तथागत भगवान गौतम बुद्ध दर्शन शास्त्र के प्रणेता है
विधायक सुलभा खोडके का प्रतिपादन

* बुद्ध विहार में बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन
अमरावती /दि.17– ‘दुश्मनी से दुश्मनी खत्म नहीं होती’ वह सिर्फ दोस्ती से ही खत्म होती है. तथागत भगवान गौतम बुद्ध का यह संदेश आज के अस्थिर व संघर्षमय दुनिया के लिए मार्गदर्शक साबित होता है. गया में बोधिवृक्ष के नीचे परमशांति का अनुभव करने वाले तथागत गौतम बुद्ध दर्शनशास्त्र के प्रणेता है, ऐसा प्रतिपादन विधायक सुलभा खोडके ने व्यक्त किया. वे चांदूर रेल्वे मार्ग पर स्थित एसआरपी क्वॉर्टर के समिप बुद्ध टेकडी बुद्ध विहार में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी.
तथागत भगवान गौतम बुद्ध के संदेश को अपनाकर बुद्ध पूर्णिमा उत्साह से मनाई गई. कार्यक्रम में मंच पर विधायक सुलभा खोडके, विधायक संजय खोडके, अधिकारी चंद्रशेखर खंडारे, प्रा. डॉ. संजय खडसे, सेवानिवृत्त एपीआई सुरेश वर्धे, सुनील बसवंत, रमाई महिला मंडल की श्रीमती वर्धे, पूर्व पार्षद मंगेश मनोहरे, सपना ठाकुर उपस्थित थे. बुद्ध वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. तथागत भगवान गौतम बुद्ध व महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा को खोड़के दंपति सहित सभी ने नमन व वंदन कर माल्यार्पण किया. विधायकद्वय सुलभा खोड़के व संजय खोड़के का रमाई महिला मंडल के पदाधिकारियों सहित सभी सदस्यों ने शॉल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया. सत्कार स्वीकार कर आयोजकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुये विधायक संजय खोड़के ने कहा कि तथागत भगवान गौतम बुद्ध वर्ग तत्वज्ञान अपाने पर मानवी जीवन आनंदमय हो सकता है. यह संदेश भगवान गौतम बुद्ध ने दिया है उन्होंने सभी उपस्थितों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी. चंद्रशेखर खंडारे, प्रा.डॉ. संजय खडसे ने भी अपने मनोगत व्यक्त किये. इस प्रसंग पर अतिथियों के समयोचित भाषिण हुये. इसी दौरान स्थानीय परिसर में नागरिकों को अपेक्षित सुविधाएं, सहूलियतें उपलब्ध कराने को लेकर दोनों विधायकों को जानकारी देकर अवगत कराया गया. आगामी समय में स्थानीय नागरिकों की अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिये में कटिबद्ध है, ऐसा विश्वास विधायक सुलभा खोड़के ने व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र गुलदेवकर ने, प्रास्ताविक साहिल नवाडे ने व आभार प्रदर्शन सुरेश वर्षों, अजय श्रृंगारे ने किया. रमाई महिला मंडल के सभी सदस्य, पदाधिकारी, स्थानीय नागरिक, उपासक, उपासिका बडी संख्या में उपस्थित थे.