ठेकेदारों के 80 हजार करोड अटके
वित्त विभाग में नहीं है कौडी भी

* विकास फंड वितरण फाइल रोकी जा रही
अमरावती/ दि. 19- प्रदेश के विकास कामों हेतु फंड वितरण की फाइलें गत दो माह से वित्त विभाग में नहीं भेजी गई है. इसका कारण विभाग के पास धन उपलब्ध नहीं हैं. इस वजह से राज्य के ठेकेदारोें के लगभग 80 हजार करोड के बिल प्रलंबित हैं. अभी फंड वितरण की फाइल को नो एन्ट्री कहे जाने का दावा राज्य ठेकेदार महासंघ और अभियंता संगठन के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने किया. उन्होंने बताया कि अनेक प्रकार की निधि से अनेकानेक विकास कार्य किए गये हैं. सडक, बिजली, पानी से लेकर भवन निर्माण तक हो चुके हैं. किंतु ठेकेदारों, सुशिक्षित रोजगार अभियंता, भूविकासक, मजदूर संस्थाओं के बिल बकाया हो गये हैं.
उन्होंने बताया कि गत 3 माह से निधि वितरण की डेडलाइन खत्म होने के बाद भी एक धेला तक ठेकेदारों को नहीं दिया गया. जबकि संगठन के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री और लोनिवि मंत्री की विगत फरवरी तथा मार्च में बैठकेें हो चुकी है. उस समय आश्वासन दिया गया था कि नया वित्त वर्ष शुरू होते ही फंड उपलब्ध कराया जायेगा. मिलिंद भोसले ने बताया कि जून माह आधा बीते गया. अभी भी फंड का अता- पता नहीं है. विकास कार्यो के हेड बनाकर फाइल निधि वितरण हेतु वित्त विभाग को भेजी जाती है. गत दो माह से ऐसी फाइल रोके जाने का अघोषित फरमान जारी होेने का दावा भोसले ने किया. फंड कब आयेगा और निधि वितरण होगी, इस बारे में प्रश्न करने पर उत्तर मिलता है कि मख्यमंत्री, वित्तमंत्री अथवा लोनिवि मंत्री से बात करें.
ठेकेदार संगठन ने दावा किया कि जिला नियोजन अर्थात डीपीसी, विधायक फंड, सेस फंड, डिपॉजिट वर्कर्स फंड, विधायकों का विशेष फंड, ग्रामविकास, लोनिवि, भवन रखरखाव, सडक मरम्मत और गढ्ढे जैसे अनेक लेखाशीर्ष के बिल अटके पडे हैं. जिसकी रकम 80 हजार करोड को पार कर गई है.





