सुप्रिया को केंद्र में तथा रोहित पवार व जयंत पाटिल को राज्य में मिलेगा मंत्रिपद

ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने किया सनसनीखेज दावा

* पवार परिवार व राकांपा के दोनों गुटों के पहले से एक ही बताया
सोलापुर /दि.19- इस समय जहां एक ओर राकांपा के दोनों गुटों के दुबारा एक साथ आने की चर्चा है, वहीं ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने दावा किया है कि, पवार परिवार और राकांपा में कभी कोई फूट नहीं पडी थी. बल्कि वे भीतर से एक ही है और बंटवारा व विभाजन केवल दिखावे के लिए ही हुआ था. साथ ही लक्ष्मण हाके ने यह दावा भी किया कि, विगत 10 वर्षों से पवार चाचा-भतीजे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दरवाजे पर ही खडे दिखाई दे रहे है और अब बहुत जल्द सुप्रिया सुले को केंद्र में तथा जयंत पाटिल व रोहित पवार को राज्य में मंत्रिपद दिया जाएगा. जिसका सीधा फटका छगन भुजबल व गोपीचंद पडवलकर जैसे ओबीसी नेताओं को सहन करना पडेगा.
ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने महाविकास आघाडी के नेताओं की आलोचना करते हुए शरद पवार एवं उद्धव ठाकरे सहित संजय राऊत पर भी निशाना साधा और कहा कि, शरद पवार चाहे कितनी ही बार फुले-शाहू-आंबेडकर का नाम लेते रहे, लेकिन हकिकत में वे मोदी व शाह के ही कार्यकर्ता है. अत: उन्होंने किसी भी तरह की कोई अलग भूमिका दर्शाने के झंझट में नहीं पडना चाहिए. क्योंकि विगत 10 वर्षों के दौरान शरद पवार सहित अजीत पवार कई बार अमित शाह के दरवाजे पर गए है और यह बात पूरा महाराष्ट्र जानता है. इसके अलावा हाके ने यह भी कहा कि, किसी समय शिवसेना यह महाराष्ट्र के ओबीसी समाज की सबसे पसंदिदा पार्टी हुआ करती थी. लेकिन उद्धव ठाकरे ने शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के विचारों को तिलांजली दे दी. साथ ही संजय राऊत ने शिवसेना को शरद पवार के पास गिरवी रख दिया. जिसके चलते सालोसाल साथ रहनेवाला ओबीसी समाज आज शिवसेना से दूर हो गया है और किसी समय 75 विधायक रहनेवाली शिवसेना के पास आज गिने-चुने लोग ही बचे है. वहीं शिवसेना का अपनी सुविधा के लिहाज से भरपूर उपयोग करने के बाद जहां अजीत पवार ने पहले ही भाजपा के साथ हाथ मिला लिया है, वहीं अब बहुत जल्द शरद पवार गुट वाली राकांपा भी भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति के साथ खडी दिखाई देगी. जिसके चलते बहुत जल्द सुप्रिया सुले को केंद्र में तथा रोहित पवार व जयंत पाटिल को राज्य में मंत्रिपद मिलेगा.

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