‘वो’ मेरी हार का श्रेय न लें, उनमें मुझे हराने की ताकत नहीं
बच्चू कडू ने राणा दम्पति पर फिर साधा निशाना

अमरावती/दि.28 – अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहने वाले प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया बच्चू कडू को इस बार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पडा है. जिसके चलते युवा स्वाभिमान पार्टी के मुखिया व बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले दिया गया बयान काफी वायरल हो रहा है. जिसमें विधायक रवि राणा ने कहा था कि, अब बच्चू कडू विधानसभा में दिखाई नहीं देंगे. साथ ही चुनावी नतीजे सामने आने के बाद भी विधायक रवि राणा सहित भाजपा नेत्री व पूर्व सांसद नवनीत राणा ने बच्चू कडू से लोकसभा चुनाव की हार का बदला लिये जाने की बात कही. इस पर पलटवार करते हुए पूर्व विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, राणा दम्पति में इतनी ताकत नहीं है कि, वे उन्हें यानि बच्चू कडू को चुनाव में हरा सके. चाहे तो वे अब भी कोई निर्वाचन क्षेत्र चुन ले और आमने-सामने चुनाव लडकर दिखाये.
बच्चू कडू का यह भी कहना रहे कि, इस बार पूरे राज्य में चुनाव पश्चात अलग ही चित्र दिखाई दे रहा है. यदि राज्य का नतीजा कुछ और रहा, होता और उनकी अचलपुर में हार हुई होती, तो शायद उन्होंने राणा दम्पति को अपनी हार का श्रेय दिया होता. लेकिन इस बार उनकी हार के पीछे काफी अलग कारण रहे. अत: राणा दम्पति ने उनकी हार का श्रेय तो कतई नहीं लेना चाहिए.
बता दें कि, विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होते ही विधायक रवि राणा ने कहा था कि, लोकसभा चुनाव के समय झूठे भाषण देकर यशोमति ठाकुर व बच्चू कडू ने नवनीत राणा को हराने का काम किया था. लेकिन आज यशोमति ठाकुर सहित बच्चू कडू को भी हार का सामना करना पडा है. क्योंकि भाजपा व महायुति प्रत्याशियों की जीत के लिए नवनीत राणा ने पूरे जिले का दौरा करते हुए जगह-जगह सभाएं ली थी और हमने पहले ही कह दिया था कि, इसके बाद बच्चू कडू विधानसभा में दोबारा दिखाई नहीं देंगे. हमारी यह बात पूरी तरह से सच साबित हुई है और इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रवीण तायडे ने चार बार के विधायक बच्चू कडू को 12 हजार से अधिक वोटों की लीड से पराजीत कर दिया है.
विधायक राणा के इसी बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, समूचे राज्य में महायुति के पक्ष में लगभग एकसमान स्थिति रही. जिसे लेकर चहूंओर संदेह भी जताया जा रहा है. ऐसे में राणा दम्पति ने नाहक ही उनकी हार का श्रेय नहीं लेना चाहिए. यदि राज्य में कोई अलग चित्र रहा होता और अचलपुर में उनकी हार हुई होती, तो वे खुद अपनी हार का श्रेय राणा दम्पति को जरुर देते.





