विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब में हुई ४० हजार से अधिक सैम्पलों की जांच
रोजाना दो शिफ्टों में चल रहा काम

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अब तक ८ हजार ६६ सैम्पलों की रिपोर्ट निकली पॉजीटिव
अमरावती/दि.२५ – अमरावती जिले में कोरोना का पहला संक्रमित मरीज ३ अप्रैल को पाया गया था. जिसकी पॉजीटिव रिपोर्ट आने से एक दिन पहले ही मौत हो गयी थी. इसके बाद अमरावती में कोरोना की संक्रामक बीमारी ने धीरे-धीरे अपने पांव पसारने शुरू किये और बडी संख्या में कोरोना संदेहितों के थ्रोट स्वैब सैम्पल लिये जाने लगे. लेकिन उस वक्त सभी सैम्पलों को जांच हेतु नागपुर अथवा अकोला की सरकारी कोविड टेस्ट लैब में भिजवाया जाता था. क्योंकि तब अमरावती में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके बाद स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये सतत प्रयासों के चलते ४ मई को अमरावती के संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में सरकारी कोविड टेस्ट लैब शुरू हुई और शहर सहित जिले के कोरोना संदेहित मरीजों के सैम्पलों की अमरावती में ही टेस्टींग का काम शुरू किया गया. जिसके चलते रिपोर्ट मिलने के काम में भी तेजी आयी. ४ मई से लेकर अब तक विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब में ४० हजार से अधिक थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की जा चुकी है. जिसमें से अब तक ८ हजार ६६ सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजीटिव रही. वहीं २९ हजार ९०० लोगों की सैम्पल रिपोर्ट निगेटीव आयी. इसके अलावा १ हजार ६९५ लोगोें के सैम्पलों में कुछ तकनीकी दिक्कते पायी गयी. जिसके चलते उनके थ्रोट स्वैब सैम्पल दुबारा संकलित करते हुए उनकी टेस्ट की गई.
बता दें कि, इन दिनों अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना का संक्रमण बडी तेजी से पांव पसार रहा है और बडे पैमाने पर कोरोना संदेहित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पल लिये जा रहे है. जिसके चलते रोजाना ५०० सैम्पलों की जांच करने की क्षमता रहनेवाली संगाबा अमरावती विवि की कोविड टेस्ट लैब पर काम का बोझ काफी अधिक बढ गया है और जरूरत पडने पर यहां रोजाना करीब ९०० थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच करते हुए क्षमता से दो गूना अधिक काम किया जा रहा है. इसके लिए यहां पर दो अलग-अलग शिफ्टों में काम किया जा रहा है और हर कोई अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का गंभीरतापूर्ण ढंग से निर्वहन कर रहा है. नोडल ऑफिसर डॉ. प्रशांत ठाकरे व डॉ. प्रशांत गावंडे के मार्गदर्शन में तकनीकी अधिकारी डॉ. निरज धनवटे, डॉ. मुकेश बारंगे, प्रज्ञा सावरकर, निलू सोनी व पूजा मालवीय सहित लैब के सैम्प्लींग डिपार्टमेंट में ६ लोग कार्यरत है. इसके अलावा आरटी-पीसीआर मशीन पर दो लोगों की ड्यूटी लगायी गयी है. साथ ही डेटा एंट्री विभाग में करीब ७ कर्मचारियों की नियुक्ती की गई है. ऐसे में हर कोई अपने-अपने विभाग से संबंधित जिम्मेदारियों का आपसी समन्वय के साथ शानदार ढंग से निर्वहन कर रहा है और यहां पर शुरूआत से लेकर अब तक जीतने भी थ्रोट स्वैब सैम्पलों की टेस्टिंग की गई, उन सभी का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के साथ ही इस रिकॉर्ड को आयसीएमआर की वेबसाईट पर भी अपलोड किया गया है.
अमरावती के साथ ही अन्य जिलों के सैम्पल भी जांचे जा रहे है
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, किसी समय अमरावती जिले में कोरोना संदेहित रहनेवाले मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों को जांच हेतु नागपुर, अकोला तथा वर्धा की सरकारी कोविड टेस्ट लैब में भिजवाया जाता था. वहीं अब अमरावती की कोविड टेस्ट लैब में अकोला व बुलडाणा जैसे पडोसी जिलों से थ्रोट स्वैब सैम्पल जांच हेतु भेजे जा रहे है. ऐसे में यह कोविड टेस्ट लैब अमरावती जिले के साथ-साथ आस-पडोस के जिलों हेतु बेहद कारगर साबित हो रही है.