सत्कारमूर्ति शिक्षा में पिछडेपन को दूर करने बनेंगे प्रेरणादायी
विधायक संजय खोडके का प्रतिपादन

अमरावती /दि.19– किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए हमें प्रेरणास्त्रोत की आवश्यकता होती है. पहले मुस्लिम समाज में शिक्षकों विशेष महत्व नहीं दिया जाता था. लेकिन अब समाज की विचारधारा बदलने लगी है. समाज में अब बच्चों को भी उच्च शिक्षा दिये जाने का प्रयास कर उन्हें अपने पैरों पर खडे रहने पर प्रेरित किया जा रहा है. आज इस मंच से जिन सत्कारमूर्तियों का स्वागत होने जा रहा है, वह समाज के लिए प्रेरणा बनेंगे, ऐसा प्रतिपादन विधायक संजय खोडके ने व्यक्त किया.
स्थानीय जमील कालोनी स्थित युसूफ पैलेस के पास नैशनल हॉल में सोशल एज्यूकेशन एण्ड वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा रविवार को आयोजित सत्कार समारोह व स्टूडंट मोटिवेशनल सेमिनार में वे बोल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक सुलभा खोडके ने की तथा इस अवसर पर उपजिलाधिकारी अनिल भटकर, आईएएस अकादमी के नरेशचंद काटोले, यवतमाल में सेवा संस्था के निजामोद्दीन प्रमुख रुप से उपस्थित थे. विधायक संजय खोडके ने कहा कि, समाज का औधा बढ रहा है. अब मुस्लिम समाज की लडकियां भी केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस बन रही है. इस परीक्षा में हर साल लाखों की संख्या में विद्यार्थी परीक्षा देते है. लेकिन उनमें से केवल एक का भाग्य खुलता है और उसे बडा अफसर बनने का मौका मिलता है. मुस्लिम समाज में जहां शिक्षा को विशेष महत्व नहीं दिया जाता, ऐसे समाज से किसी बेटी ने यह परीक्षा उत्तीर्ण कर अवसर बनने का जो सम्मान प्राप्त किया है, वह समाज के लिए प्रशंसनीय है. इसके अलावा जेएमसी परीक्षा उत्तीर्ण कर उजैर ने कम आयु में न्यायाधीश बनने का मुकाम हासिल किया है. वह आने वाले समय में हाईकोर्ट का जज बनेंगा, ऐसा विश्वास सभी को है. शिफा जैसी बेटी चार्टर्ड अकाउंटंट बनकर देश के वित्त व्यवस्था में सहयोग दे रही है. यह सभी के लिए गर्व की बात है. आज जिन सत्कारमूर्तियों का सम्मान हो रहा है, वह समाज में सेवाकार्य के लिए आगे आये है. इसमें किसी भी राजनीतिक दल का समावेश नहीं है. हम भी जनप्रतिनिधि के रुप में समाज में सेवाकार्य करते है. लेकिन ऐसे अधिकारी जब तैयार होते है, तो हमारे जैसे राजनेताओं के लिए वह बडी ताकत बनकर खडे होते है. अकादमी स्कूल में हमने 30 लाख रुपए खर्च कर अभ्यासिका की शुरुआत की. जहां आवश्यक किताबें भी उपलब्ध करवाई है. लेकिन अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिली है.
हम चाहते है कि, आने वाले समय में इस अभ्यासिका के माध्यम से स्पर्धा परीक्षा की तैयारी कर रहे है. विद्यार्थियों में से कुछ विद्यार्थियों को चुना जाये और उन्हें अन्य स्थान पर प्रशिक्षण के लिए भेजकर परीक्षा में उतारा जाये, ताकि हमें शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त हो. कक्षा 10वीं के नतीजे में इस बार मुस्लिम परीक्षा का परीक्षाफल 98 फीसद रहा. जबकि 12 वीं की परीक्षा में यह परीक्षाफल 96 फीसद रहा है. आने वाले समय में हमें मनपा के स्कूलों में ज्यूनियर कॉलेज का निर्माण करना है, ताकि मुस्लिम क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के लिए इधर-उधर भटकना न पडे. साथ ही स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने के लिए इस क्षेत्र में हम प्रशिक्षण केंद्र भी शुरु करेंगे. जिससे विद्यार्थियों को घर बैठे स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने के लिए उनके अधिकार का केंद्र उपलब्ध करवाया जा सके. यह कहते हुए विधायक संजय खोडके ने सभी सत्कारमूर्तियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.
निवासी उपजिलाधिकारी अनिल भटकर में उपस्थित विद्यार्थियों को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, हमें पढाई की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए. मुस्लिम क्षेत्र में पढाई को लेकर कम उत्साह देखा जाता है. इसका अर्थ यह नहीं है कि, वे स्पर्धा परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकते. यदि उन्हें उचित मार्गदर्शन दिया जाये, तो वह स्पर्धा परीक्षा में आज के सत्कारमूर्तियों की तरह समाज का नाम रोशन कर सकते है. इसके लिए हमें हर मोहल्ले में अभ्यासिका का निर्माण करना होगा, तभी हम विद्यार्थियों को स्पर्धा परीक्षा के लिए प्रेरित कर सकते है. यवतमाल के सेवा संस्था के निजामुद्दीन ने कहा कि, सेवा यह संस्था केवल पढाई कर ध्यान केंद्रीत करने वाली संस्था है. जो वर्ष 2014 से यवतमाल में कार्यरत है. अब तक इस संस्था ने करीब 12 सें 13 जिले में काम शुरु कर दिया है. संस्था ने 40 लाख रुपए में विद्यार्थियों को पढाना शुरु किया था. आज यह संस्था 4 करोड तक पहुंच गई है. हर साल 4 करोड रुपए खर्च कर हम विद्यार्थियों को उचित एवं उच्च शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करते है और उनका सपना साकार करने में सहायता करते है.
विशेष यह कि, यवतमाल में रेजिडेंसी कोचिंग क्लास भी शुरु किये गये है. हमने स्पर्धा परीक्षा के लिए 115 छात्रों को प्रशिक्षण दिया था, जिसमें से 36 छात्र विविध सेवा क्षेत्र में नियुक्त हुए है. इस जानकारी के माध्यम से उन्होंने अनेक बच्चों को पढाई के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम के आयोजक प्रमुख याहया खान पठान ने कहा कि, हम एज्यूकेशन को बढावा देने का प्रयास कर रहे है. इसलिए अकादमी स्कूल में स्पर्धा परीक्षा अभ्यासिका की शुरुआत की गई. जहां आज 50 से अधिक विद्यार्थी पढाई कर स्पर्धा परीक्षा की तैयारी कर रहे है. यहां पढने वालेविद्यार्थियों में से अनेकों ने पुलिस भर्ती की परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया है. आने वाले समय में इसकी संख्या और अधिक बढने की अपेक्षा उन्होंने व्यक्त की. कार्यक्रम में अतिथियों के हाथों मुस्लिम समाज से आईएएस जैसे पद पर लिप्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला के रुप में अदिबा अनम ने स्थान प्राप्त किया है. इस बेटी ने कठिन परीस्थिति का सामना कर यह मुकाम हासिल किया है. उससे प्रेरणा लेकर और भी बेटियां और बेटे प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में आगे बढे, इसलिए उसे यवतमाल से आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा वकील के रुप में सालों परीश्रम कर अब जज की भूमिका निभाने वाले उजैर नसीर अहमद तथा चार्टर्ड अकाउंटंट के तौर पर सफल हुई शिफा खान को शाल, पुष्पगुच्छ, किताब व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
इस कार्यक्रम मेंं शिफा खान किसी कारणवश उपस्थित नहीं रह पायी, उनके पिता ने यह सम्मान स्वीकार किया. साथ ही शिफा ने अपना वाइस मैसेज सभी के लिए भेजा था, जिसे कार्यक्रम के दौरान उपस्थितों को सुनाया गया. इसके अलावा कार्यक्रम में नांदगांव पेठ एमआईडीसी के अध्यक्ष अफाक हुसैन को सम्मानित किया गया. उनकी ओर से पिता सुबेदार हुसैन ने यह सम्मान स्वीकार किया. कार्यक्रम में बडी संख्या में मुस्लिम समाजबंधु उपस्थित थे. साथ ही छात्रों ने सत्कारमूर्तियों के परिश्रम और उनके द्वारा दिये गये सुझाव एवं संदेश को शांतिपूर्ण रुप से सुना और उनके सफर को महसूस करने का प्रयास किया.