जीएमसी को एनएमसी की कारण बताओ नोटिस

महाविद्यालय में मूलभूत सुविधाओं व शिक्षकों की कमी पर उठाया आक्षेप

अमरावती /दि.5– विगत शैक्षणिक सत्र से शुरु हुए अमरावती के सरकारी मेडीकल कॉलेज (जीएमसी) को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी की गई है. कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की कमी और शिक्षकों के रिक्त पदों पर अपनी आपत्ती दर्ज कराते हुए एनएमसी द्वारा अपनी नाराजगी जताई गई है. पता चला है कि, विगत शैक्षणिक सत्र में शुरु हुए सरकारी मेडीकल कॉलेजों सहित राज्य के लगभग सभी सरकारी मेडीकल कॉलेजों को एनएमसी द्वारा इस तरह की नोटिस जारी की गई है.
राज्य के सरकारी मेडीकल कॉलेजो में मूलभूत सुविधाओं की जांच-पडताल हाल ही में महाराष्ट्र आयुर्विज्ञान विद्यापीठ के पथकों द्वारा की गई थी. इन पथकों की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश सरकारी मेडीकल कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं की अच्छी-खासी कमी दिखाई दी. साथ ही तय मानक के तुलना में 50 फीसद से भी कम शिक्षक उपलब्ध रहने की बात सामने आई. जिसके चलते एनएमसी ने ‘मेंटेनन्स ऑफ स्टँडर्ड मेडीकल एज्युकेशन रेग्यूलेशन-2023’ के अनुच्छेद-3 की धारा 8 का प्रयोग कर सभी जीएमसी के नाम नोटिस जारी की है. इस धारा के तहत वैद्यकीय महाविद्यालयों को प्रत्येक कमी के लिए कम से कम एक करोड रुपए तस दंड लगाए जाने का प्रावधान है. जानकारी के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2024-25 में शुरु हुए अमरावती के सरकारी मेडीकल कॉलेज को भी नोटिस जारी की गई है. इस नोटिस के लिए राज्य के वैद्यकीय शिक्षा विभाग के लचर कामकाज को प्रमुख वजह माना जा रहा है. वैद्यकीय महाविद्यालय की मंजूरी हेतु राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानकों को पूर्ण करने की बात दस्तावेजों पर दिखाने हेतु प्रस्थापित सरकारी मेडीकल कॉलेजों से शिक्षक वर्ग को स्थलांतरित करने की नीति पर अमल किया गया था.

* जीएमसी प्रशासन ने नोटिस का दिया जवाब
मई माह में प्राप्त हुई नोटिस के पश्चात आवश्यक बेड संख्या, ऑपरेशन थिएटर व शिक्षक वर्ग से संबंधित प्रश्नों पर अमरावती सरकारी मेडीकल कॉलेज के प्रशासन द्वारा अपना जवाब एनएमसी को भेज दिया गया है.

* हमारे पास आवश्यक बेड की संख्या पूर्ण है. वहीं शिक्षक वर्ग हेतु भर्ती प्रक्रिया एवं साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरु रहने की जानकारी एनएमसी को दे दी गई है.
डॉ. किशोर इंगोले
अधिष्ठाता, अमरावती जीएमसी.

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