करोडों रुपए का घोटाला करने वाले बंटी साहू के कार्यालय पर छापा
कई दस्तावेज बरामद

* क्राइम ब्रांच को मिली बडी सफलता
* मनीलांड्रिंग से भी जुडा है रैकेट
नागपुर/दि.21-फर्जी बिल बनाकर 155 करोड रुपए के घोटाले को अंजाम देनेवाले संतोष उर्फ बंटी रामपाल साहू स्मॉल फैक्ट्री स्थित कार्यालय से हवाला और मनी लांड्रिंग का इंटरनेशनल रैकेट चला रहा था. इस रैकेट की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को मंगलवार को एक बडी सफलता मिली है. क्राइम ब्रांच ने बंटी के कार्यालय पर छापा मारकर फर्जी कंपनियों, हवाला संचालन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुडे दस्तावेज बरामद किए हैं. इस कार्यालय से बंटी साक्षी फूड्स नामक फर्जी फर्म चला रहा था.
ज्ञात हो कि क्राइम ब्रांच ने 17 मई की रात लकडगंज थाने में मामला दर्ज कर कबाड़ी बंटी साहू, उसके भाई जयेश शाहू, बृजकिशोर मनियार, ऋषि लखानी और आनंद हरडे को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार अबतक की जांच में बंटी और ब्रिजकिशोर मनियार इस रैकेट के बडे खिलाडी होने का पता चला है. इसके आधार पर पुलिस ने आज बंटी के कार्यालय पर छापा मारा. पुलिस को वहां से बैंक पासबुक, निवेश रिकॉर्ड और अवैध संचालन
* और तीन फर्जी कंपनियों का खुलासा
क्राइम ब्रांच ने अबतक चार गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. उनके नाम से आरोपियों ने तीन फर्जी कंपनियां रजिस्टर की थी. यह कंपनियां प्राइम ट्रेडर्स, त्रिशा ट्रेडर्स और आशीष ट्रेडर्स है. इन कंपनियों के नाम से 160 करोड रुपए से अधिक के फर्जी बिल बनाए जाने का पता चला है. आगामी दिनों में अन्य पीडितों के भी शिकायत करने के लिए सामने आने का अनुमान है.
से सीधे जुडे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिल गए. इन दस्तावेजों से बंटी द्वारा फर्जी फर्म के नाम पर धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपए का धन अर्जित किए जाने का पता चल रहा है. पुलिस ने बंटी और उसके परिजन के आठ बैंक खाते फ्रीज किए हैं. उनका फॉरेंसिक ऑडिट किया जा रहा है. इसमें खातों में हुई लेनदेन का पता चल सकता है. बंटी मनियार की मदद से सालों से इस रैकेट को संचालित कर रहा था. उसके पास 15 से 20 लोगों की टीम थी. इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा कॉमर्स ग्रेजुएट युवक-युवतियां शामिल थे. वह बंटी के इसारे पर फर्जी बिल बनाकर व्यापारी, कंपनी तथा फर्म को बेचते थे. पुलिस ने बंटी की टीम में शामिल कर्मचारियों के पहचान पत्र जब्त किए हैं. बंटी का कार्यालय अवैध कारोबार में लिप्त व्यापारियों, ऑनलाइन गेमिंग और हवाला ऑपरेटरों के लिए ‘मदद केंद्र’ था. यहां से वह अपना काला धन अलग-अलग मार्ग से सफेद कराते थे. बंटी और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद से रैकेट से जुड़े लोग भूमिगत हो गए हैं. इस रैकेट ने हजार करोड से अधिक के फर्जी बिल बनाए हैं. बाजार के सूत्र भी इसका दावा कर रहे हैं. क्राइम ब्रांच की कार्रवाई से जहां रैकेट से जुड़े व्यापारियों की सांसें अटकी हुई हैं, वही परंपरागत व्यापारियों में खुशी की लहर है. व्यापारियों का कहना है अधिकृत कारोबारी को कई परेशानी से जूझना पड़ता है.