मकान और वाहनों का सपना पूरा
कर्ज बकाया रहने पर जब्ती की कार्रवाई

* जिले मेें पूर्ण वर्ष में बैंकों द्वारा 11724.45 करोड रुपए का खर्च
अमरावती /दि.22– वर्तमान समय में आम नागरिकों के घर का निर्माण करना, वाहन लेना नामुमकीन हो गया है. इस कारण नागरिक विविध बैंकों के जरिए कर्ज लेकर अपना सपना पूर्ण करते है. बैंक में कर्ज जल्द मिलता रहा, तो भी ब्याज से नागरिकों की कमर टूट गई है, ऐसी परिस्थिति में कर्ज की किश्त बकाया रही, तो खातेदार, मकान और वाहन पर जब्ती की कार्रवाई निश्चित है.
निजी फाइनांस कंपनी खातेदारों को कर्ज तत्काल देती है. लेकिन कर्ज की किश्त बकाया रही, तो कार्रवाई भी तत्काल करती है. ऐसे समय अनेक बार विवाद होने की घटनाएं घटित हुई है. वाहनों का कर्ज जल्द अदा हो जाता है. लेकिन गृह कर्ज की किश्त भरते समय पूरा जीवन चला जाता है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. निर्माण साहित्य, मजदूरी और प्लॉट के भाव काफी बढ गये है. इस कारण कर्ज लिये बगैर काम भी पूरा नहीं हो पाता. ऐसी परिस्थिति में नागरिक कर्ज के जाल में फंस जाते है. लेकिन पश्चात कर्ज की किश्त भरते समय उनके पसीने छूट जाते है. मकान के लिए कर्ज लेते समय घर, प्लॉट आदि संपत्ति बैंक, निजी फाइनांस कंपनी गिरवी रखती है. यदि कर्जदार ने कर्ज अदा करने में टालमटोल किया, तो बैंक द्वारा कार्रवाई का कदम उठाया जाता है.
* अन्यथा बैंक द्वारा होती है जब्ती की कार्रवाई
ग्राहक द्वारा कर्ज की किश्त अदा करने के लिए बैंक द्वारा पहले नोटिस दी जाती है. उसके गारंटर को भी नोटिस दी जाती है और पश्चात संबंधित का मकान और वाहन पर जब्ती की कार्रवाई की जाती है.
* शिक्षा कर्ज वितरण में कमी
– बैंक द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा कर्ज दिया जाता है. इसमें 80 करोड रुपए की तुलना में बैंकों ने कम यानि 26.42 करोड रुपए का कर्ज वितरण किया है.
– गृह कर्ज भारी मात्रा में रहता है. इसमें 450 रुपए की तुलना में बैंकों ने कम यानि 183.56 करोड रुपए का कर्ज वितरण किया रहने की जानकारी है.
– बैंकों द्वारा ग्राहकों को संपत्ति के खिलाफ ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है. इसमें विविध बैंकों ने 300 करोड रुपए की तुलना में 208.62 करोड का चालू निवेश उपलब्ध किया.
* बैंक द्वारा 21 मार्च तक कर्ज वितरण
– जिले की बैंकों ने निश्चित कालावधि के लिए दिया जाने वाला कर्ज (टीएम) 2034.70 करोड रुपए का वितरण किया. प्रत्यक्ष में बैंकों को 1400 करोड रुपए का टारगेट था.
– जिले की बैंकों ने कृषि कर्ज के लिए 3500 करोड रुपए के कर्ज वितरण का टारगेट रहते प्रत्यक्ष में 3855.81 करोड रुपए का कर्ज वितरण किया है.
– इसमें बैंक सीधे पैसे न देते हुए गारंटी लेती है. यह एक बैंक गारंटी रहती है. इसमें 2750 करोड रुपए टारगेट की तुलना में 3398 करोड रुपए की गारंटी ली गई है.
– बैंक द्वारा पीएस में 7080 करोड रुपए की तुलना में 7673.34 करोड रुपए और एनपीएस में 3400 करोड रुपए की तुलना में 4051.10 करोड का निवेश किया है.