पडोले की आक्रामकता से छुट्टी पर चले गए मनपा आयुक्त
मंत्री महोदय के रिमार्क पर भी काम करने से आयुक्त का था इनकार

* दो साल से अपने पास लटकाकर रखी है कई फाईलें
* मनपा आयुक्त नहीं कर रहे है रूटीन से हटकर कोई भी काम
अमरावती/दि.13- शिंदे गुट वाली शिवसेना के जिला प्रमुख अरुण पडोले द्वारा विगत लंबे समय से जानबुझकर प्रलंबित रखे गए एक काम को लेकर दिखाई गई आक्रामकता के चलते मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे अकस्मात ही अवकाश पर चले गए, ऐसी जानकारी सामने आई है. पता चला है कि, अरुण पडोले इस काम से संबंधित मामले की फाईल को सीधे संबंधित विभाग के मंत्री तक लेकर गए थे और मंत्री द्वारा ‘तत्काल कार्रवाई’ का रिमार्क लिखकर दिए जानेे के बावजूद आयुक्त सचिन कलंत्रे ने संबंधित फाईल पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे मंत्रालय भेजने में टालमटोल करनी जारी रखी. जिससे संतप्त होकर विगत मंगलवार को शिंदे सेना के जिला प्रमुख अरुण पडोले ने मनपा आयुक्त से मुलाकात करते हुए उन्हें साफ शब्दों में चेतावनी दी थी कि, यदि शाम 5 बजे तक उक्त फाईल पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो वे मनपा आयुक्त की कुर्सी को आयुक्त के कक्ष से बाहर निकालकर रखने के साथ ही पूरी मीडिया को मनपा मुख्यालय में ही बुलाकर पत्रवार्ता करेंगे. पडोले द्वारा दिखाई गई इस आक्रामकता के तुरंत बाद मनपा आयुक्त व प्रशासक सचिन कलंत्रे 4 से 5 दिनों के आकस्मिक अवकाश पर चले गए, ऐसी जानकारी सामने आई है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक करीब दो वर्ष पहले शिंदे गुट वाली शिवसेना के जिला प्रमुख अरुण पडोले ने अपने एक मित्र की 37 (1) ग्रीन जोन-यलो जोन से संबंधित फाईल आगे की कार्रवाई के लिए मनपा प्रशासन को सौंपी थी. जिस पर सहायक संचालक नगर रचना की रिपोर्ट भी हो चुकी है और इस फाईल पर मनपा आयुक्त की अंतिम रिपोर्ट होना बाकी है. जिसके बाद इस फाईल को मंत्रालय भेजा जाना है. परंतु विगत दो वर्षों से यह फाईल मनपा आयुक्त के कक्ष में पडी धूल खा रही है. जिसे लेकर अरुण पडोले अब तक आयुक्त कलंत्रे के साथ दर्जनो बार मुलाकात कर चुके है. लेकिन हर बार आयुक्त कलंत्रे द्वारा उन्हें टालमटोल वाले जवाब ही दिए जाते रहे. ऐसे में अरुण पडोले ने मुंबई जाकर संबंधित विभाग के मंत्री से इस बारे में बातचीत की और उन्हें अपने प्रस्ताव से संबंधित दस्तावेज भी दिखाए. जिन्हें पूरी तरह से योग्य पाते हुए संबंधित मंत्री ने उस फाईल पर आयुक्त के नाम ‘तत्काल कार्रवाई’ का रिमार्क लिखकर दिया और मंत्री के स्वीय सहायक ने खुद इस बारे में आयुक्त कलंत्रे के साथ फोनपर बात करते हुए उन्हें पडोले की ओर से मिली फाईल पर आवश्यक कार्रवाई कर उक्त फाईल को तुरंत मंत्रालय भेजने हेतु कहा. जिसके बाद अरुण पडोले ने इस बारे में करीब तीन से चार बार आयुक्त कलंत्रे के साथ मुलाकात करते हुए उनसे संबंधित फाईल पर दस्तखत कर उक्त फाईल को मंत्रालय भेजने हेतु कहा. साथ ही मंत्री द्वारा दिए गए रिमार्क का हवाला भी दिया. परंतु इसके बावजूद भी आयुक्त कलंत्रे अपनी भूमिका पर अडे रहे और टस से मस नहीं हुए. जिसके चलते विगत मंगलवार को एक बार फिर इसी मुद्दे को लेकर आयुक्त के साथ चर्चा करने पहुंचे अरुण पडोले ने आयुक्त कलंत्रे को साफ तौर पर अल्टीमेटम दिया कि, यदि आज शाम 5 बजे तक उक्त फाईल पर कोई निर्णय नहीं होता है, तो वे आयुक्त की कुर्सी को आयुक्त के कमरे से बाहर निकालकर पूरी मीडिया को मनपा मुख्यालय में बुलाकर यहीं पर पत्रकार परिषद करेंगे. लेकिन इसके तुरंत बाद मनपा आयुक्त कलंत्रे अचानक ही 4 से 5 दिनों की छुट्टी पर चले गए और जिस फाईल को लेकर यह तनातनी चल रही थी, वह फाईल एक बार फिर अधर में ही लटकी रह गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे के खिलाफ इस तरह की और भी कई शिकायते है. जिनके अनुसार आयुक्त कलंत्रे ऐसी ही लगभग दर्जनो फाईलों को अपने पास दबाकर बैठे है. जिन पर विगत लंबे समय से कोई निर्णय नहीं हुआ है और इन फाईलों पर आयुक्त कलंत्रे द्वारा कोई भी सकारात्मक या नकारात्मक फैसला भी नहीं दिया जा रहा. साथ ही साथ नियमों का हवाला देते हुए आयुक्त कलंत्रे द्वारा ऐसे कामों को रुटीन से बाहर वाले काम बताकर उन्हें पेंडींग रखा जाता है. जिसके चलते आयुक्त के कक्ष में प्रलंबित फाईलों का अच्छा-खासा ढेर लग गया है.
* तबादले हेतु तीन बार मुंबई वारी
जानकारी यह भी है कि, आयुक्त कलंत्रे अमरावती मनपा में ज्यादा समय तक बने रहने के बिलकुल भी इच्छुक नहीं है और अपने तबादले के लगातार प्रयासरत है. जिसके तहत वे अब तक तीन बार अपने तबादले हेतु मुंबई मंत्रालय भी जाकर आए है. ऐसे में यह संभावना भी जताई जा रही है कि, संभवत: पडोले द्वारा आक्रामक रवैया अपनाए जाने के बाद वे एक बार फिर अपने तबादले की कोशिश के तहत आकस्मिक अवकाश डालकर मुंबई ही रवाना हुए है. सूत्रों के मुताबिक किसी बडे पद पर जाने के इच्छुक आयुक्त कलंत्रे अपनी प्रशासनिक छवी को पूरी तरह से बेदाग रखना चाहते है. यही वजह है कि, किसी काम के चलते अपने दामन पर छीटें उडने की संभावना को ध्यान में रखते हुए आयुक्त कलंत्रे द्वारा कोई काम ही नहीं किया जाता. ताकि वे किसी भी तरह की झंझट में न फंसे. लेकिन आयुक्त कलंत्रे की काम ही नहीं करने की इस अनूठी कार्यशैली के चलते आम अमरावतीवासियों को काफी झंझटों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है, इस बात की अनदेखी भी नहीं की जा सकती.
* कलंत्रे का सतर्क रवैया
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जबसे सचिन कलंत्रे अमरावती महारनगर पालिका में आयुक्त व प्रशासक के तौर पर पदस्थ हुए है, तब से ही वे काफी सतर्क रवैया रखते हुए काम कर रहे है. ताकि कोई भी बात उनके उपर उलटकर भारी न पड सके. आयुक्त का पदभार संभालते ही सचिन कलंत्रे ने स्पष्ट कर दिया था कि, उनके आने से पहले जिन कामों में थोडबहुत भी पैसों का व्यवहार हुआ है, उनका ऐसे मामलों से कोई लेना-देना नहीं है. यही वजह है कि, विभिन्न कामों के ठेके अथवा किसी एक काम के ठेके की रिंग सहित टीडीआर, निर्माण, जमीन के ग्रीन टू यलो जोन, मलाईदार पदों का ट्रांसफर तथा नेताओं के करीबी लोगों के कामों से आयुक्त सचिन कलंत्रे ने एकतरह की दूरी बना रखी है और वे ऐसे कामों की फाईलों को शुरु से ही लटकाकर रखे हुए है. सूत्रों के मुताबिक संभवत: ऐसे कामों को टालने और इन कामों की वजह से आनेवाले राजनीतिक दबाव से बचने के लिए ही आयुक्त कलंत्रे बार-बार आकस्मिक अवकाश पर चले जाते है, ऐसा अब तक करीब पांच बार हुआ है. साथ ही पता चला है कि, हर बार छुट्टी पर जाते ही आयुक्त कलंत्रे मुंबई के लिए रवाना हो जाते है. जहां पर वे अमरावती से अपना तबादला कहीं ओर करवाने के लिए प्रयासरत रहते है.
* पॉजिटिव या निगेटिव कोई तो रिस्पॉन्स मिलना जरुरी
इस संदर्भ में जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किए जाने पर शिंदे गुट वाली शिवसेना के जिला प्रमुख अरुण पडोले का कहना रहा कि, उन्होंने किसी गलत काम के प्रस्ताव की फाईल मनपा आयुक्त को नहीं सौंपी है. उस प्रस्ताव में सबकुछ नियमानुकूल है. जिसपर एडीटीपी की रिपोर्ट मिलने के साथ ही इससे पहले एक बार तत्कालीन मनपा आयुक्त देवीदास पवार की अंतिम रिपोर्ट भी मिल चुकी है. परंतु उस समय उस फाईल पर ‘आगे के सभी कामों हेतु लागू’ का उल्लेख करना रह गया था. ऐसे में अब उस फाईल पर मौजूदा निगमायुक्त सचिन कलंत्रे के दस्तखत होना आवश्यक है. लेकिन मंत्री द्वारा रिमार्क दिए जाने के बावजूद आयुक्त कलंत्रे उस फाईल को निपटाने में आनाकानी कर रहे है. जिसकी वजह से उन्होंने आयुक्त कलंत्रे को विगत मंगलवार शाम 5 बजे तक अल्टीमेटम दिया था. लेकिन उसके तुरंत बाद आयुक्त कलंत्रे एक बार फिर अकस्मात छुट्टी पर चले गए.