हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा व एट्रॉसीटी के चार आरोपी बाईज्जत बरी
चारों आरोपी पांच वर्षों से थे जेल में

अमरावती/दि.5 – स्थानीय तृतीय जिला व सत्र न्यायाधीश मनवर की अदालत ने हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा व एट्रॉसीटी की धाराओं के तहत नामजद व पांच वर्षों से जेल में बंद रहनेवाले वसंत तुकाराम पाचबुद्धे, सचिन वसंत पाचबुद्धे, दिनेश वसंत पाचबुद्धे व जिजाबाई वसंत पाचबुद्धे नामक चार आरोपियों को सबूतों के अभाव एवं संदेह का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी कर दिया.
इस्तगासे के मुताबिक 17 सितंबर 2020 को मंगरुल दस्तगीर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत धामणगांव रेलवे तहसील के वसाड गांव में सडक पर बबूल की कटीली टहनियां फेकने को लेकर पाचबुद्धे परिवार के सदस्यों का संजय रामकृष्ण पाते व राहुल रामकृष्ण पाते के साथ झगडा हुआ था. इस समय पाचबुद्धे परिवार के सदस्यों ने संजय पाते व राहुल पाते पर कुल्हाडी, तलवार व चाकू से वार कर उन्हें घायल कर दिया था. पश्चात संजय पाते कि, धामणगांव रेलवे के सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में मंगरुल दस्तगीर पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा व एट्रॉसीटी की धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए पाचबुद्धे परिवार के चारों सदस्यों को गिरफ्तार किया था तथा मामले की जांच पूरी कर अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की थी. जहां पर बचाव पक्ष की ओर से एड. के. एस. पडोले ने वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे के मार्गदर्शन में सफल युक्तिवाद किया और बताया कि, उक्त घटना संजय पाते के आंगण में घटित हुई थी और उस वक्त गांव में बिजली गूल रहने के चलते अंधेरा था. साथ ही पाचबुद्धे परिवार के सदस्यों ने भी अपने पैसे से ऑटो करते हुए संजय पाते व राहुल पाते को अस्पताल में भर्ती कराया था और उस समय पाचबुद्धे परिवार के सदस्य भी बुरी तरह घायल थे. बावजूद इसके पाचबुद्धे परिवार के सदस्यों ने संजय पाते व राहुल पाते की जान बचाने के लिए प्रयास किए. जबकि संजय पाते सहित राहुल पाते व नितिन पाते के साथ पाचबुद्धे परिवार के सदस्यों का खेत की मेड को लेकर विवाद चल रहा था. इसके अलावा संजय पाते को शराब पीने की लत थी और वह हमेशा ही किसी न किसी के साथ झगडा किया करता था. सबसे बडी बात यह थी कि, इस मामले में पुलिस ने पाते परिवार के सदस्यों के अलावा गांव में रहनेवाले किसी भी अन्य व्यक्ति का बयान दर्ज नहीं किया. अत: यह पूरा मामला अपने-आप में संदेहित है. इस युक्तिवाद को ध्यान में रखते हुए न्या. मनवर ने चारों आरोपियों को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा व एट्रॉसीटी एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज अपराध को दोषमुक्त कर दिया. जिसके चलते पांच वर्ष जेल में बिताने के उपरांत पाचबुद्धे परिवार के चारों सदस्य अब जेल से बाहर आ गए है.