विद्यार्थी जीवन में ध्यान साधना बहुत उपयुक्त – प्रमोद पोकले

लडकियों में सर्वांगीण सुसंस्कार शिविर में कथन

* 140 शिविरार्थियों ने लिया सहभाग
 अमरावती/दि.10– आजकल स्कूली छात्रों के हाथों किताबें कम और मोबाइल फोन ज्यादा नजर आते है. हालांकि हम शैक्षणिक प्रगति और समग्र विकास के लिए मोबाइल फोन के बजाय अपने शिक्षकों द्बारा सिखाई गई पढाई पर सही ढंग से ध्यान केन्द्रित करते है तो हम निश्चित रूप से अच्छी प्रगति कर सकते हैं और उच्च स्थान प्राप्त कर सकते है. इसके लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी के लोक कलाकार प्रमोद पोकले गुरूजी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में ध्यान बहुत उपयोगी है और इससे उसे वांच्छित लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.
श्री गुरूदेव लोकसेवा फाउंडेशन द्बारा साईनगर क्षेत्र के निसर्ग लॉन में 2 मई से चल रहे बालिका आवासीय समग्र सांस्कृतिक शिविर में सामुदायिक ध्यान व आराधना का महत्व समझाते हुए प्रमोद पोकले गुरूजी बोल रहे थे. श्री गुरूदेव राष्ट्रधर्म प्रचार समिति के पाठयक्रम के अनुसार ग्राम गीतों के माध्यम से जीवन- शिक्षा का आदर्श पाठ सीखने के लिए इस वर्ष विदर्भ भर से 140 लडकिया इस शिविर में सहभागी हुए है. शिविर में संतों एवं महापुरूषों की जीवनियों से आदर्श दिनचर्या, धार्मिक श्रध्दा, राष्ट्रीय एकता, सभ्यता, सदाचार, नैतिकता, आज्ञाकारिता, स्वावलंबन, सेवा भाव, समय की पाबंदी, अनुशासन, देशभक्ति, निर्भयता आदि जीवन मूल्याेंं को आत्मसात कर है.
शिविर को सफल बनाने के लिए फाउंडेशन के अध्यक्ष मंगेश खोंडे, उपाध्यक्ष भाउराव बागडे, बापुराव तालन, सुभाष सिंहे, सचिव विजय माथने, अशोक मिलखे, अशोक रूमने, प्रशांत दुधे, राजू खापरकर, खुशाल गोडबोले, प्रमोद बोके, ज्ञानेश्यवर मोखाडे, विकास ठाकरे, प्रवीण शेटे, प्रकाश तारेकर, सुरेश देशमुख, जयश्री माथने, वैशाली दुधे, भजन- संगीत शिक्षक प्रभाकर हिवराले, शीतल मेटे, आंचल शिंदे, चेतना गाढवे, तृप्ती सिहें, समर्थ ढोक, गुत्रुसिंह मालवे, रविन्द्र बन, गौरव वाठ, प्रताप मोहोड, प्रशांत विरेकर आदि सहित गुरूदेव सेवा मंडल के कई कार्यकर्ता अथक प्रयास कर रहे हैं.

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