बुधवार को शहर सहित संपूर्ण जिले में जमकर बरसे मेघ

अनेक स्थानों पर पेड गिरे, बारिश का पानी दुकानों में घुसा

* जुडवा नगरी के अनेक इलाकों में छाया रहा पूरी रात अंधेरा
* अमरावती के जिला अस्पताल में पानी घुसा, विद्युत आपूर्ति हुई खंडित
अमरावती /दि.22– अमरावती शहर सहित संपूर्ण जिले में कल बुधवार 21 मई की रात बारिश ने कहर ढा दिया. प्री मानसून की पहली बारिश में ही प्रशासन की पोल खोल दी. धुआंधार हुई इस बारिश के कारण अनेक इलाकों में पानी घुस गया. साथ ही अनेक परिसरों के पेड गिरने और विद्युत पोल भी डूब जाने से विद्युत आपूर्ति खंडित हो गई. शहर के अनेक संकुल और प्रतिष्ठानों में भी पानी घुस गया. जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में भी पानी घुस जाने से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हुई. साथ ही काफी समय तक विद्युत आपूर्ति खंडित रही. शहर के अनेक इलाके इस बारिश के कारण मध्य रात्रि तक अंधेरे में रहे. नालियों की सफाई न होने से बारिश के पानी के कारण कचरा सडकों पर आ गया है. जिले की सभी तहसीलों में यह बारिश हुई. इस बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था.
मौसम विभाग ने पहले से ही 21 से 24 मई तक महाराष्ट्र के अनेक जिलों में और विशेष तौर पर विदर्भ में गरज के साथ भारी वर्षा होने की संभावना जतायी थी. इसके मुताबिक पिछले दो-तीन दिनों से अमरावती शहर सहित जिले की अनेक तहसीलों में बिजली की कडकडाहट और तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही थी. लेकिन कल बुधवार 21 मई की शाम 7.30 बजे के दौरान तेज हवा और गरज के साथ मूसलाधार बारिश शुरु हो गई. मध्य रात्रि तक यह बारिश होती रही. भीषण गर्मी से परेशान नागरिकों को इस बारिश के कारण राहत मिली. लेकिन इस बारिश में प्रशासन की पोल खोल दी. नाले और छोटी नालियों की सफाई न होने के कारण बारिश का पानी सडकों पर बहने लगा. इस कारण नाली का कचरा सडकों पर आ गया. साथ ही शहर के अनेक संकुल व प्रतिष्ठानों सहित बस्तियों में पानी घुस गया. झोपडपट्टी इलाकों सहित अनेक गलीच्छ बस्तियां जलमग्न हो गई. राजापेठ और नवाथे अंडरपास में भी पानी जमा होने से यातायात प्रभावित हो गया. बारिश के इस कहर के कारण अनेक इलाकों के पेड सडकों पर गिर गये. साथ ही बिजली के तार टूट जाने से अनेक इलाकों की विद्युत आपूर्ति खंडित हो गई. जिला अस्पताल में भी बारिश का पानी घुस गया. आपातकालीन कक्ष तक यह पानी घुस गया था और जिला अस्पताल की विद्युत आपूर्ति खंडित हो गई. जिससे स्वास्थ्य सेवा कुछ समय के लिए प्रभावित हुई. देर रात तक जिला अस्पताल की विद्युत व्यवस्था सुचारु न होने से मरीजों को अंधेरे में काफी परेशानी का सामना करना पडा.

* अनेक इलाकों में छाया रहा अंधेरा
बुधवार की रात हुई झमाझम बारिश के कारण शहर के अनेक प्रतिष्ठानों में पानी घुस गया. नालियों में जमा कचरा सडकों पर बहने से नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पडा. इस बारिश के कारण आधा शहर अंधकारमय रहा. कई इलाकों में देर रात तक विद्युत आपूर्ति खंडित रही. इस कारण नागरिकों को भीषण गर्मी में ही रात काटनी पडी. महावितरण के कर्मचारी देर रात तक विद्युत आपूर्ति सुचारु करने में जुटे रहे.
* धामणगांव रेल्वे तहसील में पेड गिरे, बिजली खंडित
पिछले 8 दिनों में धामणगांव तहसील में बेमौसम बारिश ने कहर ढा दिया है. अचानक आसमान मे घने बादल छाने के बाद तेज हवाओं के साथ प्री मानसून की बारिश शुरु हो जाती है और उसी समय विद्युत आपूर्ति खंडित होने से नागरिकों को परेशानी का सामना करना पडता है. तहसील के पिछले 7 दिनों से बेमौसम बारिश शुरु है. बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण जगह-जगह पेड गिर गये और बिजली के तार टूटने से धामणगावं शहर सहित तहसील के अनेक इलाकों में विद्युत आपूर्ति खंडित हो गई. महावितरण के शहर अभियंता परेश कनाठे के मार्गदर्शन में महावितरण के दल ने ट्री कटींग कर विद्युत आपूर्ति सुचारु की. बुधवार की रात भी बारिश के दौरान बिजली की आंखमिचौली शुरु थी. वसाड के शिवार में मुन्नाबाई रामदास कवडे नामक 66 वर्षीय महिला रिश्तेदारों के साथ खेत में प्याज की कटाई करने के लिए गई थी, तब गाज गिरने से उसकी मृत्यु हो गई.

* अचलपुर में प्याज की फसलों को नुकसान
बुधवार 21 मई को पूरा दिन भारी उमस थी. साथ ही वातावरण बदरिला था. बारिश की संभावना कम दिखाई दे रही थी. लेकिन शाम होते ही आसमान में बादल मंडराने लगे. जुडवा नगरी सहित संपूर्ण तहसील में भारी वर्षा होने से प्याज की फसलों को नुकसान हुआ. हनवतखेडा, एकलासपुर, सावली, चमक खुर्द, चमक बु., सुरवाडा, बोपापुर, भिलोना आदि परिसरों में भारी वर्षा हुई. इस बारिश के कारण प्याज का उत्पादन संकट में आ गया है.

* 12 हजार हेक्टेअर क्षेत्रों के फसलों को नुकसान
अमरावती विभाग में मानसून पूर्व बारिश का कहर जारी है. 1 से 18 मई के दौरान पश्चिम विदर्भ के पांच जिलों में 7 लोगों की मृत्यु हुई. संभाग के 38 तहसीलों के 276 गांवों में बारिश से नुकसान हुआ है. अमरावती और बुलढाणा जिले में प्रत्येकी 3 और वाशिम जिले में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है. बारिश के कारण 771 मकानों का नुकसान हुआ है. गाज गिरने से 44 बडे और 41 छोटे मवेशियों की मृत्यु हो गई. साथ ही खेतों में भारी नुकसान हुआ. 12 हजार 269 हेक्टेअर क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो गई. इसमें केला,संतरा, नीबू, पपई, चिकू, आम आदि फलों की फसलों सहित तील, ज्वारी, मका, गेहूं, उदड, मूंग की फसलों को भी नुकसान पहुंचा. प्याज और सब्जी की फसलें भी बर्बाद हो गई. सर्वाधिक नुकसान अमरावती जिले में हुआ है. जिले की 10 हजार 633 हेक्टेअर क्षेत्र की फसलें नष्ट हुई है. अन्य जिलों में 241 से 500 हेक्टेअर क्षेत्र की फसलों को नुकसान पहुंचा. जिला प्रशासन ने मृत व्यक्तियों और पशुधन के नुकसान के लिए अनुदान का वितरण शुरु किया है.

* अनेक अपार्टमेंट के बेसमेंट में घुसा पानी
बुधवार 21 मई की शाम शुरु हुई बारिश के कारण सडकों का यातायात ठप हो गया. साथ ही कुछ अपार्टमेंट के बेसमेंट में पानी घुस गया. एक घंटे में 10 मिमी बारिश होने की जानकारी शिवाजी कृषि महाविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ ने दी. शाम को बाहर टहलने का समय होते ही पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है. बुधवार की यह बारिश रहाटगांव और अर्जुन नगर परिसर से शुरु हुई. पश्चात संपूर्ण शहर में यह बारिश हुई. बारिश के इस कहर के कारण नीचले इलाकों की अनेक दुकान और अपार्टमेंट के बेसमेंट तथा चौराहों पर पानी भर गया. जिससे यातायात ठप हो गया था. बारिश रुकने की संभावना न रहने से नौकरी पेशा वाले नागरिक भिगते हुए किसी तरह घर पहुंचे. अनेक मार्गों पर लोग प्रतिष्ठानों के सामने शेड में और पेड के नीचे खडे दिखाई दिये.

* मानसून पूर्व बारिश
शहर सहित जिले में बुधवार को हुई यह मध्यम बारिश मानसून पूर्व की है. एक घंटे में करीबन 10 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. 25 मई तक शहर सहित जिले में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है.
– प्रा. अनिल बंड,
मौसम विशेषज्ञ,
श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय.

* पश्चिम विदर्भ में 3243 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें तबाह
अप्रैल माह की बेमौसम बारिश के कारण पश्चिम विदर्भ के 3 हजार 243 हेक्टेअर क्षेत्र की किसानों की खेती को नुकसान पहुंचा है और सभी फसलें नष्ट हो गई है. राजस्व प्रशासन ने शासन से 9 करोड रुपए अनुदान की मांग की है. इस बेमौसम बारिश के कारण गाज गिरने और आंधी तूफान से 22 तहसीलों के 181 गांव में भारी नुकसान हुआ है. साथ ही 25 मकानों को भी क्षति पहुंची है. गाज गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है और 11 मवेशियों को भी अपनी जान गवानी पडी है.

* वाशिम जिले में गाज गिरने से एक की मौत
वाशिम जिले में भी बेमौसम बारिश हुई. लेकिन इस बारिश के कारण फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. यह नुकसान 33 प्रतिशत से कम रहने के कारण अनुदान नहीं मांगा गया है. लेकिन एक व्यक्ति की गाज गिरने से मृत्यु हुई है. मृतक व्यक्ति का नाम चंदविलास भक्तप्रल्हाद काठोले है. वह रिसोड तहसील के कवला गांव का निवासी था.

* यवतमाल जिले में भी भारी वर्षा
यवतमाल जिले में भी बुधवार को भारी वर्षा हुई. इस जिले के दो तहसीलों के तीन गांव में इस बारिश के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक मकान जमींदोज हो गया और पांच मवेशियों की मृत्यु हो गई. अकोला जिले के 2 तहसीलों के सातगांव में कुछ मकानों को नुकसान पहुंचा और 4 मवेशियों की मृत्यु हो गई. बुलढाणा जिले में भी बारिश के कारण भारी नुकसान होने के समाचार है. इस जिले के 10 तहसीलों के 166 गांव में बेमौसम बारिश के कारण नुकसान हुआ है. करीबन 4236.39 हेक्टेअर क्षेत्र की फसलों का नुकसान हुआ.

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