नागपुर मेडीकल के साथ सौतेला व्यवहार क्यों?
कैंसर उपचार मशीन को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

नागपुर/दि.29- राज्य सरकार ने छत्रपति संभाजी नगर के मेडीकल कॉलेज हेतु 2 लिनियर एक्सलेरेटर मशीन खरीदी है. इस मशीन के जरिए कैंसर का इलाज किया जाता है. परंतु नागपुर स्थित मेडीकल कॉलेज के लिए वर्ष 2018 से इस मशीन की खरीदी नहीं हो पाई है. इस बात को ध्यान में रखते हुए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार से सवाल पूछा कि, सरकार द्वारा नागपुर मेडीकल कॉलेज के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है.
विदर्भ के सरकारी अस्पतालों के विकास को लेकर उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर न्या. अविनाश घरोटे व न्या. अभय मंत्री की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस समय लिनियर एक्सलेरेट मशीन की खरीदी के लगातार चलते रहने की वजह से अदालत ने अपनी नाराजी जताई. नागपुर स्थित सरकारी मेडीकल कॉलेज व अस्पताल मध्य भारत में जरुरतमंद मरीजों के लिए मुख्य आधारस्तंभ है. इस मेडीकल को लिनियर एक्सलरेट मशीन देने हेतु राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में 23.20 करोड रुपयों के प्रशासकीय खर्च को मान्यता दी थी. परंतु विविध कारणों के चलते मशीन खरीदी की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई. इसी दौरान महंगाई, सीमा शुल्क व अन्य 34.64 प्रतिशत कर की वजह से मशीन की कीमत बढकर 48 करोड रुपए होगी. ऐसे में अब मशीन खरीदने हेतु अतिरिक्त 25 करोड रुपए की व्यवस्था करनी पडेगी.
* अतिरिक्त निधि कैसे देंगे
नागपुर मेडीकल के लिए लिनियर एक्सलरेटर मशीन खरीदने हेतु अतिरिक्त 25 करोड रुपए किस तरह से उपलब्ध कराए जाएंगे, ऐसा सवाल पूछते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 5 मई तक अपना जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले में एड. अनुप गिल्डा ने न्यायालय मित्र के तौर पर जिम्मा संभाला.





