अमरावती मनपा का चुनाव साथ मिलकर लड सकती है महायुति
शहर में महायुति के लिए पोषक वातावरण

* सभी घटक दलों को एक-दूसरे की जरुरत
* आपसी समन्वय के साथ आगे बढने की रणनीति पर हो रहा विचार
अमरावती/दि.16 – जारी वर्ष में आगामी चार माह के दौरान अमरावती महानगर पालिका के चुनाव होनेवाले है. जिसके लिए चुनाड लडने के इच्छुकों सहित सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों द्वारा अभी से ही अपनी रणनीति तय की जा रही है. ऐसे में सबसे बडी उत्सुकता इस बात को लेकर देखी जा रही है कि, महायुति के घटक दल यह चुनाव साथ मिलकर लडेंगे या फिर महायुति के घटक दलों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारे जाएंगे, इस सवाल का जवाब खोजने हेतु किए गए राजनीतिक विश्लेषण से पता चलता है कि, अमरावती में महायुति के घटक दलों द्वारा साथ मिलकर चुनाव लडने की संभावना अधिक है. क्योंकि अमरावती में भाजपा के साथ-साथ महायुति के लिए स्थिति बेहद अनुकूल है. ऐसे में महायुति के सभी घटक दल अपने-अपने व्यक्तिगत फायदों को कुछ समय के लिए परे रखते हुए अलग-अलग चुनाव लडने की बजाए महायुति के तहत एक साथ मिलकर चुनाव लडने पर ही विचार किया जाएगा.
बता दें कि, इससे पहले अमरावती महानगर पालिका हेतु वर्ष 2017 में चुनाव हुए थे और उस समय तत्कालीन पालकमंत्री प्रवीण पोटे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मनपा के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड 45 सीटें जीती थी और मनपा की एकछत्र सत्ता हासिल की थी. परंतु पिछले चुनाव के तुलना में इस बार के चुनाव के लिहाज से राजनीतिक हालात काफी हद तक बदल गए है. तब पालकमंत्री रहनेवाले प्रवीण पोटे कुछ समय बाद मंत्री पद से हटा दिए गए थे और अब उनका विधान परिषद का कार्यकाल भी खत्म हो गया है. इस दौरान प्रवीण पोटे भाजपा के शहराध्यक्ष भी रहे और उनका यह कार्यकाल भी खत्म हो गया. वहीं वर्ष 2017 में हुए मनपा चुनाव के समय डॉ. सुनील देशमुख भी भाजपा की ओर से अमरावती शहर के विधायक थे और उस समय मोर्शी-वरुड क्षेत्र से भाजपा विधायक रहनेवाले डॉ. अनिल बोंडे ने भी मनपा चुनाव में अपनी ताकत झोंकी थी यानि तीन-तीन विधायकों के दम पर भाजपा द्वारा मनपा में पिछले चुनाव में सफलता हासिल की थी. परंतु अब भाजपा के लिए अमरावती मनपा क्षेत्र में स्थितियां पूरी तरह से बदल गई है. साथ ही इन आठ वर्षों के दौरान कई पुराने चेहरे हाशिये पर जाकर पार्टी के साथ कई नए चेहरे जुड गए है. साथ ही पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर भी काफी बडे बदलाव हुए है और अब अमरावती शहर में भाजपा भी ‘नया गडी, नया राज’ की तर्ज पर मनपा चुनाव का सामना करने की तैयारी में दिखाई दे रही है. जिसके तहत नवनियुक्त शहराध्यक्ष नितिन धांडे अब नए जोश के साथ पार्टी में जोश व उत्साह फूंकने की तैयारी कर रहे है.
इसके अलावा अमरावती मनपा क्षेत्र में महायुति के लिहाज से सबसे प्रमुख व सबसे बडा बदलाव तो यह है कि, इस समय महायुति में शामिल रहनेवाली अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से सुलभा खोडके अमरावती की विधायक रहने के साथ-साथ उनके पति व राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके भी विधान परिषद सदस्य के तौर पर विधायक है. ऐसे में महायुति के तहत इस समय अमरावती शहर में विधायक खोडके दंपति का अच्छा-खासा दबदबा कहा जा सकता है. इसके साथ ही इस समय अमरावती में डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली शिवसेना भी बडी तेजी के साथ अपने कदम मजबूत कर रही है. जिसके तहत विगत दिनों ही शिंदे गुट वाली शिवसेना का अमरावती में संभागस्तरिय सम्मेलन हुआ था और पार्टी ने अमरावती में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई. इसके साथ ही बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा का दो बार चुनाव लड चुकी प्रीति बंड भी इस समय शिंदे गुट वाल शिवसेना में है और बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से महानगर पालिका की 26 सीटें आती है. जिसके चलते शिंदे गुट मजबूत स्थिति में बताया जा रहा है.
इन सबके साथ ही पिछली बार स्वतंत्र तौर पर अपने प्रत्याशी खडे करते हुए तीन सीटों पर जीत हासिल करनेवाली युवा स्वाभिमान पार्टी भी इस बार महायुति में घटक दल के तौर पर शामिल है और युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक रवि राणा की पत्नी एवं पूर्व सांसद नवनीत राणा इस समय भाजपा की स्टार प्रचारक है. जिनका भाजपा में शहराध्यक्ष व जिलाध्यक्ष पद को लेकर इस बार हुई संगठनात्मक नियुक्तियों में दबदबा भी दिखाई दिया है तथा पूर्व सांसद नवनीत राणा समर्थक गुट से वास्ता रखनेवाले नितिन धांडे को शहराध्यक्ष तथा पूर्व विधायक प्रभुदास भिलावेकर एवं ओबीसी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष रविराज देशमुख को जिलाध्यक्ष बनाया गया. इन तीनों नियुक्तियों के जरिए यह स्पष्ट हो गया कि, इस समय अमरावती शहर सहित जिला भाजपा में राणा गुट का ही दबदबा है. जिसके चलते विधायक राणा के नेतृत्व वाली युवा स्वाभिमान पार्टी निश्चित तौर पर भाजपा के साथ ही चुनाव लडेगी.
इन तमाम बातों के मद्देनजर स्पष्ट है कि, अमरावती मनपा के चुनाव में महायुति के तीनों घटक दलों के स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा आपसी तालमेल व समन्वय का प्रदर्शन किया जाएगा और जहां तक संभव है अमरावती मनपा का चुनाव महायुति के घटक दलों द्वारा साथ मिलकर लडा जाएगा.





