आखिर क्यों हुआ आयुक्त कलंत्रे का आकस्मिक तबादला?
अमरावती में एक साल का कार्यकाल भी नहीं किया पूरा

* ऐन चुनावी मुहाने पर ‘तडकाफडकी’ तबादले से हैरत
* हैरान-परेशान कलंत्रे ही तबादले हेतु थे इच्छुक
* विविध तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म
अमरावती /दि.18- 2 जुलाई 2024 यानि करीब साढे 11 महिने पहले आईएएस दर्जा प्राप्त प्रशासनिक अधिकारी सचिन कलंत्रे को अमरावती महानगर पालिका में आयुक्त व प्रशासक के तौर पर नियुक्ति दी गई थी. जिनका कल मंगलवार 17 जून को अकस्मात अमरावती मनपा से यशदा (पुणे) में तबादला करते हुए उनके स्थान पर आईएएस अधिकारी सौम्या शर्मा की नियुक्ति की गई है. ऐसे में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सचिन कलंत्रे का अमरावती से ऐन मनपा के चुनावी मुहाने पर तबादला हो जाने को लेकर काफी हैरत वाला माहौल है और इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं भी चल पडी है.
बता दें कि, मनपा आयुक्त पद पर किसी भी अधिकारी की नियुक्ति लगभग तीन वर्ष के लिए होती है. परंतु विगत साढे तीन वर्षों के दौरान अमरावती मनपा ने तीन आयुक्त व प्रशासक देख लिए है. जिस समय 8 मार्च 2022 को अमरावती मनपा के सभागृह का कार्यकाल खत्म होकर प्रशासक राज लागू हुआ था, तब आयुक्त के तौर पर प्रवीण आष्टीकर कार्यरत थे. जिन्होंने प्रशासक के तौर पर कामकाज संभाला. जिनकी सेवानिवृत्ति के बाद अगले आयुक्त व प्रशासक के तौर पर देवीदास पवार आए. जिनके स्थान पर कुछ समय बाद नितिन कापनीस की नियुक्ति हुई थी. परंतु देवीदास पवार ने अपने तबादले को मैट में चुनौती दी थी. जिसके चलते नितिन कापनीस अमरावती आकर यहां से बैरंग वापिस लौट गए थे. परंतु एक वर्ष पहले देवीदास पवार का संभागीय आयुक्तालय में सहआयुक्त के तौर पर तबादला हुआ था. जिनके स्थान पर 2 जुलाई 2024 को आयुक्त व प्रशासक के रुप में सचिन कलंत्रे ने अपना पदभार संभाला था. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विगत साढे तीन वर्षों के दौरान अमरावती मनपा ने तीन नहीं, बल्कि साढे तीन आयुक्त व प्रशासक देख लिए.
यहां यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि, विगत साढे तीन वर्षों के दौरान भले ही मनपा के सभागार में निर्वाचित जनप्रतिनिधि नहीं थे और प्रशासक राज के दौरान मनपा प्रशासन के पास खुलकर काम करने का पूरा मौका था. लेकिन विगत साढे तीन वर्षों के दौरान अमरावती मनपा पर एक भी प्रशासक की मजबूत पकड नहीं देखी गई, बल्कि सभी आयुक्त स्थानीय नेताओं की राजनीति व आपसी सिरफुटव्वल में फंसते व पिसते नजर आए. जिससे आयुक्त सचिन कलंत्रे भी अछूते नहीं रह सके. ऐसे में कचरे एवं साफसफाई के ठेके को लेकर लगातार होनेवाले राजनीतिक हस्तक्षेप व दबाव से परेशान होकर आयुक्त कलंत्रे ने अमरावती आने के कुछ समय बाद ही यहां से कहीं अन्य तबादला मांगना शुरु कर दिया था. जिसके चलते आयुक्त कलंत्रे लगभग हर दो महिने में ‘मुंबई वारी’ किया करते थे और बार-बार आकस्मिक अवकाश पर भी जाया करते थे.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती मनपा में कचरा संकलन, साफसफाई व मनुष्यबल आपूर्ति जैसे कई कामों के ठेके शहर की राजनीति में अपनी जबरदस्त पकड रखनेवाले विधायक खोडके दंपति एवं विधायक रवि राणा के कई करीबी लोगों के पास है. जिसके चलते इन कामों को लेकर मनपा प्रशासन पर जबरदस्त राजनीतिक दबाव रहता है. साथ ही खोडके व राणा गुटों के बीच रहनेवाली आपसी प्रतिस्पर्धा का असर भी मनपा प्रशासन पर पडता है. जिससे आयुक्त कलंत्रे काफी हद तक परेशान हो चले थे, ऐसी जानकारी है और इसी वजह से उन्होंने काम नहीं करने को ही अपने काम करने की नीति बना ली थी, ताकि किसी भी काम का ठीकरा उन पर न फुटे और उनका दामन दागदार भी न हो. यहां यह भी ध्यान दिया जा सकता है कि, राणा गुट व खोडके गुट के बीच मनपा में चलनेवाले ‘कोल्ड वॉर’ की वजह से ही विगत दिनों शहर में जगह-जगह व्याप्त कचरे व गंदगी की समस्या को लेकर बलवंत वानखडे जैसे सांसद स्तर के नेता को मनपा में आकर बैठक करते हुए आवश्यक निर्देश देने पडे थे. जिससे मनपा में चल रहे अथवा नहीं चलनेवाले कामकाज का सहज अनुमान लगाया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक यही वजह है कि, जबरदस्त राजनीतिक हस्तक्षेप व दबाव से परेशान होकर बार-बार आकस्मिक अवकाश पर जानेवाले आयुक्त कलंत्रे ने इस बार सीएम फडणवीस के सामने सीधे अपनी बीमारी की वजह को रखा. पता चला है कि, इस समय आयुक्त कलंत्रे अपने घर पर आराम कर रहे है और उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन भी लगाना पड रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा आनन-फानन में आयुक्त कलंत्रे का अमरावती से यशदा (पुणे) के उपसंचालक पद पर तबादला कर दिया गया और उनके स्थान पर नागपुर स्मार्ट सिटी की सीईओ सौम्या शर्मा को अमरावती मनपा आयुक्त के तौर पर नियुक्ति दी गई है.

* 13 वर्ष बाद अमरावती मनपा को मिलने जा रहा डायरेक्ट आईएएस
बता दें कि, इससे पहले सन 2012 में नवीन सोना के रुप में अमरावती महानगर पालिका में आयुक्त के तौर पर आखरी बार यूपीएससी उत्तीर्ण आईएएस अधिकारी की नियुक्ति हुई थी. वहीं अब 13 वर्ष बाद सौम्या शर्मा के तौर पर अमरावती मनपा को डायरेक्ट आईएएस अधिकारी मिलने जा रहा है. हालांकि मौजूद आयुक्त सचिन कलंत्रे भले ही एमपीएससी उत्तीर्ण कर राज्य की प्रशासनिक सेवा में आए थे. लेकिन उनके शानदार सेवाकाल को देखते हुए उन्हें आईएएस प्रमोट किया गया था. ऐसे में वे भी अमरावती मनपा आयुक्त पद पर आईएएस दर्जा प्राप्त अधिकारी के तौर पर नियुक्त थे.





