पांच माह में पारिवारिक हिंसा के 57 मामले
विविध वजहों के चलते विवाहिताओं की प्रताडना

अमरावती /दि.16– पुणे के वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले के बाद विवाहिताओं के साथ होनेवाली प्रताडना की वजह से हत्या, आत्महत्या व दहेज बली जैसे मुद्दे एक बार फिर चर्चा में है. अकेले अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत ही विगत पांच माह के दौरान 57 अपराधिक मामले दर्ज किए गए है, ऐसी जानकारी सामने आई है.
कभी मायके से पैसा लाने का तगादा तो कभी चरित्र पर संदेह जैसी वजहों के चलते कई विवाहिताओं को आत्महत्या हेतु प्रवृत्त किया जाता है, या फिर उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया जाता है. इसके अलावा दिनभर अपनी मां से क्यों बात करती हो, तु हमें पसंद नहीं थी, तेरे बच्चे किसी ओर के है जैसे आरोप लगाते हुए भी कई बार ससुराली विवाहिताओं की जान के दुश्मन बन जाते है. ऐसे कई मामलों का शिकार रहनेवाली महिलाएं पुलिस की महिला सेल में पहुंचती है. जहां पर दोनों पक्षों के बीच आपसी समन्वय स्थापित नहीं होने पर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जाती है. जारी वर्ष के दौरान अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में ऐसे करीब 57 मामले दर्ज किए गए है.
* पारिवारिक प्रताडना जैसे मामलो में सबसे पहली प्राथमिकता दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित कर उन्हें समझाना-बुझाना होता है. जिन मामलों में ऐसा नहीं हो पाता, उन मामलो में पारिवारिक प्रताडना के मामले दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है.
– कल्पना बारावकर
पुलिस उपायुक्त
* मोबाइल लॉक भी बन रहा फसाद की जड
इन दिनों कई दंपतियों के बीच उनके मोबाइल में रहनेवाला लॉक भी पारिवारिक कलह की सबसे बडी वजह बन रहा है. साथ ही साथ मोबाइल के अति प्रयोग व उनके सोशल मीडिया अकाउंट की गतिविधियां भी दंपतियों को विवाद वाली स्थिति में लेकर जा रहे है.