जलसंपदा विभाग के कार्यकारी अभियंताओं में बदलाव

200 अधिकारियों के तबादले, पश्चिम विदर्भ के 10 अधिकारी स्थलांतरित

अमरावती/दि.6– मई माह के अंत में जलसंपदा विभाग के 200 से अधिक कार्यकारी अभियंता, उपअभियंता, उपविभागीय अभियंता व अन्य अभियंताओं के तबादला आदेश जारी हुए है. जिनमें अमरावती जलसंपदा विभाग अंतर्गत आनेवाले पांच जिलो के सबसे अधिक कार्यकारी अभियंता के भी तबादले किए गए है.
स्थानीय सिंचन सेवा भवन स्थित मध्यम प्रकल्प विभाग के कार्यकारी अभियंता एस. पी. आडे का तबादला अमरावती गुणनियंत्रण विभाग में समकक्ष पद पर किया गया है. वहीं अमरावती गुणनियंत्रण विभाग की कार्यकारी अभियंता अश्विनी राऊत अब अमरावती मध्यम प्रकल्प विभाग की नई कार्यकारी अभियंता रहेगी. वहीं प्रकल्प निर्माण विभाग क्रमांक-1 (अमरावती) के कार्यकारी अभियंता गणेश कथले का तबादला पंढरपुर स्थित भीमा पाटबंधारे विभाग में कार्यकारी अभियंता के तौर पर हुआ है. साथ ही अमरावती जलसंपदा विभाग के अमरावती स्थित मुख्य कार्यालय के विशेष प्रकल्प विभाग के सहायक मुख्य अभियंता चिन्मय वाकोडे को अकोला पाटबंधारे विभाग के कार्यकारी अभियंता पद पर भेजा गया है.

* इनका भी हुआ तबादला
अकोला गुणनियंत्रण विभाग के कार्यकारी अभियंता भागवत बुजाडे का तबादला समकक्ष पद व विभाग में खामगांव किया गया है. वहीं बुलढाणा पाटबंधारे विभाग के कार्यकारी अभियंता सुधीर सोलंके व यवतमाल स्थित अरुणावती प्रकल्प के विनोद बागुल को एक वर्ष की समयावृद्धि दी गई है.
– बुलढाणा लघु पाटबंधारे विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रशांत संत का तबादला पैठण स्थित जायकवाडी पाटबंधारे विभाग में समकक्ष पद पर किया गया है. वहीं यवतमाल स्थित बेंबला प्रकल्प के कार्यकारी अभियंता स्वप्निल मुन्नोली का तबादला मंगलवेढा स्थित उजनी कालवा विभाग में किया गया है. इसके अलावा यवतमाल पाटबंधारे विभाग की अनुराधा जाधव का तबादला पुणे किया गया है.

* तबादला रद्द करने हेतु प्रयास
स्थलांतरित किए गए सभी अभियंताओं द्वारा नई नियुक्तिवाले स्थान पर तत्काल अपना पदभार संभाला जाए, ऐसा स्पष्ट उल्लेख तबादला आदेश में किया गया है. परंतु इसके बावजूद अमरावती के एक स्थलांतरित कार्यकारी अभियंता ने अपनी पुरानी कुर्सी को नहीं छोडा है. बल्कि अमरावती में कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद भी उक्त अधिकारी द्वारा अपना तबादला रद्द कराने हेतु अपने सूत्रों के जरिए मंत्रालय से संपर्क करते हुए जमकर प्रयास किए जा रहे है. खास बात यह भी है कि, जिला पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने उस अधिकारी की काम में लेटलतिफी को देखते हुए इस बात को उस अधिकारी की गोपनीय रिपोर्ट यानि सीआर में दर्ज करने का निर्देश जलसंपदा विभाग के प्रधान सचिव को दिए थे.

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