राकांपा के मंत्रियों का संगठन की मजबूती पर ध्यान ही नहीं

सांसद प्रफुल पटेल ने विदर्भ विभागीय सम्मेलन में उमेठे मंत्रियों के कान

* पार्टी अध्यक्ष व डेप्युटी सीएम अजीत पवार को शिकायत करने की बात कही
नागपुर /दि.24– राज्य में राकांपा के 10 मंत्री है. जिसमें से विदर्भ क्षेत्र में तीन पालकमंत्री पद व मंत्रिपद है. परंतु संबंधित मंत्रियों द्वारा विदर्भ में दौरे ही नहीं किए जाते और पार्टी की मजबूती पर हमारे मंत्रियों का कोई ध्यान भी नहीं है. ऐसे में अब यह बात राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के ध्यान में लाकर दी जाएगी और मंत्री अपने दौरे में क्या काम करते है, इसका लेखाजोखा रखने हेतु कहा जाएगा, इस आशय के शब्दों में अजीत पवार गुट वाली राकांपा के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व सांसद प्रफुल पटेल ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को जमकर आडेहाथ लिया. गत रोज नागपुर स्थित परवाना भवन में अजीत पवार गुट वाली राकांपा का विदर्भ विभागीय सम्मेलन आयोजित किया गया था. जिसमें राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक संजय खोडके, विधायक सुलभा खोडके, धर्मरावबाबा आत्राम, राजू कारमोरे, नागपुर विभाग के निरीक्षक व पूर्व विधायक राजू जैन, नागपुर शहर अध्यक्ष प्रशांत पवार, जिलाध्यक्ष बाबा गुजर आदि उपस्थित थे.
इस सम्मेलन में अपनी पार्टीयों के मंत्रियों को निशाने पर लेने के साथ ही पार्टी कार्याध्यक्ष सांसद प्रफुल पटेल ने पार्टी पदाधिकारियों को भी जमकर आडेहाथ लिया और कहा कि, हम राज्य की सत्ता में है. विदर्भ में हमारे 6 विधायक चुनकर आए है. लेकिन इसके बावजूद पार्टी का विदर्भ क्षेत्र में अपेक्षित विस्तार नहीं हुआ है. इसका जिम्मेदार कौन है. केवल टाईट कपडे पहनकर घूमने से काम नहीं चलेगा. किसने कितने क्रियाशील सदस्यों का पंजीयन किया है, इसकी जानकारी पार्टी के पास है. यदि आपको अपने जिले में पार्टी का काम करने के लिए 10 लोग भी नहीं मिल रहे है और आप पार्टी के बेसिक काम भी नहीं कर रहे तो पार्टी आगे कैसे बढेगी, यह सवाल हर पदाधिकारी ने खुद से पूछना चाहिए.

* महायुति के साथ जाने का फैसला पूरी तरह योग्य
इस समय राकांपा सांसद प्रफुल पटेल ने यह भी कहा कि, शरद पवार को छोडकर महायुति के साथ जाने के फैसले की की लोगों ने आलोचना की थी. लेकिन हकीकत में वह फैसला पूरी तरह से योग्य था. क्योंकि आज हम सरकार में शामिल है और जनता के काम कर सकते है. साथ ही पटेल ने यह भी कहा कि, स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव में जहां पर एक साथ लडना संभव नहीं होगा, ऐसे स्थानों पर अलग-अलग चुनाव लडते हुए बाद में एकत्रित होने से संबंधित निर्णय लिया जाएगा.

* राहुल गांधी तोड रहे भारतीय सेना का मनोबल
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपरांत कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सरकार को घेरने हेतु उठाए जा रहे सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांसद प्रफुल पटेल ने कहा कि, ऐसे सवालों से राहुल गांधी कहीं न कहीं भारतीय सेना के मनोबल को तोडने का प्रयास कर रहे है. ऐसे प्रयासों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तो कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस जरुर खत्म हो जाएगी. यही वजह है कि, खुद कांग्रेस के कई नेता भी राहुल गांधी द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर आश्चर्य जता रहे है. इस समय पटेल ने यह भी कहा कि, हमने पहली बार पाकिस्तान में घूसकर आतंकवादियों को मारा, यह पीएम मोदी की वजह से मुमकिन हुआ. अब सब चाहते है कि, पीओके को वापिस लिया जाए. लेकिन इसके लिए हमें भी बहुत बडी कीमत चुकानी होगी. ऐसे में सरकार द्वारा लिया गया युद्धविराम का निर्णय पूरी तरह से योग्य था.

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