जारिदा उपकेंद्र हेतु मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में वन जमीन की मंजूरी
सांसद बलवंत वानखडे के प्रयास रहे सफल

अमरावती/दि.17 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में जारिदा उपकेंद्र हेतु 33 केवी ट्रांसमिशन लाइन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दी गई है. जिसके चलते इस हेतु जिले के सांसद बलवंत वानखडे द्वारा सतत किए जा रहे प्रयास पूरी तरह से सफल साबित हुए है.
बता दें कि, जारिदा गांव में विद्युत उपकेंद्र हेतु आवश्यक रहनेवाली वन जमीन हासिल करने के लिए सांसद वानखडे द्वारा 20 फरवरी 2025 को भेजे गए पत्र की दखल लेते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन व मौसम मंत्रालय द्वारा 12 मई 2025 को जारी पत्रानुसार 0.8935 हेक्टेअर आरक्षित वन जमीन को ट्रांसमिशन लाइन हेतु प्रयोग में लाए जाने के लिए पूर्वलक्षी मंजूरी प्रदान की गई है. इस मंजूरी के चलते डीटीडीसी टीएसपी योजना अंतर्गत 33 केवी ट्रांसमिशन लाइन व उपकेंद्र के निर्माण का रास्ता खुल गया है.
इसके अलावा महावितरण ने अमरावती जिले के मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के बफर जोन में सिपना पश्चिम वन विभाग अंतर्गत जारिदा गांव में विद्युतीकरण हेतु उपकेंद्र स्थापना का प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में कुल 1.343 हेक्टेअर क्षेत्रफल वाली जमीन शामिल थी. जिसमें 0.1 हेक्टेअर वन जमीन, 1.123 हेक्टेअर गैर वन जमीन तथा 0.12 हेक्टेअर अन्य वन जमीन का समावेश था. यह प्रस्ताव 12 मार्च 2025 को केंद्रीय पर्यावरण, वन व मौसम विभाग के मंत्री के अध्यक्षता के तहत हुई 82 वीं स्थायी समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया था और इस बैठक में प्रस्ताव के लिए सिफारिश की गई है. जिसे जल्द ही अंतिम मंजूरी भी मिल जाएगी. इस निर्णय के चलते जारिदा सहित आसपास के परिसर में स्थित गांवों में विद्युत आपूर्ति सुलभ हो जाएगी. इसकी वजह से विगत कई वर्षों से बिजली की प्रतीक्षा में रहनेवाले आदिवासियों को राहत मिलेगी. साथ ही बिजली उपलब्ध हो जाने के बाद इस परिसर में स्थानीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ सुविधा व रोजगार निर्मिती को गतिमानता मिलेगी, ऐसा विश्वास भी जताया जा रहा है. जिसके लिए सांसद बलवंत वानखडे द्वारा केंद्र सरकार के साथ सतत समन्वय रखते हुए किए गए प्रयास व नियोजनपूर्ण कार्यों को पूरा श्रेय दिया जा सकता है.





