पेड काटने से पहले अब पेड लगाना अनिवार्य
हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश, नए पेड का सात वर्ष रखना होगा ध्यान

नागपुर /दि.4- किसी भी पेड की कटाई हेतु अनुमति देते समय वृक्ष भरपाई के तौर पर वृक्षारोपण की शर्त को अनिवार्य एवं बंधनकारक किया जाए. साथ ही संबंधित व्यक्ति, संस्था व प्राधिकरण द्वारा उस नए पेड का अगले सात वर्ष तक संगोपन किया जाए, इस आशय का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा जारी किया गया. यह नियम सभी सार्वजनिक व निजी प्रकल्पों के लिए लागू होगा.
बता दें कि, वर्ष 2019 से 2025 के दौरान नागपुर में 6356 पेड काटने को अनुमति दी गई और इसकी ऐवज में 89,308 पेड लगाए जाने का दावा किया गया. परंतु इसमें से आगे चलकर कितने पेड जीवित रहे, इसका कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं है. वहीं नागपुर शहर में 1374 वृक्षों की कटाई का प्रस्ताव नियमों का पालन किए बिना रखे जाने का आरोप करते हुए प्रीति पटेल व अन्य तीन नागरिकों द्वारा जनहित याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर न्या. नितिन सांबरे व न्या. वृषाली जोशी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई और अदालत ने सुनवाई पश्चात आदेश जारी किया कि, अब किसी भी पेड की कटाई हेतु अनुमति देते समय भरपाई के तौर पर नए वृक्ष लगाने को अनिवार्य व बंधनकारक किया जाए. जिसके लिए संबंधित जिम्मेदार व्यक्ति अथवा प्राधिकरण द्वारा वृक्ष अधिकारी के समक्ष प्रतिज्ञा पत्र सहित अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी. इसके अलावा अदालत ने नागपुर महानगर पालिका को यह निर्देश भी दिया कि, वर्ष 2014 से 2025 तक 10 वर्षों के दौरान पेडों की कटाई व वृक्षारोपण से संबंधित रिपोर्ट आगामी 13 जून तक अदालत के समक्ष पेश की जाए. जिस पर अगली सुनवाई 16 जून को होगी. इसके साथ ही अदालत ने वृक्षारोपण के तहत लगाए गए पौधों की देखभाल करने की जवाबदारी अनुमतिधारक पर डालते हुए वृक्षों की जीयो टैगिंग कर उनका निरीक्षण पारदर्शक करने का निर्देश भी जारी किया. इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. मृणाल कुलकर्णी तथा नागपुर मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट द्वारा युक्तिवाद किया गया.





