अंबानगरी की मधुरा धामणगांवकर तीरंदाजी में बनी विश्व चैम्पियन
विश्व कप स्टेज-2 में जीता गोल्ड मेडल

* अमेरिका की कार्सन को हराया
अमरावती/दि.12-अंबानगरी की मधुरा धामणगांवकर चीन के शंघाई में चल रहे विश्व कप स्टेज-2 तीरंदाजी प्रतियोगिता में एक नई विश्व चैंपियन उभरी है. मधुरा ने कंपाउंड स्पर्धा में अमेरिकी कार्सन क्राइ को 139-138 से हराकर व्यक्तिगत स्वर्ण जीवा तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना पहला स्वर्ण जीतकर विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया.मधुरा ने शनिवार सुबह शंघाई खेलों में टीम स्पर्धा में रजत और मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपनी अमिट छाप छोड़ी. राज्य संघ के अध्यक्ष प्रशांतदेशपांडे, सचिव प्रमोद चांदुरकर और मधुर के कोच प्रवीण सावंत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि, मधुरा के सराहनीय प्रदर्शन से पूरे महाराष्ट्र में खुशी की लहर है और आगामी ओलंपिक में भारत की पदक जीतने की उम्मीदें बढ गई हैं.
मधुरा के पिता शैलेश धामणगांवकर ने कहा कि, यह अमरावती के लोगों के लिए बहुत खुशी और गर्व का क्षण है और मधुरा की कडी मेहनत रंग लाई है.शंघाई में चल रही प्रतियोगिता में शनिवार, 10 मई का दिन भारत के लिए बहुत लाभदायक रहा. कम्पाउंड स्पर्धा में भारत ने कुल पांच पदक जीते जिनमें दो स्वर्ण, दो कांस्य और एक रजत पदत शामिल है. खास बात यह है कि, मधुरा ने इनमें से तीन में अकेले ही जीत हासिल की. शनिवार सुबह मैक्सिको के खिलाफ खेले गए कंपाउंड टीम फाइनल मैच में मधुरा धमनगांवकर, ज्योति सुरेखा वेन्नम और चिकिथा तानिपार्थी की भारतीय टीम को 222-234 से हारकर रजत पदकसे संतोष करना पड़ा, हालांकि, ऋषभ यादव, ओजस देवताले और अभिषेक वर्मा की भारतीय टीम ने फाइनल में मैक्सिको को 232-228 से हराकर महिला वर्ग में हार पर मरहम लगाते हुए भारत को दिन का पहला स्वर्ण पदक दिलाया. इसके बाद मिश्रित युगल स्पर्धा में मधुरा धामणगांवकर-अभिषेक वर्मा ने मलेशिया को 144-142 से हराकर कांस्य पदक जीता.
इसके बाद, महिलाओं की व्यक्तिगत स्पर्धा में मधुरा ने अमेरिकी कार्सन को 139-138 से हराकर अपन अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण और देश के लिए शनिवार को दूसरा स्वर्ण पदक जीता. शनिवार दोपहर में खेली गई पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के ऋषभ यादव ने बेहतरीन निशानेबाजी के बल पर कोरिया के किम जोंगहो को बेहद करीबी मुकाबले में हराकर कांस्य पदक जीता. मैच 145-145 से बराबर होने पर यादव को विजेता घोषित किया गया, क्योंकि उन्होंने केंद्र के पास 10 अंक का तीर निशाने पर मारा था.