चांदूर बाजार तहसील में चोरों का आतंक
12 खेतों से कृषि साहित्य चोरी

चांदूर बाजार तहसील में चोरों का आतंक
* 12 खेतों से कृषि साहित्य चोरी
* थुगांव पिंप्री और वडुरा शिवार की घटना
चांदूर बाजार /दि.24 – इन दिनों शातीर चोरों ने चांदूर बाजार तहसील में आतंक मचा रखा है. मंगलवार की रात को चोरों ने थुगांव (पिंप्री), वड्डुरा शिवार के सूरज अरविंद लंगोटे, मनोज उर्फ भैयासाहेब नाना साहेब लंगोटे, मनीष विनायकराव लंगोटे सहित 12 किसानों के खेत में बोरवेल की मशीन के केबल चुरा लिए. इस मामले में तीन किसानों ने चांदूर बाजार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है.
चांदूर बाजार तहसील में केबल चोरों के गिरोह के सक्रिय होने की संभावना है. हालांकि चोरी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है. यह चोर बोरवेल की केबल चुराने के बाद उसी परिसर केबल जलाकर उसमें से तार निकाल लेते हैं और केबल के सबूत नष्ट कर देते हैं. इस घटना के चलते किसानों को हो रहे नुकसान से वे परेशान हो गए हैं. पुलिस को चकमा देकर क्षेत्र में चोर फिर से सक्रिय हो गए हैं. प्रति वर्ष थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में केबल चोर सक्रिय रहते हैं. इस वर्ष भी केबल चोरी ने किसानों को परेशान कर रखा है तथा किसानों का आरोप है कि थाना पुलिस निष्क्रिय भूमिका निभा रही है. पिछले तीन से छह महीनों में तहसील के विभिन्न गांवों के खेतों से कई किसानों के बोरवेल और कुओं से केबल चुराए जाने की घटनाएं हुई हैं. इसकी वजह से किसानों में दहशत व्याप्त है. कई किसानों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराना बंद कर दिया है, क्योंकि कई किसानों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद केबल चोर पकड़े नहीं जा रहे हैं. परेशान किसानों ने वरिष्ठ अधिकारियों से इन चोरी की घटनाओं को रोकने पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि, इस क्षेत्र में कबाड़ खरीदने वाले दुकानदारों पर नजर रखी जानी चाहिए तथा उनसे पूछताछ की जानी चाहिए, किसानों का कहना है कि, अगर जांच की जाए तो चोरी का सुराग मिल सकता है.
* स्थानीय लोगों द्वारा मदद का अनुमान
पिछले कुछ महीनों में केबल चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है, क्योंकि चोरों की अभी तक जांच नहीं की गई है. किसानों को संदेह है केबल रात के अंधेरे में चुराई जा रही है. स्थानीय लोग चोरों की मदद में शामिल हो सकते हैं, जो दिन के उजाले में खेतों पर नजर रख रहे है.