डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑप. बैंक के निर्बंध शिथिल

8 वर्षों बाद बैंक को मिला मुनाफा, आरबीआई ने ली दखल

* नरेशचंद्र पाटिल के नेतृत्व में संचालक मंडल की तत्परता
अमरावती/दि.10- वर्धा की शाखा में हुए घोटाले के बाद घाटे में गई डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑप. बैंक पर रिजर्व बैंक ने निर्बंध लगा दिए थे. 2 वर्ष पूर्व एकछत्र सत्ता प्राप्त नरेशचंद्र पाटिल के नेतृत्व वाले संचालक मंडल ने उत्कृष्ठ कार्य करते हुए 8 वर्षों के बाद बैंक को मुनाफा दिलवाया है. इसके साथ ही रिजर्व द्वारा बैंक पर लगाए गए निर्बंध शिथिल करवाने में भी संचालक मंडल को सफलता मिली है. उल्लेखनीय है कि, बडे प्रमाण में घाटा होने के बाद डॉ. पंजाबराव देशमुख बैंक पर रिजर्व बैंक ने निर्बंध लगाए थे. जिसके कारण बैंक के विकास पर भी भारी परिणाम हो रहा था. किंतु नरेशचंद्र पाटिल की अध्यक्षता में विराजमान हुए संचालक मंडल ने दो वर्ष में बैंक का अनेक मुद्दों पर होने वाला खर्च कम करके, कर्ज की वसूली व बैंक के कामकाज में सुधार कर बैंक को मुनाफा दिलवाया है. 8 वर्षों से घाटे में चल रही बैंक को केवल दो वर्षों में ही मुनाफे में लाकर आरबीआई द्वारा लगाए गए निर्बंध भी शिथिल करवाए हैं. मार्च 2025 में बैंक का नेट एनपीए भी शून्य हो गया है तथा बैंक को 6.39 करोड का पिछले आर्थिक वर्ष में मुनाफा हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, बैंक पर निर्बंध होते हुए भी संचालक मंडल ने अंजनगांव सुर्जी की शाखा, यवतमाल शाखा तथा विएमवि रोड पर स्थित शाखा कम भाडा रहने वाले उसी प्रकार अधिक व्यवसाय देने वाली महत्वपूर्ण जगह में स्थानांतरीत की गई है. उसके लिए रिजर्व बैंक की ओर से विशेष अनुमति मिलने के संबंध में भी संचालक मंडल का काम महत्वपूर्ण साबित हुआ. संचालक मंडल द्वारा लिए गए प्रत्येक निर्णय में बैंक के सभी कर्मचारियों ने भी पिछले दो वर्ष में कडी मेहनत कर पुन: बैंक को मुनाफे की ओर ले जाने का महत्वपूर्ण योगदान है. बैंक द्वारा किए गए श्रेष्ठ कामकाज में बैंक के मार्गदर्शक तथा मैनेजमेंट बोर्ड के अध्यक्ष और शिवाजी शिक्षा संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. बैंक द्वारा की गई इस उल्लेखनीय प्रगति में बैंक के अध्यक्ष नरेशचंद्र पाटिल, उपाध्यक्ष प्रशांत डवरे, संचालक राजेंद्र महल्ले, सुगंध बंड, अभय ढोबले, डॉ. सुरेंद गावंडे, ओमकार बंड, अमोल बारब्दे, डॉ. अंजलि ठाकरे, डॉ. पूनम चौधरी, मो. जफर कुरैशी, एड. अरुण ठाकरे आदि सभी संचालकों का सभी स्तर से अभिनंदन किया जा रहा है.
* अब विकास की राह पर हैॅ बैंक
डॉ. पंजाबराव देशमुख बैंक विदर्भ की बडी और बहुजनों के कल्याण के काम करने वाली संस्था है. बैंक को हुए घाटे की भरपाई करते हुए बैंक अब मुनाफे में लाने का इस संचालक मंडल ने कार्य करके दिखाया है. इस कार्य के बदले बैंक के सभी जमाकर्ता, ग्राहक और कर्मचारी इन सभी का हित सहे जाने का काम हमने किया है. बैंक अब निरंतर विकास की ओर रहे, हम इसके लिए प्रयासरत रहेंगे.
– प्रशांत डवरे,
उपाध्यक्ष.
* संघर्ष समाप्त, अब विकास की ओर कूच
विगत 8 वर्षों से बैंक घाटे में होने के कारण बैंक को कोई भी नया निर्णय लेना संभव नहीं हुआ. निर्बंध शिथिल करने के लिए पिछले दो वर्ष में हमारे संचालक मंडल और कर्मचारियों ने बडी मेहनत से काम किया. इसके श्रेय के रुप में मार्च 2024-25 में बैंक आखिरकार मुनाफे में आकर बैंक का नेट एनपीए हमने शून्य करके दिखाया है. आखिरकार बैंक का यह संघर्ष समाप्त हुआ. अब बैंक विकास की ओर कूच करेगी. डिजिटल बैंकिंग के साथ ही नई कर्ज योजना और ग्राहकों को अच्छी सेवा देने के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बैंक अब सक्षम हो गई है.
– नरेशचंद्र पाटिल,
अध्यक्ष.

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