18 जुलाई को मराठा आरक्षण पर सुनवाई

अंतिम नतीजे पर भविष्य निर्भर

मुंबई/दि.12 – मराठा आरक्षण कानून की वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर आगामी 18 जुलाई से दुबारा सुनवाई शुरु की जाएगी, ऐसा मुंबई हाईकोर्ट द्वारा गत रोज ही स्पष्ट किया गया है. साथ ही अदालत ने यह भी बताया कि, इस कानून का लाभ लेकर शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हासिल करनेवालो तथा सरकारी नौकरी प्राप्त करनेवालो का भविष्य इन याचिकाओं के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा.
‘महाराष्ट्र राज्य सामाजिक व शैक्षणिक रुप से पिछडावर्गीय आरक्षण अधिनियम-2024’ की वैधता को चुनौती देनेवाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हेतु न्या. रवींद्र घुगे, न्या. एन. जे. जमादार व न्या. संदीप मारणे की विशेष पूर्ण पीठ विगत माह में ही स्थापित की गई थी. वहीं इससे पहले गत वर्ष मुंबई उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति देवेंद्रकुमार उपाध्याय की अध्यक्षता वाली पूर्ण पीठ के समक्ष इन याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. परंतु इसी बीच न्या. देवेंद्रकुमार उपाध्याय का तबादला हो जाने के चलते इन याचिकाओं पर सुनवाई रुक गई है.
* इससे पहले का घटनाक्रम
14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को विशेष पूर्ण पीठ की स्थापना कर जलदगति से सुनवाई करने का निर्देश दिया था.
– गत वर्ष मार्च माह में मराठा आरक्षण अधिनियम को चुनौती देनेवाली याचिकाएं दाखिल की गई और इस कानून को अंतरिम स्थगिती देने की मांग की गई. लेकिन तब अदालत ने स्पष्ट किया था कि, इस कानून का लाभ लेकर शिक्षा संस्थाओं में प्रवेश हासिल करनेवाले व सरकारी नौकरी प्राप्त करनेवाले लोगों का भविष्य इस मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा.
* नीट छात्रों की याचिका पर जवाब दो
अदालत ने मराठा आरक्षण कानून की वैधता चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को करने की बात कही. साथ ही नीट के विद्यार्थियों द्वारा दायर याचिका पर आगामी 10 जुलाई तक जवाब पेश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया.

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