बारिश में पीलिया होने का होता है खतरा

बीमारी से बचने सावधानी जरुरी

अमरावती /दि.19- बारिश के मौसम दौरान कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलती है. जिसके चलते बारिश के मौसम दौरान बाहर खुले में मिलनेवाले खाद्यपदार्थों सहित तले हुए पदार्थों का सेवन टालना चाहिए. साथ ही पानी को अच्छी तरह से उबालकर व छानकर पीना चाहिए अन्यथा बारिश के मौसम दौरान पीलिया नामक बीमारी होने की संभावना सबसे अधिक रहती है.

* अस्पताल में इलाज कराना जरुरी
अमुमन पीलिया की बीमारी होते ही मरीज को किसी तंत्र-मंत्र व झाडफुंक करनेवाले व्यक्ति के पास ले जाया जाता है. जो मरीज को झाडपत्ती की कोई दवाई देता है. जिससे पीलिया ठीक होने का विश्वास भी रखा जाता है, परंतु ऐसा करना स्वास्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में पीलिया के मरीज की झाडफुंक कराने की बजाए उसे अस्पताल में ले जाकर डॉक्टर के जरिए उसका इलाज करवाना चाहिए.

* क्यों होता है पीलिया?
पीलिया होने की मुख्य वजह दूषित पानी व अस्वच्छ खाद्यपदार्थों का सेवन करना है. ऐसे में नागरिकों ने पानी को अच्छी तरह से उबालकर व छानकर पीना चाहिए. साथ ही खुले में रखे खाद्यपदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए. इसके अलावा साफसफाई को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए.

* क्या सावधानी जरुरी?
– पानी को उबालकर पीये, घर पर बने साफसुथरे भोजन का सेवन करे, सडक पर बिकनेवाले खाद्यपदार्थों तथा भेल व चाट जैसे तले हुए पदार्थों का सेवन करना टाले.
– हाथों को अच्छी तरह से धोएं, सैनिटाइजर का प्रयोग करें, बारिश के मौसम दौरान दूषित पानी का सेवन करने से विषाणुजन्य बीमारी का संक्रमण हो सकता है.
– खान व पीने की ओर ध्यान देने के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति ने अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.

* पीलिया के तीन प्रकार
पीलिया की बीमारी के तीन प्रकार होते है. जिसके तहत प्री-हेपेटिक, इंट्रा-हेपेटिक व पोस्ट-हेपेटिक जैसे पीलिया के तीन प्रकार माने जाते है.

* बीमारी के लक्षण
पीलिया की बीमारी में आंखों के भीतर सफेद रंग वाला हिस्सा पीला दिखाई देने लगता है. साथ ही शरीर की पूरी त्वचा पर भी पीलापन दिखाई देता है. इस बीमारी में मरीज को भूख नहीं लगती तथा जमकर थकान महसूस होती है. साथ ही पेट दर्द व उलटी की शिकायत होती है और गहरे पीले रंग की पेशाब भी होती है.

* बारिश के मौसम दौरान विविध संक्रामक बीमारियां होने का खतरा रहता है. ऐसे समय पानी को उबालकर पीना चाहिए, तथा बाहर खुले में रखे हुए व तले हुए खाद्यपदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. घर में पीने हेतु प्रयुक्त होनेवाले पानी की शुद्धता की जांच करना भी जरुरी है. साथ ही किसी व्यक्ति को पीलिया होने पर उसकी झाड-फुक कराने के बजाए उसे अस्पताल ले जाकर डॉक्टर के जरिए उसका इलाज करवाना चाहिए.
डॉ. प्रीति मोरे
फिजिशियन, जिला सामान्य अस्पताल.

Back to top button