खिलाडी विद्यार्थियों का पंजीयन जरुरी
निजी शालाएं गंभीर, सरकारी शालाएं पीछे

अमरावती /दि.16– शालेय शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों के सर्वांगिण विकास को गतिमान करने हेतु क्रीडा क्षेत्र में विद्यार्थियों के सहभाग पर ध्यान केंद्रीत किया जाता है और क्रीडा वृत्ति रखनेवाले विद्यार्थी क्रीडा प्रकार से दूर न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है. जिसके तहत खिलाडी विद्यार्थियों का पंजीयन किया जाता है.
खिलाडी विद्यार्थियों के क्रीडा गुणों को प्रोत्साहन मिले इस हेतु क्रीडा विभाग द्वारा उनका ऑनलाइन पंजीयन किया जाता है. साथ ही सरकारी स्तर पर विविध सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है, जिसे लेकर निजी शालाओं द्वारा पूरी गंभीरता दिखाई जाती है. वहीं दूसरी ओर मनपा व जिप की सरकारी शालाएं इस मामले को लेकर काफी हद तक उदासीन दिखाई देती है और सरकारी शालाओं में खिलाडी विद्यार्थियों व उनके खेल प्रकार को प्रोत्साहित करने का काम काफी हद तक सुस्त दिखाई देता है. इसके चलते सरकारी शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या लगातार घट रही है और कई शालाओं ने अब तक पंजीयन करने का काम भी नहीं किया है. इसके पीछे सबसे प्रमुख वजह यह भी है कि, सरकारी शालाओं के विद्यार्थी पंजीयन हेतु लगनेवाला शुल्क नहीं देते. साथ ही क्रीडा क्षेत्र हेतु आवश्यक कोच भी नहीं रहते. जिसके चलते खिलाडी आगे आने के उत्सुक नहीं रहते.
* कभी भी हो सकता है पंजीयन
शालाओं द्वारा अपने विद्यार्थियों का ऑनलाइन पंजीयन कभी भी किया जा सकता है. जिसके लिए शाला स्तर पर पंजीयन करने हेतु जून माह के पहले सप्ताह में क्रीडा विभाग द्वारा पत्र जारी किया गया है.
* शालाओं में कोच नहीं
क्रीडा प्रकार में बच्चों को पारंगत करने हेतु शालाओं में कोच रहना आवश्यक है, तभी बच्चे क्रीडा प्रकार में पारंगत होंगे. जिसके लिए शालाओं में प्रशिक्षक रहने की आवश्यकता है. परंतु कई सरकारी शालाओं में प्रशिक्षक नहीं है.
* क्या है शालाओं की दिक्कत
जिला परिषद की शालाओं में आवश्यकता नुसार खेल साहित्य उपलब्ध नहीं होता. यद्यपि जिप शालाओं के पास बडे-बडे क्रीडांगण है, लेकिन वहां पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. यदि बच्चे वहां रात के समय प्रैक्टिस करना चाहे तो लाईट का इंतजाम नहीं है. साथ ही बारिश के समय मैदान को कवर करने के लिए सुरक्षा कवच भी नहीं है. इसके अलावा पंजीयन व प्रशिक्षण हेतु लगनेवाला शुल्क भी विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा अदा नहीं किया जाता. जिसके चलते सरकारी शालाएं इस काम में पीछड जाती है.
* जिप शालाओं द्वारा खिलाडी विद्यार्थियों का पंजीयन नहीं किया जाता. जिसे लेकर बार-बार पत्र व्यवहार किया जाता है. बावजूद इसके जिप शालाएं इस काम को लेकर हमेशा ही पीछे रह जाती है. ऐसे में अब सभी जिप शालाओं को एक बार फिर इस बारे में पत्र भेजा जा रहा है.
– गणेश जाधव
जिला क्रीडा अधिकारी, अमरावती.