6 साल से बंद पडी है ‘सिस्मोग्राफ मशीन’
भूकंप की तीव्रता नापने का काम ठप

अमरावती /दि.7- भूगर्भ में होनेवाली हलचलों की जानकारी व तीव्रता को दर्ज करने हेतु अप्पर वर्धा प्रकल्प में लगाया गया सिस्मोग्राफ नामक भूकंपमापक उपकरण सन् 2019 से बंद पडा है. ऐसे में नए उपकरण की खरीदी हेतु जिलाधीश कार्यालय ने समय-समय पर अप्पर वर्धा प्रकल्प को पत्र भेजकर निधि देने की तैयारी दर्शायी. लेकिन इसके बावजूद सिंचाई विभाग के वरिष्ठ कार्यालय द्वारा इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा.
बता दें कि, धारणी तहसील के शिवझिरी सहित आसपास स्थित सुसर्दा, राणीगांव, दाबला व नारदू परिसर में 4 जून 2025 की रात 9.58 बजे 3.8 रिक्टर की तीव्रता वाला भूकंप होने की बात राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) द्वारा स्पष्ट की गई. ऐसी स्थिति में जिले के सिस्मोग्राम उपकरण पर इस भूकंप की जानकारी दर्ज क्यों नहीं हुई इसे लेकर चर्चाएं शुरु हो गई है. जिसके चलते विगत 6 वर्षों से बंद पडे सिस्मोग्राफ उपकरण का मुद्दा सामने आया है.
इससे पहले मेलघाट के आमझरी व टेटू गांव में केंद्रबिंदू रहनेवाला भूकंप 30 सितंबर 2024 को दोपहर 1.37 बजे आया था. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 थी. उस समय भी निवासी उपजिलाधीश तथा जिला आपत्ति व्यवस्थापन के सीईओ अनिल भटकर ने अप्पर वर्धा प्रकल्प विभाग के कार्यकारी अभियंता के नाम 4 अक्तूबर 2024 को पत्र लिखकर सिस्मोग्राफ दुरुस्ती का निर्देश दिया था, यह विशेष उल्लेखनीय है.
* समिति का अजिब तर्क
अप्पर वर्धा प्रकल्प विभाग द्वारा सिस्मोग्राफ उपकरण का प्रस्ताव नए सिरे से केंद्रीय रचना संस्था (सीडीओ) नाशिक को भेजा गया. यह उपकरण भेजने हेतु एक समिति रहती है, जिसके लिए निधि भी उपलब्ध कराई गई. परंतु अप्पर वर्धा प्रकल्प पर नए सिरे से सिस्मोग्राफ लगाने की आवश्यकता नहीं रहने की बात इस समिति द्वारा व्यक्त की गई, ऐसी जानकारी सामने आई है.
* भूगर्भिय हलचलों को लेकर ‘जीएसआई’ की रिपोर्ट
जिले में स्थित सतपुडा पर्वत श्रृंखला के कुछ विशिष्ट हिस्सों में भूगर्भिय हलचले होने के चलते वहां सौम्य स्वरुप में भूकंप झटके महसूस होते है, ऐसा निरीक्षण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जिऑलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) नामक केंद्र सरकार की संस्था के विशेषज्ञों द्वारा दर्ज किया गया है.
– दो विशेषज्ञों के पथक ने विगत 7 से 10 अक्तूबर 2024 के दौरान चिखलदरा तहसील के आमझरी व टेटू नामक भूकंपग्रस्त क्षेत्रों में मुक्काम कर कुछ यंत्रों के जरिए इस परिसर के भूगर्भ में होनेवाली गतिविधियों का निरीक्षण किया था. जिससे संबंधित जीएसआई की रिपोर्ट तत्कालीन जिलाधीश सौरभ कटियार को सौंपी गई थी.
* अप्पर वर्धा प्रकल्प में नया सिस्मोग्राफ उपकरण लगाने से संबंधित प्रस्ताव सीडीओ नाशिक को दिया गया था. अन्य प्रकल्पों पर यह उपकरण रहने के चलते अप्पर वर्धा प्रकल्प में नया उपकरण लगाने की आवश्यकता नहीं रहने की बात कही गई.
– अरविंद सावंत
कार्यकारी अभियंता, अप्पर वर्धा सिंचाई विभाग.
* अप्पर वर्धा प्रकल्प के कार्यकारी अभियंता को प्रकल्प पर रहनेवाले सिस्मोग्राफ उपकरण की दुरुस्ती करने से संबंधित पत्र 4 अक्तूबर 2024 को दिया गया है. इसके अलावा आपत्ति व्यवस्थापन की मानसूनपूर्व बैठक में भी इस विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए है.
– अनिल भटकर
आरडीसी व सीईओ, जिला आपत्ति व्यवस्थापन
* क्या है ‘सिस्मोग्राफ’
भूगर्भिय हलचलों की वजह से निर्माण होनेवाले कंपन और उसकी तीव्रता की जानकारी को दर्ज करनेवाले उपकरण को सिस्मोग्राफ कहा जाता है. जिसमें सिस्मोमीटर नामक एक यंत्र होता है. जिसके जरिए भूगर्भिय हलचले विद्युत संकेतो में रुपांतरित होती है और यह संकेत डिजिटल व एनॉलॉग पद्धति से दर्ज किए जाते है. भूकंप की तीव्रता दर्ज करने के साथ ही भूकंप का केंद्रबिंदू खोजने के लिए भी इस उपकरण का प्रयोग किया जाता है.