बार-बार चक्कर आने की न करें अनदेखी

अमरावती /दि.3– बार-बार चक्कर आने का सीधा संबंध रिड की हड्डी व जोडों से होता है. क्योंकि मांसपेशियों व जोडों की समस्याओं की वजह से भी चक्कर आते है. लेकिन चक्कर आने के और भी कई कारण रह सकते है. अत: समय रहते अस्थीरोग विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए.
* चक्कर आने की वजहें
– व्हर्टिगो – यह एक ऐसी वजह है, जिसमें महसूस होता है कि, आसपास का पूरा वातावरण व परिसर गोल घुम रहा है.
– मोशन सिकनेस – यात्रा अथवा रफ्तार की वजह से चक्कर आना.
– लो ब्लडप्रेशर – रक्तदाब के अचानक ही कम हो जाने की वजह से चक्कर आना.
– सिर दर्द – मायग्रेन अथवा अन्य प्रकार के सिर दर्द की वजह से चक्कर आना.
– हृदयविकार – हृदय से संबंधित समस्याओं की वजह से भी चक्कर आ सकते है.
– कान अथवा संतुलन की समस्या – कान में रहनेवाली कोई समस्या अथवा संतुलन से संबंधित समस्या की वजह से भी चक्कर आ सकता है.
* वैद्यकीय विशेषज्ञों से सलाह लेना जरुरी
रीढ की हड्डी एवं जोडों से संबंधित समस्याओं पर ध्यान केंद्रीत करते हुए कहीं इस वजह से तो चक्कर नहीं आ रहा, इसकी पडताल की जाती है. यदि इससे चक्कर का कोई संबंध नहीं निकला तो अन्य संभावित कारणों की पडताल करते हुए इसे लेकर वैद्यकीय विशेषज्ञों से सलाह लेना जरुरी होता है. साथ ही विभिन्न तरह के व्यायाम को भी उपचार पद्धति में शामिल किया जा सकता है.
* गर्दन एवं कमर से संबंधित व्यायाम जरुरी
बार-बार चक्कर आने की समस्या गर्दन एवं रीढ की हड्डियों से संबंधित हो सकती है. जिसके चलते गर्दन, पीठ व कमर से संबंधित व्यायाम करना जरुरी होता है.
* जीवनशैली भी कारणीभूत
बार-बार चक्कर आने की समस्या के लिए जीवनशैली में होनेवाले बदलाव भी कारणीभूत हो सकते है. भोजन एवं नींद के समय में हुए बदलाव तथा व्यायाम के अभाव की वजह से भी ऐसी तकलीफ हो सकती है.
* यदि बार-बार चक्कर आ रहे है तो वैद्यकीय सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है. इस समस्या संबंध रीढ की हड्डियों एवं जोडों से रहने पर इसका इलाज किया जा सकता है. वहीं किसी अन्य कारण की वजह से तो चक्कर नहीं आ रहा, इसकी जांच करना भी बेहद आवश्यक होता है. चक्कर आने का इलाज यह कारण एवं लक्षण पर निर्भर करता है.
– डॉ. गौरव भूतडा
अस्थीरोग विशेषज्ञ