एक साथ दो अपराधियों को फांसी दी जा सकेगी
नागपुर सेंट्रल जेल में तैयार हो रहा है खास ‘वधस्तंभ’

नागपुर/दि.31– नागपुर जल्द देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा जहां मृत्युदंड पाए दोषियों को फांसी की सजा दी जाएगी. यहां के सेंट्रल जेल में ‘वधस्तंभ’ (फांसी यार्ड) लगभग बनकर तैयार है. यहां दो अपराधियों को एक साथ फांसी पर लटकाने की सुविधा उपलब्ध होगी, जो अधिकांश स्थानों पर नहीं है.महाराष्ट्र में नागपुर के साथ पुणे के येरवडा जेल में फांसी देने की सुविधा है. येरवडा जेल में मुंबई आतंकी हमले में शामिल अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 में फांसी दी गई थी. नागपुर जेल अंतिम बार 30 जुलाई 2015 को फांसी दिए जाने का साक्षी बना था. उस समय सामने आई अड़चनों को देखते हुए नए सिरे से फांसी यार्ड बनाने का फैसला हुआ. गृह मंत्रालय ने 20 फरवरी 2020 को इस संदर्भ में आदेश जारी किया. इसमें कहा गया कि यहां का ‘वधस्तंभ’ पुराना और ‘आउटडेटेड’ हो गया है. पीडब्ल्यूडी को इसे तैयार करने की जवाबदारी देकर 120. 63 लाख रुपए की निधि मंजूर कर दी गई.
पीडब्ल्यूडी ने 14 दिसंबर 2022 को निविदा प्रक्रिया पूरी कर वर्क ऑर्डर जारी किया. अब यह फांसी यार्ड बनकर तैयार है. यहां फांसी के लिए 2.5 बाय 1. 2 मीटर का फांसी का तख्ता बनाया गया है. फिलहाल प्लास्टर का काम शेष है. अधिकारियों का दावा है कि दो महीनों के अंदर फांसी यार्ड बन कर तैयार हो जाएगा.
* वीएनआईटी से मांगी मदद
पीडब्ल्यूडी ने प्रसिद्ध इंजीनियरिंग संस्थान वीएनआईटी से फांसी पर लटकाने का तंत्र विकसित करने के लिए मदद मांगी है. सूत्रों का कहना है कि विशेषज्ञों की टीम ने ‘वधस्तंभ’ का निरीक्षण भी कर लिया है. उम्मीद है कि 15 दिनों में वीएनआईटी इसे विकसित कर लेगा.
* नागपुर में किसको हुई फांसी
मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को फांसी पर लटकाया गया था. हत्या के दोषी वानखेड़े बंधुओं को 1984 में यहां फांसी की सजा दी गई थी.
* 55 देशों में ही फांसी
लॉ कमीशन ने 2015 में सिफारिश की थी कि केवल आतंकवाद एवं युद्ध थोपने वालों को ही फांसी की सजा दी जाए. बहरहाल भारत विश्व के उन 55 देशों में शामिल है, जहां फांसी की सजा का प्रावधान है. 144 देशों ने फांसी की सजा को समाप्त कर दिया है. दिसंबर 2024 में जिम्बाब्वे फांसी बंद करने वाला अंतिम देश बना. पड़ोसी देशों में केवल नेपाल ने फांसी की सजा बंद की है. श्रीलंका की नीति इस संदर्भ में स्पष्ट नहीं है.
* खास बातें
-देश में हर वर्ष औसतन 131 अपराधियों को फांसी की सजा दी जाती है.
-2016 से 2024 तक की अवधि में पिछले 15 वर्ष की तुलना में सजा देने के वार्षिक 32 अधिक मामले रहे.
-2024 में मौत की सजा सुनाए जाने के सर्वाधिक 130 मामले उत्तर प्रदेश में सामने आए. गुजरात में 71, महाराष्ट्र में 42 और पश्चिम बंगाल में 37 मामलों में फांसी की सजा दी गई.
-देश में फिलहाल 544 अपराधी ऐसे हैं जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दो साल में इस संदर्भ में निचले कोर्ट के फैसले पर मुहर नहीं लगाई है.