनीकी महाविद्यालय अमरावती के प्राचार्य डॉ.अनंत मराठे, विज्ञान व तकनीकीज्ञान विद्याशाखा के अधिष्ठाता डॉ. संजय डुडूल, महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अविनाश मोहरील एवं लेखिका डॉ. जयश्री पाटणकर उपस्थित थे.
डॉ. पाटणकर लिखित इस पुस्तक का प्रयोजन व सिद्धी डॉ. अनंत मराठे ने, प्रस्तावना डॉ. अविनाश मोहरील ने की. कुलगुरु डॉ. मालखेडे ने बताया कि दै. हिंदुस्थान में प्रकाशित की गई डॉ. पाटणकर की लेखमाला अत्यंत उपयुक्त होकर नये शैक्षणिक नियोजन को अमल में कैसे लाये, इसके लिए मार्गदर्शक है. डॉ. जयश्री पाटणकर का अभ्यास शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत सभी को निश्चित ही उपयोगी साबित होगा, ऐसी शुभकामनाएं उन्होंने दी.
इस पुस्तक के माध्यम से मानव विज्ञान विद्याशाखा के उपयोजित अभ्यास, वार्म अप भाग-एक व दो, प्रकल्प ः संकल्प ते सिद्धी, सर्वेक्षण, सादरीकरण व मूल्यमापन इस शीर्षक के तहत उपयुक्त जानकारी दी गई है. मानवविज्ञान विद्याशाखा में कार्य करने वाले प्रत्येक के लिए पथदर्शक जानकारी सि पुस्तक में होकर नये राष्ट्रीय शैक्षणिक नियोजन की अत्यंत कल्पक संकल्पना किस तरह से चलाई जाये, इस बारे विस्तृत विवेचन इस पुस्तक के सात लेखों में किया गया है.
पुस्तक की भाषा व स्पष्टीकरण अत्यंत सुलभ व परिणामकारक होने से विद्यार्थियों के लिए भी यह पुस्तक अत्यंत उपयुक्त साबित होगी. इस समय डॉ. जयश्री पाटणकर का सभी ने अभिनंदन किया.





