अहिल्यानगर के सौंदाला में दहेज मांगने या महिलाओं पर घरेलू हिंसा रोकने की मुहिम
दहेज लेन-देन की जानकारी देने वाले को मिलेगा इनाम

* ग्रामसभा ने पास किया प्रस्ताव
* 11 सदस्यीय समिति का होगा गठन
* सरपंच के प्रस्ताव की सभी ने की प्रशंसा
मुंबई/दि.12-ग्रामसभा को दहेज मुक्त और महिलाओं को घरेलू हिंसा से मुक्त रखने के लिए अहिल्यानगर की नेवासा तहसील के सौंदाला ग्राम पंचायत ने बुधवार को प्रस्ताव पास किया है. इसके तहत गांव में यदि कोई दहेज मांगता है या दहेज देता है तो इसकी सूचना देने वाले को 5 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. साथ ही गांव में पत्नी या वधुओं से मारपीट, गाली-गलौज (घरेलू हिंसा) हो रहा हो तो इसकी जानकारी देने वाले को ग्राम पंचायत की तरफ से 2100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा. आरोपों की जांच के लिए समिति गठित की जाएगी, जिसमें दस महिलाएं होंगी.
सौंदाला प्राम पंचायत ने इसके पहले पति की मौत के बाद महिलाओं में होने वाले भेदभाव के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था. पुणे में वैष्णवी हगवणे के ताजा घटनाक्रम के बाद ग्राम पंचायत ने दहेज बंदी का निर्णय लिया है. इसके लिए श्रद्धा सचिन आरगडे ने ग्रामसभा की बैठक में सुझाव दिया था. इसके बाद सरपंच शरदराव आरगडे ने लोगों से चर्चा की और तत्काल दहेज बंदी, महिलाओं से होने वाली मारपीट व गाली गलौज रोकने के संदर्भ में एक प्रस्ताव परित.
गांव की वधुओं को उपहार
बुधवार को हुई ग्रामसभा की बैठक में सरपंच शरदराव आरगडे के प्रस्ताव की सभी ने प्रशंसा की. गांव की महिलाओं ने इसे वधुओं के लिए अनुपम उपहार बताया है. इस बैठक में ग्राम विकास अधिकारी प्रतिभा पिसोटे, गणेश आरगडे, राजेंद्र चामुटे, बंडू आरगडे समेत बडी संख्या में सदस्य और ग्राम जन उपस्थित थे.
इन गतिविधियों पर प्रतिबंध
-दहेज मांगना या देना, महिला या वधु को प्रताडित करना, बच्चे न होने पर परिवार या गांव के लोगों द्वारा तंज कसना, शराबी पति द्वारा पत्नी से मारपीट, महिलाओं को अपशब्द कहना.
*समिति में शामिल होंगी 10 महिलाएं
शरद आरगडे ने बताया कि दहेज बंदी एवं घरेलू हिंसा रोकने और आरोपों की जांच के लिए 11 लोगों की एक समिति गठित की जाएगी. इस समिति में सरपंच के अलावा दस महिला सदस्य होंगी. जो दहेज की मांग या महिला अत्याचार की शिकायत और इन घटनाओं की जानकारी देने वाले को पुरस्कृत करने के पहले आरोपों की जांच करेंगी. इसका उद्देश्य गांव में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध, अत्याचार पर लगाम लगाना है.